तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने धमकाने के बाद ग्रीस ‘हाय अलर्ट’ पर

erdogan greeceअथेन्स/अंकारा – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने शरणार्थियों के मुद्दे पर धमकाने के बाद ग्रीस के रक्षाबलों को हाय अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। तुर्की ने अपनी सीमाओं को शरणार्थियों के लिए खोल दिया तो ग्रीस को बड़ी परेशानी होगी, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने धमकाया था। इस दौरान ग्रीस और अमरीका के सहयोग पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए अमरीका ने गलत विकल्प का चयन किया है, यह फटकार भी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाई थी।

बीते साल से ग्रीस और तुर्की के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। शरणार्थियों की घुसपैठ, समुद्री क्षेत्र के मालिकाना हक एवं ईंधन के भंड़ारों के मुद्दों पर तुर्की की अड़ियल भूमिका तनाव का कारण बनी हैं। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एवं शीर्ष नेताओं के साथ तुर्की के माध्यम ग्रीस को लगातार धमका रहे हैं। ग्रीस ने अमरीका और फ्रान्स समेत अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने से तुर्की अधिक बेचैन हुआ है और उसकी धमकियों की तीव्रता भी बढ़ने लगी है।

greece-high-alert-2तुर्की के रक्षामंत्री ने बीते महीने ग्रीस और फ्रान्स के सहयोग के मुद्दे पर नाटो एवं ग्रीस को इशारा दिया था। अब तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने शरणार्थियों की कार्रवाई का मुद्दा उठाकर ग्रीस को धमकाया है। ‘तुर्की ने शरणार्थियों के लिए सीमा पूरी तरह से खोल दी तो ग्रीस को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। तुर्की में फिलहाल ५० लाख शरणार्थी मौजूद हैं, इसका ध्यान रहे। ग्रीस का नेतृत्व इस मुद्दे पर कृतघ्न भूमिका अपना रहा है’, यह धमकी एर्दोगन ने दी।

इस दौरान उन्होंने ग्रीस और अमरीका के रक्षा सहयोग को लेकर भी नाराज़गी जताई। अमरीका ने इस क्षेत्र में गलत पड़ोसी का चयन किया है और पूरा ग्रीस अब अमरीका का अड्डा बना है, ऐसी फटकार एर्दोगन ने लगाई। शरणार्थी एवं अमरीका के सहयोग के मुद्दे पर एर्दोगन के बयानों का ग्रीस ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। उनके बयान के बाद ग्रीस के रक्षाबलों ने तुरंत बैठक बुलाकर सभी दलों को ‘हाय अलर्ट’ पर रहने के निर्देश दिए। तुर्की से जुड़े सरहदी क्षेत्र में किसी भी तरह की अनपेक्षित घटना होने पर इसकी जानकारी तुरंत साझा करने की सूचना की गई है। इसके साथ ही जमीन एवं समुद्री क्षेत्र में गश्‍त अधिक बढ़ाने के आदेश जारी करने की बात सेना के सूत्रों ने साझा की।

बीते वर्ष ईंधन के भंड़ारों के मुद्दे पर निर्माण हुए तनाव के बीच तुर्की ने अपने युद्धपोत ग्रीस की सीमा से करीबी क्षेत्र में तैनात किए थे। इसके बाद ग्रीस ने भी अपनी रक्षा तैयारी की ओर अधिक ध्यान दिया है और अमरीका, फ्रान्स, इस्रायल जैसे देशों के साथ अहम समझौते भी किए हैं।

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