नाइजीरिया की हिंसा में ५३ की मौत

नाइजीरिया की हिंसागुसाऊ – नाइजीरिया के वायव्य ओर के झम्फारा प्रांत में हुए हमलों में ५३ लोग मारे गए हैं। मृतकों में किसान और चरवाहों का समावेश होने की जानकारी स्थानीय पुलिस ने साझा की। झम्फारा प्रांत में बढ़ रही हिंसा इस क्षेत्र में भयंकर आपदा निर्माण करेगी, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय संगठन ने बीते हफ्ते ही दिया था। इस प्रांत की अर्थव्यवस्था खेती और सोने की खदानों पर निर्भर है।

नाइजीरिया के अस्थिर प्रांतों में से एक झम्फारा में बीते हफ्ते बड़े हमले हुए। हथियारबंद हमलावरों ने झुर्नी जिले के कादावा, क्वाता, मदूबा, गांदा सामू, सौलावा और अस्कावा गांवों पर हमले किए थे। गांववाले, खेतों में काम कर रहे किसान एवं इन हमलों से दूर भाग रहे लोगों को हमलावरों ने लक्ष्य किया। झम्फारा की पुलिस ने प्रदान की हुई जानकारी के अनुसार बीते तीन दिनों के दौरान ५३ गांववालों के शव बरामद हुए हैं। इस घटना के बाद संबंधित क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती होने की जानकारी पुलिस ने प्रदान की।

नाइजीरिया की हिंसाझम्फारा की इस हिंसा के दौरान ६० से ९० लोगों के मारे जाने का दावा कुछ माध्यमों ने किया था। लेकिन, पुलिस ने इस वृत्त का इन्कार करके इन हमलों में मारे जानेवालों की संख्या ६० से ज्यादा ना होने की बात कही। यह हमलावर झुर्नी के जंगलों में छुपे रहते हैं, ऐसा स्थानीय लोगों को कहना है। कुछ दिनों बाद गांववालों पर हमले करके उनके संपत्ति लूटनेवाले एवं पशुओं की चोरी करनेवाले हमलावरों पर कार्रवाई करने के लिए झुर्नी जिले के गांववालों ने कुछ दिन पहले यहां के राजमार्ग को रोक रखा था। लेकिन, स्थानीय पुलिस ने झुर्नी के जंगलों में छुपे हुए हमलावरों पर अभी कार्रवाई नहीं की है।

चार दिन पहले झम्फारा के मालेले एवं रांड़ा गांवों पर हमला करके हमलावरों ने कम से कम ६० महिलाओं का अपहरण किया। इससे पहले फ़रवरी में इसी प्रांत के झांगेबी स्थित पाठशाला से करीबन ३०० छात्राओं का अपहरण किया था। अधिकतम समय हमलावर फिरौती वसूलने के लिए ही अपहरण करते हैं, यह दावा किया नाइजीरिया की हिंसाजा रहा है। लेकिन, हमलों में हो रही बढ़ोतरी और स्थानीय सुरक्षा यंत्रणाओं की अकार्यक्षमता की वजह से यहां की जनता काफी परेशान है। झम्फारा के निवासी नाइजीरिया की सीमा पार करके नायजर पहुँच रहे हैं और इस पर चिंता जताई जा रही है। यही स्थिति बनी रही तो झम्फारा में मानवी संकट निर्माण होगा, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय संगठन ने बीते हफ्ते दिया था।

झम्फारा के साथ नाइजीरिया के अन्य प्रांतों में अल कायदा, आयएस से जुड़े आतंकी संगठनों के साथ छोटे-बड़े स्थानीय गिरोह भी मौजूद हैं। इनके साथ ही पशुओं की चोरी करनेवाले गिरोहों का भी समावेश है। नाइजीरिया की सरकार आतंकी संगठन एवं स्थानीय गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने भी नाइजीरिया के राष्ट्रप्रमुख की आलोचना की थी।

झम्फारा प्रांत की अर्थव्यवस्था काफी अधिक मात्रा में खेती पर निर्भर है। साथ ही यहां पर बड़ी संख्या में सोने के खदान होने का भी दावा किया जा रहा है।

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