हार्वे तूफान के पृष्ठभूमि पर अमरीका से आरक्षित ईंधन स्टाक खुला करने का निर्णय

वॉशिंगटन: अमरीका में पिछले हफ्ते आए ‘हार्वे’ तूफान की वजह से देश के ईंधन उद्योग को बहुत बड़ा झटका लगा है और इससे उनकी कीमतों में १० प्रतिशत से अधिक बढ़त होने की बात सामने आई है। इस पृष्ठभूमि पर देश में ईंधन में कमी महसूस होने लगी है। जिसके लिए अमरीका सरकार ने देश का आरक्षित ईंधन (स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व) खुला करने का निर्णय लिया है। पिछले २ दिनों में करीब ४५ लाख बैरल्स आरक्षित ईंधन उपलब्ध करने की जानकारी अमरीका के उर्जा विभाग से दी गई है। इसके पूर्व २०१२ में आये ‘आयझैक’ तूफान की पृष्ठभूमि पर इसी तरह आरक्षित ईंधन खुला किया गया था।

‘हार्वे’ का झटका लगनेवाला टेक्सास एवं लुइसियाना प्रांत अमरीका के ईंधन उद्योग के केंद्र के तौर पर पहचाना जाते है। तूफान और बाढ़ की वजह से यह उद्योग ठंड पड़ा है और अमरीका के ईंधन उत्पाद में करीब एक-चौथाई उत्पादन बंद हुआ है। अमरीका के ईंधन का दर प्रति गैलन (३.७८ लीटर) के पीछे २.४५ डॉलर पर पहुंचा। जिससे आने वाले समय में इसमें अधिक बढ़त होने का डर व्यक्त किया जा रहा है। अमरीका में ईंधन की प्रतिदिन आवश्यकता दो करोड़ बैरल्स की होती है। हालाकि ईंधन खुला करने का यह हिस्सा उसकी तुलना में कम हुआ फिर भी आने वाले दिनों में आवश्यकतानुसार उसमें बढ़त की जाएगी यह जानकारी सूत्रों ने दी है।

अमरीका ने १९७० के दशक में निर्माण हुए ईंधन की कमी का सामना करने के लिए स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व का निर्माण किया। इसके अनुसार टेक्सास एवं लुइसियाना प्रांत के चार भागों में आरक्षित ईंधन रखा गया था। रिजर्व में करीब ६८ करोड़ बैरल्स ईंधन का स्टॉक रखा है। अमरीका को करीब १ महीने से अधिक समय तक यह स्टॉक उपलब्ध हो सकता है यह दावा सूत्रों से किया जा रहा है।

दौरान ‘हार्वे’ तूफान के बाद शुरू हुए बचाव तथा मदद कार्यों के लिए करीब ७.८५ अब्ज डॉलर का प्रावधान तत्काल मंजूर हो, यह मांग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्पने अमरीकी संसद से की है। ‘एक्यूवेदर’ इस कंपनी के दावे के अनुसार हार्वे की वजह से अमरीका के वित्त व्यवस्था को करीब १६० अब्ज डॉलर्स का झटका लगने की आशंका है।

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