शरणार्थियों की घुसपैंठ के लिए पोलैंड की सुरक्षा बलों पर बेलारूस के लष्कर ने दागे लेजर और टियर गैस

belarus-military-laser-tear-gas-1वॉर्सा/मिन्स्क – सीमा पर होनेवाले हजारों शरणार्थियों की पोलैंड में घुसपैंठ कराने के लिए बेलारूस के लष्कर ने आक्रामक गतिविधियाँ शुरू कीं हैं। बेलारूस लष्कर द्वारा सीमा पर होनेवाला बाड़ तोड़ा गया होकर, शरणार्थियों को टियर गैस की आपूर्ति की गई होने की बात सामने आई है। रात के समय बेलारूस के लष्कर ने पोलैंड के जवानों पर ‘स्ट्रोब लाईट्स’ तथा लेझर्स का इस्तेमाल करके उनकी मुहिम में रोड़े डाले, यह बात भी सामने आई है। बेलारूस के लष्कर की इन हरकतों की वजह से इस इलाके में संघर्ष शुरू हो सकता है, ऐसी चेतावनी विश्लेषक तथा अधिकारियों द्वारा दी गई है।

belarus-military-laser-tear-gas-3पोलैंड के ‘बॉर्डर फोर्स’ द्वारा बेलारूस की बढ़ती हरकतों की जानकारी दी गई। ‘शुक्रवार रात से पोलैंड की झेरेम्का सीमा के पास बेलारूस के लष्कर द्वारा गतिविधियाँ शुरू हुईं हैं। इस इलाके में बनाया गया तारों का बाड़ बेलारूस के जवानों ने तोड़ दिया और उसमें से शरणार्थियों की घुसपैंठ कराने की कोशिश की। पोलैंड का पथक प्रत्युत्तर ना दें इसलिए बेलारूस के लष्कर ने लेझर बीम्स तथा स्ट्रोब लाईट्स का इस्तेमाल किया। शरणार्थियों को टियर गैस की आपूर्ति भी की गई थी। शरणार्थियों ने पोलैंड के सुरक्षाबलों के विरोध में उसका इस्तेमाल किया’, ऐसा पोलैंड द्वारा बताया गया।

पोलैंड की सीमा पर होनेवाली ये हरकतें बेलारूस के तानाशाह अलेक्झांडर लुकाशेन्को के आदेशों पर जारी हैं, ऐसा बताया जाता है। पोलैंड के प्रधानमंत्री ने, सीमा पर निर्माण हुए संकट के पीछे लुकाशेन्को के साथ ही, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन का हाथ होने का खुलेआम आरोप किया। पोलैंड की सीमा पर बने तनाव के पीछे के वास्तविक सूत्रधार पुतिन होने का दोषारोपण पोलैंड के प्रधानमंत्री मॅटेस्झ मोराविकी ने किया है। लेकिन पुतिन ने ये आरोप ठुकराए होकर, बेलारूस- पोलैंड सीमा पर जारी घटनाओं के साथ रशिया का कुछ भी संबंध नहीं है यह स्पष्ट किया।

belarus-military-laser-tear-gas-2पोलैंड और बेलारूस की सीमा पर जारी घटनाएँ संघर्ष का कारण बन सकती हैं, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है। पोलैंड तथा लिथुआनिया के विश्लेषकों ने यह जताया है कि बेलारूस द्वारा कराई जानेवाली शरणार्थियों की घुसपैंठ तथा अन्य हरकतें यानी ‘हायब्रिड वॉरफेअर’ अर्थात् प्रगत युद्धतंत्र का भाग है। बेलारूस के राष्ट्राध्यक्ष शरणार्थियों का इस्तेमाल हथियार जैसा कर रहे होने का दावा भी किया जाता है। इसके पीछे पिछले साल भर का घटनाक्रम कारणीभूत है, ऐसा बताया जाता है।

पिछले साल बेलारूस में सर्वेसर्वा राष्ट्राध्यक्ष अलेक्झांडर लुकाशेन्को के विरोध में आंदोलन शुरू हुआ था। इस आंदोलन को अमरीका समेत युरोपीय महासंघ ने समर्थन दिया है। लुकाशेन्को का विरोध करनेवाले नेताओं को कुछ युरोपीय देशों ने आश्रय भी दिया होकर, बेलारूस पर दबाव डालने की कोशिशें भी जारी हैं। युरोपीय महासंघ द्वारा लुकाशेन्को और निकटवर्तियों की मालमत्ताएँ तथा संपत्ति फ्रीज़ की गई है। उसी समय, बेलारूस को दी जानेवाली अरबों युरो की अर्थसहायता भी रोकी गई है। इस कारण भड़के हुए लुकाशेन्को ने रशिया की सहायता से शरणार्थियों की युरोप में घुसपैंठ करवाने की कोशिशें शुरू कीं हैं।

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