शरणार्थी समुदाय से यूरोप में जनसंख्या बढी

ब्रुसेल्स, दि.११: यूरोप के प्रमुख देशों में जन्म दर का प्रतिशत तेजी से घटता नजर आ रहा है, वहीँ यूरोप की जनसँख्या एक साल में १५ लाख से बढ़ने की बात सामने आई है।‘यूरोस्टेट’ संस्था के अनुसार २०१६ के आखिर में युरोप की जनसँख्या१५ लाख से बढ़ गई है।यूरोप में पिछले दो सालों में आये शरणार्थियों के समूहों की वजह से यह बढत होने की बात सामने आई  है।

२०१६ की शुरुआत में यूरोप की जनसंख्या ५१ करोड ३ लाख थी। १ जनवरी २०१७ तक संख्या में १५ लाख की बढ़ोत्तरी होकर जनसंख्या ५१ करोड १८ लाख हुई यह जानकारी युरोस्टेटने दी।इस एक साल में युरोप में जन्मे और मृत हुए लोगों की संख्या ५१ लाख है। इसलिये जनसंख्या में हुई बढत प्राकृतिक न होकर इसके पीछे अन्य कई कारण हैं।

यूरोप की जनसंख्या में होनेवाली बढ़ोत्तरी के पीछे शरणार्थियों के आने की वजह को युरोस्टेटने स्पष्ट किया है।जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटन में सबसे ज्यादा शरणार्थी हैं।इन तीनो देशों ने शुरुआती समय में खाड़ी और अफ्रीका देशों से आनेवाले शरणार्थियों के लिये ‘ओपन डोर पालिसी’ का स्वीकार किया था।इसी वजह से इन देशों की जनसंख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है।जर्मनी में सबसे अधिक अर्थात् १६ प्रतिशत बढत होने की जानकारी सामने आई है।

शरणार्थियों के समूह और बदलती जीवनशैली की वजह से युरोपीय देशों में सामाजिक चित्र बडे पैमाने पर बदलने का पूर्वाभास विशेषज्ञो ने व्यक्त किया है। शरणार्थियों की वजह से जनसंख्या में होनेवाला परिवर्तन,यही बात इस पूर्वाभास पर मुहर लगाती है।नई रिपोर्ट की वजह से यह बात सामने आई है कि यूरोप में पिछले दो सालों में २० लाख से अधिक शरणार्थी दाखिल हुए हैंऔर अभी भी शरणार्थियों का आना शुरू ही है।

यूरोप में घुसनेवाले शरणार्थियों को हंगेरी और पोलंड जैसे देशों ने विरोध किया था।इन देशों की जनसँख्या में प्राकृतिक बढ़ोत्तरी बड़ी होते हुए भी जनसंख्या में बडा फर्क नहीं हुआ है।इसी कारण शरणार्थी समुदाय का प्रवेश यूरोप में होनेवाले बदलाव का महत्वपूर्ण चरण साबित होने की बात को हर स्तर से समर्थन मिल रहा है।

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