फ्रान्स ने ‘इंडो-पैसिफिक’ के लिए किया स्वतंत्र राजदूत नियुक्त

पैरिस – दो वर्ष पहले स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक नीति का ऐलान करनेवाले फ्रान्स ने इस क्षेत्र में अधिक सक्रिय होने के संकेत दिए हैं। फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए स्वतंत्र राजदूत नियुक्त करने का ऐलान किया है। फ्रान्स के विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ख्रिस्तोफ पेनॉ को बतौर राजदूत नियुक्त किया गया है। फ्रान्स ने बीते महीने में ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए सक्रिय हुए ‘क्वाड’ में शामिल होने के लिए उत्सुक होने के संकेत दिए थे।

indo-pacificफ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने दो वर्ष पहले स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक नीति का ऐलान किया था। उस समय मैक्रॉन ने इस क्षेत्र में चीन के वर्चस्ववाद का खुलेआम ज़िक्र करके उसे चुनौती देने के लिए फ्रान्स, भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर रणनीतिक गुट बनाने के संकेत दिए थे। इसके बाद फ्रान्स ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ सामरिक सहयोग मज़बूत करने के लिए तेज़ कदम उठाए थे। फ्रान्स ने बीते वर्ष अपनी युद्धपोत भी साउथ चायना सी में रवाना की थी। कुछ महीने पहले फ्रान्स ने अमरीका की पहल से आयोजित किए गए ‘रिम ऑफ पैसिफिक’ नामक व्यापक नौसेना के युद्धाभ्यास में भी हिस्सा लिया था।

इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए स्वतंत्र राजदूत की नियुक्ती करना ध्यान आकर्षित करता है। यह नियुक्ती सीधे फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने की है, यह जानकारी फ्रेंच सूत्रों ने साझा की। इसलिए फ्रान्स अब इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अधिक सक्रिय होने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं। राजदूत के तौर पर विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ती करके फ्रान्स ने इंडो-पैसिफिक में जारी गतिविधियों पर हम गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं, यह संदेश दिया होने की बात समझी जा रही है। नए राजदूत ख्रिस्तोफ पेनॉ अगले कुछ दिनों में ही अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकारेंगे। इससे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में बतौर राजदूत काम किया है।

indo-pacificबीते वर्ष से फ्रान्स ने चीन की आक्रामक और विस्तारवादी गतिविधियों के विरोध में लगातार आक्रामक भूमिका अपनाई है। साउथ चायना सी में जारी चीन की गतिविधियों के साथ ही उइगरवंशी एवं हाँगकाँग के मुद्दों पर फ्रान्स ने जोरदार आलोचना की थी। कोरोना की महामारी के मुद्दे पर भी फ्रान्स ने चीन को आड़े हाथों लेकर इस मामले की जाँच करने के प्रस्ताव का समर्थन भी किया था। साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत का स्थान अहम होने का ज़िक्र करके अपनी इंडो-पैसिफिक नीति में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर रहेगा, यह वादा भी फ्रान्स ने किया था।

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