काबुल में हुए बम विस्फोट से छह की मौत

kabul-blast-6-killed-1काबुल – अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में मैग्नेटिक बम का विस्फोट होने से छह लोग मारे गए और सात घायल हुए। यहां के अल्पसंख्यांकों की बस्ती में यह विस्फोट होने की जानकारी सामने आ रही है। इस हमले के ज़रिये आतंकियों ने लगातार दूसरे दिन अफ़गानिस्तान के अल्पसंख्यांकों को लक्ष्य किया है। अफ़गान अल्पसंख्यांकों पर इन हमलों के पीछे आतंकी ‘आयएस’ संगठन होने का दावा किया जा रहा है।

पश्‍चिमी काबुल के ‘दश्‍त-ए-बरची’ इलाके में शनिवार के दिन बड़ा विस्फोट हुआ। अफ़गानिस्तान के अल्पसंख्याक हजारा समूदाय की बस्ती के करीब एक मिनी वैन में मैग्नेटिक बम लगाया गया था। इस विस्फोट के धमाके ने कान सुन्न कर दिए थे, यह जानकारी स्थानीय नागरिकों ने प्रदान की। तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने इस हमले में १ की मौत और २ के घायल होने की जानकारी प्रदान की है। लेकिन, तालिबान के ही अन्य आतंकी ने नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर इस विस्फोट में छह लोगों के मारे जाने की जानकारी प्रदान की।

kabul-blast-6-killed-3इसके अलावा शुक्रवार के दिन नांगरहार प्रांत के स्पिंघर इलाके में स्थित शियापंथीयों के प्रार्थना स्थान में बम विस्फोट हुआ था। इस दौरान तीन की मौत और १७ घायल हुए थे। अफ़गानिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हमीद कराज़ाई ने इस विस्फोट की घटना पर गुस्सा व्यक्त किया। प्रार्थना स्थान पर हो रहे हमले काफी घृणास्पद होने का बयान करज़ाई ने किया। लगातार दो दिन से अफ़गानिस्तान के अल्पसंख्यांकों को आतंकी लक्ष्य कर रहे हैं, इस पर अंतरराष्ट्रीय माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

गौरतलब है कि, बीते डेढ़ महीनों में अल्पसंख्यांकों के प्रार्थनास्थान पर यह तीसरा बड़ा हमला है। इससे पहले कुंदूज़ और कंदहार प्रांत में आतंकियों ने शिपापंथीयों के प्रार्थना स्थानों को लक्ष्य किया था। पहले के दोनों हमलों का ज़िम्मा आतंकी ‘आयएस’ संगठन ने स्वीकारा था। इन दोनों विस्फोटों में डेढ़ सौ से अधिक की मौत हुई थी। इसके बाद पूरे विश्‍व से गुस्से से भरी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी।

kabul-blast-6-killed-2अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करनेवाली तालिबानी हुकूमत देश में सुरक्षा स्थापित नहीं कर सकती, ऐसी आलोचना भी हुई थी। इसके साथ ही अफ़गानिस्तान में आयएस का बढ़ता प्रभाव विश्‍व की सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, यह इशारा अमरिकी सेना अधिकारी ने दिया था। लेकिन, तालिबान ने अफ़गानिस्तान में आयएस का प्रभाव ना होने का बयान करके इस संगठन के आतंकी संख्या में काफी कमी होने की बात कही थी। इसके बाद अफ़गानिस्तान में कार्रवाई करके आयएस के ६०० से अधिक आतंकियों की गिरफ्तारी करने का ऐलान भी किया गया था।

लेकिन, लगातार दो दिनों से नांगरहार और काबुल में हुए विस्फोटों के बाद तालिबान की चिंता बढ़ाते दिख रहे हैं क्योंकि, इन दोनों विस्फोटों को लेकर तालिबान ने अधिक जानकारी देना टाल दिया है। सिर्फ ‘आयएस’ के आतंकी ही अफ़गानिस्तान के अल्पसंख्यांकों को लक्ष्य नहीं कर रहे हैं, बल्कि तालिबान के आतंकी भी शियापंथियों को लक्ष्य करने में जुटे होने की खबरें सामने आ रही हैं।

तालिबान अफ़गानिस्तान के बामयान प्रांत से शियापंथीयों की पहचान मिटाने की कोशिश कर रही है, यह आरोप स्थानीय लोग लगा रहे हैं। कुछ घंटे पहले तालिबानी आतंकियों ने यहां के शियापंथी नेता का पुतला विस्फोट से नष्ट किया। तालिबान की यह हरकत  अफ़गानियों की पहचान मिटाने की कोशिश है, यह आरोप अफ़गान मानव अधिकार कार्यकर्ता ने लगाया है।

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