युरोपीय महासंघ के ‘सुपरस्टेट’ संकल्पना पर हंगेरी के प्रधानमंत्री की टीका

बुडापेस्ट: जर्मनी, फ्रांस एवं युरोपीय महासंघ के वरिष्ठ नेता ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ युरोप’ को गति देने का प्रयत्न कर रहे है और महासंघ मे अन्य देशों से इसे जोरदार विरोध हो रहा है। हंगेरी के प्रधानमंत्री विक्टर और्बन ने ‘युरोपियन नेशन’ ऐसी कोई भी संकल्पना वास्तव मे न होने की टीका की है। हंगेरी के साथ पोलैंड, झेक रिपब्लिक जैसे देशों ने भी इस से पहले युरोपिय महासंघ के ‘सुपर स्टेट’ संकल्पना का विरोध किया था। युरोप के अग्रणी देश होने वाले ब्रिटन ने भी ‘सुपर स्टेट’ इस मुद्दे पर महासंघ पर कड़ी आलोचना की है।

‘युरोपियन नेशन’ इस नाम की कोई भी बात युरोप के अस्तित्व मे नहीं है। युरोप मे स्लोवाक झेक, पोल्स, हंगेरियन, जर्मन और अन्य देश है। युरोपीय महासंघ को सदस्य देश मे परस्पर एक दूसरे के बीच विश्वास अगर बढ़ाना है, तो उसके लिए हर एक सदस्य देश को सामर्थ्यशाली करना आवश्यक है। देश के स्तर पर यंत्रणा सक्षम होंगी, तो ही युरोपीय महासंघ अधिक मजबूत होगा, इन शब्दों मे प्रधानमंत्री और्बन ने महासंघ के ‘सुपर स्टेटस’ संकल्पना पर कड़ी टीका की है।

उस समय और्बन ने महासंघ के नेतृत्व एवं महासंघ की यंत्रणा तथा योजनाओं पर भी जोरदार आलोचना की है। हंगेरी के साथ व्हिसग्रैड गट युरोप मे आगे जाएं, ऐसा लगता है और पीछे होना मुमकिन नहीं होगा। पर महासंघ अब तक मिली सफलता पर पानी फहराने का प्रयत्न कर रही है। शेन्गेन झोन की सुविधा उसका उत्तम उदाहरण है। युरोपीय महासंघ की सभी यंत्रणा उसे कार्यान्वित करने मे असफल होने की बात कही जा रही है। युरोपियन कमीशन काउंसिल एवं संसद सभी यंत्रणा शेन्गेन करार सुरक्षित नहीं रख सके, ऐसा दावा हंगरी के प्रधानमंत्री ने किया है।

पिछले कई वर्षों मे युरोपीय महासंघ से ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ युरोप’ की संकल्पना पर लगातार जोर दिया जा रहा है। ब्रिटन ने युरोपीय महासंघ के बाहर आने का निर्णय लेने के बाद महासंघ के नेता इस विषय मे स्पष्ट रुप से बोलने लगे है। युरोपियन कमीशन के प्रमुख जॉन क्लॉड जंकर ने इस वर्ष अपने स्टेट ऑफ ‘युरोपियन एड्रेस’ मे युनाइटेड स्टेट ऑफ युरोप’ की दिशा मे कदम उठाने से शुरू किए है ऐसा उल्लेख किया था।

महासंघ मे जर्मनी एवं फ्रांस यह दोनों देश ‘युनायटेड स्टेट्स ऑफ युरोप’ के लिए आग्रही होकर वित्त एवं संरक्षण इन दो क्षेत्रों मे युरोपिय देशों को एकजुट लाने की यह योजना आगे ले जाने की गतिविधियां शुरू है। इस संदर्भ मे महासंघ ने गुप्त योजना तैयार करने का दावा प्रसार माध्यमों से किया जा रहा है। महासंघ मे सभी सदस्य देश साथ होने की वजह से चुनिंदा समविचारी देश एकजुट होकर यूनाइटेड स्टेट ऑफ युरोप निर्माण करने का विकल्प भी खुला रखा गया है।

यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ युरोप के इस संकल्पना को पूर्व युरोप के देशों से बड़ी तादाद मे विरोध हो रहा है। हंगेरी, पोलैंड झेक रिपब्लिक और स्लोवाकिया इन देशों ने स्थापन किए व्हिसग्रैड यह गट इसमे अग्रणी पर है। हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर और्बन ने आने वाले वर्ष ‘फ्यूचर ऑफ युरोप’ इस नाम से एक परिषद आयोजित करने के संकेत दिए है और इसमे महासंघ के सदस्य देशों पर जारी किए जाने वाले बातों का विरोध करने की दृष्टि से नीति बनाई जाने वाली है, ऐसा माना जा रहा है।

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