आतंकवाद का ख़तरा टालने के लिए ‘शेन्गेन झोन’ पर बंदी लाए – जर्मनी एवं फ़्रांस की मांग

बर्लिन/पैरिस: युरोपीय देशों में बढ़ने वाले आतंकी हमले रोकने के लिए एवं गैर कानूनी शरणार्थियों की घुसपैठ नियंत्रित करने के लिए युरोप में मुक्त यात्रा की सुविधा होने वाले शेन्गेन झोन पर ४ वर्षों के लिए बंदी लाई जाए ऐसी मांग जर्मनी एवं फ्रांस इन अग्रणी के देशों ने की है। इस मांग का ऑस्ट्रिया, डेनमार्क एवं नॉर्वे जैसे देशोंने समर्थन किया है अल महासंघ के सदस्य देशों में इससे जबरदस्त खलबली फैली है। युरोपीय महासंघ के नियम अनुसार ‘शेन्गेन झोन’ सुरक्षा के कारणों के लिए ६ महीने तक स्थगित किया जा सकता है।

पिछले ९ महीने के कालखंड में युरोपीय देशों में १५ से अधिक आतंकी हमले हुए हैं अल इन आतंकी हमलों में लगभग १०० से अधिक नागरिकों की जान गई है अल सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं। सन २०१५ से युरोप में यह आतंकी हमलों की श्रृंखला शुरु रहते, इमरजेंसी, लष्करी तैनाती, कठोर कानूनों के संकेत, आतंकी गटों पर हुई कार्रवाई, जैसे उपायों के बाद भी इस परिस्थिति में बदलाव नहीं हुआ है। इसकी वजह से युरोपीय जनता में प्रतिदिन असंतोष तीव्र हो रहा है। जिससे आंदोलन अल अन्य माध्यम से प्रतिक्रिया आ रही है।

‘शेन्गेन झोन’युरोपीय देशों में हुए आतंकी हमलों के लिए गैरकानूनी घुसपैठ करने वाले शरणार्थियों का बड़े पैमाने पर जिम्मेदार होने की बात सामने आई है। यह जानकारी सामने आने के बाद युरोपीय देशोंने अल्प समय के लिए उपाय किए है। पर शरणार्थियों का झुंड रोकने के लिए अब तक कोई ठोस उपाय योजना घोषित नहीं की है। युरोप में घुसने वाले आतंकियों ने शरणार्थियों के झुंड का खुलेआम उपयोग करके ‘शेन्गेन झोन’ जैसी सुविधा का भरपूर फायदा उठाने की बात दिखाई दे रही है।

इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी एवं फ़्रांस जैसे देशों ने शेन्गेन झोन अल्प समय के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था। उसके बाद भी शरणार्थियों के झुंड अल आतंकी हमलों की श्रृंखला नहीं रुकने की वजह से अब इस सुविधा पर दीर्घकाल के लिए बंदी लाने के प्रयत्न शुरू किए हैं। इस संदर्भ में युरोपीय महासंघ को सौंपे नए प्रस्ताव में आतंकवादी हमले अल शरणार्थियों की घुसपैठ इन बातों पर ‘अपवादात्मक परिस्थिति’ का कारण जताते हुए, इस ‘अपवादात्मक परिस्थिति’ की पृष्ठभूमि पर ‘शेन्गेन झोन’ लगभग ४ वर्षों के लिए स्थगित करें, ऐसा इस प्रस्ताव में कहा गया है।

महासंघ के अग्रणी देश होने वाले जर्मनी और फ्रांस ने प्रस्तुत किए, इस प्रस्ताव को ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और नॉर्वे जैसे देशों से समर्थन मिलने लगा है। अल्प समय के लिए जारी किए प्रतिबंध महासंघ से स्थगित करने का समय पास आ रहा है अल उसी वक्त इस नए प्रस्तावने सबका ध्यान केंद्रित किया है। युरोपियन कमीशन को इस संदर्भ में ठोस मसौदा तैयार करके ‘शेन्गेन झोन’ के नियमों में बदलाव करने की आग्रही मांग इन देशों से की गई है।

महासंघ के प्रमुख देशोंने इस मांग की वजह से युरोपियन संघ के प्रमुख विशेषताओं में एक माने जानेवाले ‘शेन्गेन झोन’ का भविष्य संकट में आने की बात स्पष्ट हो रही है।

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