विश्व की बलशाली वित्त संस्था और बैंकों की ओर से नए ‘क्रिप्टोकरेंसी’ की तैयारी शुरू

झुरिक: ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक पर आधारित बिटकॉइन जैसी आभासी मुद्रा पर विश्व भर में बंदी होते हुए भी इसे मिल रहे समर्थन का प्रभाव अब मुख्य बैंको पर पड़ रहा है। इस वजह से विश्व की छः बलशाली बैंकों ने मिलकर ‘यूबीएस’ इस वित्त संस्था ने पहल करके शुरू किए ‘यूटिलिटी सेटलमेंट कॉइन’ परियोजना में शामिल होने का निर्णय लिया है। ‘यूबीएस’ के संचालक हैदर जाफरी ने इसकी घोषणा की है और इन बैंकों में २०१८ तक नए ‘क्रिप्टोकरेंसी’ में व्यवहार होंगे ऐसा विश्वास जताया है।

वित्त संस्था

यूबीएस, बीएनवाय, मेलॉन, डॉइश बैंक, सॅन्टॅनडर, एनईएक्स ने ‘ब्लॉकचेन स्टार्टअप क्लियरमॅटिक्स’ ने ‘यूटिलिटी सेटलमेंट कॉइन’ (यूएससी) परियोजना शुरू की थी। इस योजना में अब बर्कलेज, क्रेडिट सुईस, कॅनेडियन इंपिरिअल बैंक ऑफ़ कॉमर्स, एचएसबीसी, एमयूएफजी, स्टेट स्ट्रीट इन बैंकों ने भी हिस्सा लिया है।

युरोप के सबसे पुराने बैंको में से एक ‘यूबीएस’ बैंक यह स्वित्जरलॅंड की बलशाली वित्त संस्था प्रख्यात है। करीब ९६८ अरब डॉलर्स संपत्ति वाली यह वित्त संस्था दुनिया के ५० से अधिक देशों में सक्रीय है। जर्मनी के ड़ोइश बैंक की संपत्ति करीब १.६ लाख करोड़ डॉलर्स है। ‘मित्सुबिसी यूएफजे फाइनेंसियल ग्रुप’ इस जापानी कंपनी की संपत्ति लगभग २.४५ लाख करोड़ डॉलर्स है।

इतना बड़ा वित्तीय कारोबार और प्रभाव वाली वित्त संस्था और बैंक आज तक जो आभासी मुद्रा मानी जाती थी, उस ‘क्रिप्टोकरेंसी’ पर आधारित नई डिजिटल मुद्रा की निर्मिती कर रहे हैं। लेकिन यह डिजिटल मुद्रा आभासी नहीं होगी। उसे पारंपरिक मुद्रा का अर्थात पैसे का आधार होगा। जिससे इस डिजिटल मुद्रा के व्यवहार में भ्रष्टाचार अथवा घोटाला नहीं होगा, ऐसा दावा ‘यूबीएस’ के संचालक हैदर जाफरी ने किया है।

सन २०१८ के आखिर तक यह सारे बैंक ‘क्रिप्टोकरेंसी’ का इस्तेमाल शुरू करेंगे। इस वजह से बैंको के व्यवहार अधिक गतिमान बनेंगे और इन व्यवहारों के लिए फंसी हुई पूंजी का बहुत बड़ा हिस्सा अर्थव्यवस्था में आ जाएगा, ऐसा दावा हैदर जाफरी ने किया है।

उसी समय क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही उलझे अल्गोरिदम पर आधारित जटिल प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार या घोटाला होने की संभावना नहीं है, ऐसा कहकर यह क्रिप्टोकरेंसी विश्वसनीय होगी, यह भी जाफरी ने स्पष्ट किया है। इतनाही नहीं आने वाले समय में हर देश का आर्थिक व्यवहार देखने वाली केन्द्रीय बैंक भी क्रिप्टोकरेंसी अपनाएं इसके लिए बातचीत और गतिविधियां शूरु होने की जानकारी जाफरी ने दी है।

लेकिन इस नै क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मतलब ढिंढोरा पीटकर शुरू की जाने वाली घटना नहीं है। इसका इस्तेमाल उचित क्रम में और पड़ाव पर इसका इस्तेमाल होगा। शुरू में कुछ बैंक अपने व्यवहार के लिए यह नई मुद्रा इस्तेमाल करेंगे। उसके बाद अगले पड़ाव में इस क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल ज्यादा पैमाने पर बढ़ जाएगा, ऐसा जाफरी ने कहा। अगले समय में इस क्रिप्टोकरेंसी का व्यवहार पूरी अर्थव्यवस्था में फ़ैल सकता है, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

इस्टोनिया इस युरोपीय देश ने ‘क्रिप्टोकरेंसी’ का इस्तेमाल अधिकृत करने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। इसे ‘ईस्टकॉइन’ नाम दिया गया है। जिससे आने वाले समय में विविध देशों की केन्द्रीय बैंक ‘क्रिप्टोकरेंसी’ का इस्तेमाल शुरू करेंगे, यह संभावना वास्तव में उतर गई है।

‘क्रिप्टोकरेंसी’ के बारे में…
सिक्के और नोटों के स्वरुप की मुद्रा, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यम से किए जाने वाले व्यवहार बहुत ही पीछे छोड़ने वाले ‘डिजिटल’ मुद्रा के तौर पर बिटकॉइन २००९ में अस्तित्व में आया था। इस बिटकॉइन के उदय के बाद रिपेल, लिटेकॉइन, इथिरियम यह डिजिटल या क्रिप्टोकरेंसी दुनिया के सामने आई है। इसमें निवेश बढने के बाद विश्व भर के मुख्य देशों ने इस क्रिप्टोकरेंसी पर बंदी लगाई है।

जिसका प्रत्यक्ष अस्तित्व नहीं है, ऐसी आभासी मुद्रा यही क्रिप्टोकरेंसी की पहचान सामान्य लोगों में है। लेकिन इस प्रकार की मुद्रा इस्तेमाल अपराध, नशीली दवाइयों का व्यापार साथ ही हथियारों का व्यापार इन अवैध कारणों के लिए हो रहा है, ऐसी टीका शुरू हुई। विश्वभर में इस प्रकार की मुद्रा के खिलाफ सख्त कानून किए जाने लगे। लेकिन उसके बाद भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कम नहीं हुआ है, उल्टा बढ़ रहा है।

इस आभासी मुद्रा को किसी भी देश का और अर्थव्यवस्था का समर्थन नहीं है। साथ ही उसकी केन्द्रीय व्यवस्था भी अस्तित्व में न होने की बात कही जा रही है। इस वजह से इसमें किया हुआ निवेश कभी भी डूब सकता है, ऐसे इशारे दिए जाते हैं। फिर भी आभासी मुद्रा में होने वाले व्यवहार बढ़ रहे हैं। इस वजह से आने वाले समय में क्रिप्टोकरेंसी को अधिकृत रूपसे मान्यता मिलेगी और दुनिया का व्यवहार क्रिप्टोकरेंसी में होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.