जॉर्डन-हमास इस्रायल के विरोध में एकजुट करेंगे – तुर्की के मुखपत्र का दावा

तुर्की के मुखपत्रअंकारा – जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह द्वितीय की हुकूमत और गाज़ापट्टी का हमास संगठन इनमें सहयोग मज़बूत होने के संकेत मिल रहे हैं। इस्रायल के विरोध में जॉर्डन और हमास एकत्रित आ जायेंगे, ऐसा दावा तुर्की के मुखपत्र ने किया। पिछले महीने में इस्रायल और हमास के बीच भड़के ११ दिन के संघर्ष में जॉर्डन ने अपनाई भूमिका का हवाला देकर तुर्की के मुखपत्र ने यह दावा किया है।

फिलिस्तीनियों का नियंत्रण होनेवाला वेस्ट बैंक और जॉर्डन की सीमा जुड़ी हुई है। साथ ही, जॉर्डन में आश्रय लिए विस्थापित फिलिस्तीनियों की संख्या बीस लाख के आसपास है। पिछले महीने में हमास के साथ संघर्ष भड़कने के बाद, जॉर्डन में फिलिस्तीनियों और फिलिस्तीनी समर्थक जॉर्डन की जनता ने इस्रायल के विरोध में प्रदर्शन किए थे। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जॉर्डन की सीमा पर धावा बोलकर, इस्रायल में घुसपैठ करने की कोशिश की थी।

जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह द्वितीय ने भी, इस्रायली सुरक्षा यंत्रणा ने जेरूसलेम, वेस्ट बैंक स्थित फिलिस्तीनियों पर की कार्यवाही पर तथा गाज़ा के हमास इस आतंकवादी संगठन पर किये हमलों पर चिंता ज़ाहिर की थी। इससे पहले जॉर्डन ने, हमास की इस्रायलविरोधी हरकतों का समर्थन नहीं किया था। लेकिन पिछले महीने में जेरूसलेम और शेख जराह में हुए संघर्ष में हमास के समर्थकों ने बड़ी भूमिका अदा करने के बाद, जॉर्डन का हमास की ओर देखने का नज़रिया बदला होने का दावा जॉर्डेनियन विश्‍लेषक अहमद सईद नोफाल ने किया।

वहीं, अप्रैल महीने में जॉर्डन में राजा अब्दुल्लाह द्वितीय के विरोध में प्रिन्स हमझाह की नाक़ाम साबित हुई बगावत के पीछे इस्रायल का बहकावा होने की संभावना एक अमरिकी अखबार ने जताई थी। इस कारण भी जॉर्डन और इस्रायल के बीच तनाव निर्माण हुआ है, ऐसा इस अखबार ने कहा था। यदि ऐसा हुआ, तो उसका बहुत बड़ा असर इस क्षेत्र पर हो सकता है। ईरान के साथ ही जॉर्डन जैसे प्रबल देश से भी सहायता प्राप्त हुई, तो हमास की ताकत भारी मात्रा में बढ़ेगी और उसका इस्तेमाल हमास इस्रायल के विरोध में कर सकेगा।

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