भारत पाकिस्तान पर कसें निर्बंधों का फंदा – भारतीय अभ्यासगुट का आवाहन

नई दिल्ली – ‘फायनॅन्शियल अॅक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ), जी२० और आंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने लटकाये हुए पाकिस्तान पर का दबाव बढ़ाने का मौक़ा भारत व्यर्थ ना गँवायें। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत इसके बाद कड़े निर्बंध थोंपने का रवैया अपनायें। भारत के साथ पाकिस्तान से भी व्यवहार करनेवालीं चिनी कंपनियों को भारत कठोरता से लक्ष्य करें, ऐसा मशवरा ‘गेटवे हाऊस’ इस अभ्यासगुट ने दिया है।

पिछले कुछ सालों से भारत ने ‘नेबरहूड फर्स्ट’ अर्थात् पड़ोसी देशों को सर्वाधिक प्राथमिकता, ‘अॅक्ट इस्ट पॉलिसी’ अर्थात् पूर्वीय देशों के संदर्भ में सक्रियता, बहुस्तंभीयवाद का पुरस्कार करनेवाली विदेश नीति और क्षेत्रीय विकास इन्हें प्राथमिकता दी है। इसे बड़ी सफलता मिलने लगी होकर, इससे भारत का प्रभाव भारी मात्रा में बढ़ा है। इस प्रभाव का इस्तेमाल कर भारत पाकिस्तान पर के निर्बंध बढ़ायें और इस देश की घेराबंदी करें, ऐसा ‘गेटवे हाऊस’ ने कहा है।

‘डिवायजिंग एन इंडियन पॉलिसी ऑन सँक्शन्स फॉर पाकिस्तान’ ऐसा शीर्षक रहनेवाली इस रिपोर्ट में इस अभ्यासगुट ने अपने मुद्दे प्रस्तुत किये हैं। साथ ही, इस अभ्यासगुट ने अन्य कुछ प्रस्ताव भी सूचित किये हैं। भारत में भी बड़ा मार्केट रहनेवालीं और पाकिस्तान में कारखाने चलानेवालीं ‘ओप्पो’, ‘हायर’, ‘मॉरिस गॅरेजेस’ इन चिनी कंपनियों को लक्ष्य किया जा सकता है, ऐसा इस रिपोर्ट में नमूद किया जा सकता है।

‘उसीके साथ, भारत अपनी निर्यातविषयक नीति अधिक सख़्त करें। कोई भी देश भारत से आयात किये जानेवाले माल की निर्यात पाकिस्तान को नहीं करेगा, ऐसे कठोर नियम बनायें। इसके लिए, भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ की नीति में बड़ी कल्पकता दिखाकर बदलाव करें’, ऐसा इस अभ्यासगुट ने कहा है। भारत सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा समिती से लेकर गृह, रक्षा, विदेश, व्यापार, वस्त्रोद्योग आदि मंत्रालय यदि इस बारे में अधिक सक्रिय और सख़्त भूमिका अपनायेंगे, तो पाकिस्तान को निर्बंधों की कैची में पकड़ना आसान होगा, ऐसा विश्वास इस रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है।

गत वर्ष के ५ अगस्त को, भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्ज़ा देनेवाला कलम ३७० निकाल देने पर पाकिस्तान ने ही भारत के साथ के संबंध तोड़ दिये। द्विपक्षीय व्यापार भी पाकिस्तान ने रोक दिया था। फिर भी, भारत के अन्य पड़ोसी देशों के साथ ही, खाड़ीक्षेत्र के देशों से भारतीय उत्पादन पाकिस्तान के मार्केट तक पहुँचाये जाते हैं। इस प्रकार से दोनों देशों में होनेवाला अप्रत्यक्ष व्यापार भी प्रतिवर्ष चार अरब डॉलर्स इतना है। इस व्यापार को भी रोकने के प्रयास भारत को करना ही चाहिए। उसके लिए अधिक सख़्त नियम लागू करें, ऐसी माँग ‘गेटवे हाऊस’ने की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.