चीन के षड्यंत्र की वजह से ब्रह्मपुत्र का पानी पंकिल

नई दिल्ली: चीन ब्रम्हपुत्र नदी पर निर्माण कर रहे टनेल के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। उत्तर अरुणाचल प्रदेश की जीवन वाहिनी ऐसी पहचान होने वाले इस नदी का पानी पंकिल बन गया है और आनेवाले समय में यह पानी पीने के लिए योग्य नहीं रहेगा, ऐसी चिंता अरुणाचल प्रदेश के सांसद सदस्यों ने व्यक्त की है। इस संदर्भ में इन संसद सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। चीन ब्रम्हपुत्र पर बांध निर्माण करके भारत के हिस्से का पानी छीन रहा है। जिसकी वजह से उत्तर पूर्व भारतीय राज्य खतरे में आ सकते हैं, ऐसा इशारा विशेषज्ञों से दिया जा रहा है।

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ब्रम्हपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश में सियांग के तौर पर पहचानी जाती है। इस नदी मे अब काला एवं पंकिल पानी दिखाई दे रहा है। यह एक गंभीर घटना है। ठंड के इन दिनों में नदी में ऐसा पानी कभी दिखाई नहीं दिया था, ऐसी शिकायत स्थानीय लोगों से की जा रही है। कीचड़ भरे पानी की वजह से नदी के जलचर को खतरा निर्माण हुआ है और का फी मत्रा में जलचर मृत हुए हैं। ऐसी परिस्थिति अगर कायम रही तो सियांग का पानी पीने योग्य नहीं रहेगा, ऐसी चिंता अरुणाचल प्रदेश के सांसद निनॉन्ग एरिंग ने व्यक्त की है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर एरिंग ने यह समस्या उनके सामने प्रस्तुत की। उत्तर अरुणाचल प्रदेश की जीवन वाहिनी के तौर पर यह सियांग नदी पहचानी जाती है। यह नदी प्रदूषित हुई तो पीने के पानी मे कमी निर्माण होगी और खेती भी इससे प्रभावित हो सकेगी। इसकी वजह से इन समस्याओं पर गंभीरता से देखा जा रहा है।

अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट सियांग जिले के उपायुक्त तामिओ तातक ने नदी के प्रदूषण के पीछे चीन का षड्यंत्र होने का आरोप किया है। इस नदी के पानी के नमूने राष्ट्रीय जल आयोग को भेजे जाने की जानकारी तातक ने दी है। चीन दक्षिण तिबेट से भारत में आनेवाली ब्रम्हपुत्र नदी पर बाँध निर्माण कर रहा है और वहां का सीमेंट और अन्य कचरा इस नदी में फेंका जा रहा है। इसकी वजह से यह नदी पंकिल बनने के बाततातकने स्पष्ट की है। चीन द्वारा ब्रम्हपुत्र नदी पर बाँध निर्माण करने की खबरें इससे पहले भी प्रसिद्ध हुई थी। अपने झिजियांग प्रांत में ब्रम्हपुत्र का पानी मोड़ने का चीन का प्रयत्न है। इसके लिए चीन यह टनेलनिर्माण करने का आरोप किया जा रहा है और चीन ने इन मामलो को नजर अंदाज किया है। तथा ब्रम्हपुत्र नदी से कितना पानी विसर्जित हो जा रहा है, इसकी जानकारी भारत को चीन से अब नहीं मिल रही। इसके द्वारा भारत पर दबाव लाकर राजनैतिक हेतु साध्य करने की तैयारी चीन ने की है। इसकी वजह से आनेवाले समय में भारत से तीव्र प्रतिक्रिया आ सकती है।

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