भारत-चीन संघर्ष की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान में हुई उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – सन १९६२ में चीन ने असावधान भारत पर यकायक हमला करके लद्दाख के २८ हज़ार चौरस किलोमीटर क्षेत्र पर कब्ज़ा किया था। भारत इस युद्ध में व्यस्त रहते समय, पूरे कश्‍मीर पर कब्ज़ा करने का सुनहरा मौक़ा पाकिस्तान के सामने चलकर आया था। लेकिन, पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष अयूब खान ने इस मौक़े का लाभ नही उठाया। अब भी भारत-चीन सीमा पर बड़ी मात्रा में तनाव बना है और ऐसे में, भारत पर हमला करके पाकिस्तान भारत के हाथ से कश्‍मीर छीन लें, ऐसा मौक़ा दोबारा प्राप्त नहीं होगा, ऐसें दावे पाकिस्तान स्थित भारतविद्वेषी चरमपंथी कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान के तीनों बलों के प्रमुखों की ‘आयएसआय’ के मुख्यालय में हुई बैठक काफी अहमियत रखती है।High-level security meeting in Pakistan

पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, नौसेनाप्रमुख एडमिरल जाफर मेहमूद अब्बासी और वायुसेनाप्रमुख मुजाहिद अनवर खान ‘आयएसआय’ के मुख्यालय में हुई इस बैठक के लिए मौजूद थे। साथ ही, पाकिस्तान के चेअरमन जॉर्इंट चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी (सीजेएससी) के अध्यक्ष जनरल नदीम रझा भी इस बैठक के लिए आयएसआय के मुख्यालय पहुँचे थे। आयएसआय के मुख्यालय में पाकिस्तान के सीजेएससीऔर तीनों रक्षा बलों के प्रमुखों की एक साथ मौजूदगी, यह आम घटना ना होने की बात पाकिस्तान के पत्रकार ही कह रह हैं।

पाकिस्तान संकट के दौर में इस तरह की बैठकें करता है। इससे पहले सन २०१८ में पाकिस्तान में आयएसआय की बैठक का आयोजन हुआ था। इसके दो वर्ष बाद अब ऐसी बैठक हुई है। पाकिस्तान की सेना के ‘इंटर सर्व्हिस पब्लिक रेषेवरील रिलेशन’ (‘आयसीपीआर’) के महासंचालक मेजर जनरल बब्बर इफ़्तिखार ने, जम्मू-कश्‍मीर में भारत कर रहें अत्याचार के मुद्दे पर चर्चा होने की जानकारी साझा की। साथ ही, नियंत्रण रेखा पर भारत द्वारा हो रही गोलीबारी की गंभीरता से दखल ली गयी है, यह दावा इफ़्तिखार ने किया। इसके अलावा, क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा होने का ऐलान भी उन्होंने किया है। इसके ज़रिये, भारत-चीन संबंधों में तनाव बना होते समय, भारत पर दबाव डालने की जानतोड़ कोशिश पाकिस्तान करता हुआ दिख रहा है। इसी बीच, पाकिस्तान के विदेशमंत्री महमूद शाह महमूद कुरेशी ने चीन के साथ बने तनाव के लिए भारत ही ज़िम्मेदार होने का आरोप किया है।

पाकिस्तान में स्थित भारतविश्‍लेषक पूर्व लष्करी अधिकारी, चीन के साथ हो रहे भारत के संघर्ष पर संतोष जता रहे हैं। इस संघर्ष में भारत को कामयाबी हासिल नहीं हो सकेगी, यह कहकर, पाकिस्तान ने इस स्थिति का लाभ उठाना होगा, यह बात ये लोग कर रहे हैं। साथ ही, भारत-चीन संघर्ष में पाकिस्तान भी खींचा जाएगा, ऐसी चिंता इस देश के कुछ समज़दार विश्‍लेषकों ने व्यक्त की है। इसी बीच, लद्दाख के संघर्ष में भारत को व्यस्त रखकर चीन ने, पीओके भारत के कब्ज़े में जाने से बचाया, यह निष्कर्ष पाकिस्तान के कुछ पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं।

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