युरोप में दो संस्कृतियों का संघर्ष शुरू हुआ है – पोलंड के अंतर्गत रक्षामंत्री के संकेत

वॉर्सा: युरोप में दाखिल हुए इस्लामधर्मियों ने विभिन्न जगहों पर ‘सुरक्षित क्षेत्र’ विकसित किए हैं और यह क्षेत्र आतंकवादियों के लिए सहायता करने वाले अड्डे के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इस बात का एहसास कराते हुए युरोप खंड में विभिन्न संस्कृतियों में संघर्ष शुरू है, यह युरोप के राजकीय नेतृत्व सरेआम इस बात को मानले यह आवाहन पोलंड के अंतर्गत रक्षामंत्री ने किया है। स्पेन में हुए आतंकी हमले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए पोलंड के मंत्री ने यह इशारा देखकर फिर एक बार शरणार्थी एवं आतंकवादी हमलों के बीच होनेवाले संबंध का मुद्दा उठाया है।

संस्कृतियों का संघर्षहाल ही में स्पेन के बार्सिलोना एवं कैमिब्रिल्स में हुए आतंकी हमलों में १४ लोगों की जान गई। इस हमले के पीछे मोरक्कन नागरिक होने की बात सामने आ रही है। युरोप में पिछले २ वर्षों में हुए आतंकी हमलों में खाड़ी एवं अफ्रीकी देशों से आये शरणार्थी, युरोपीय देशों में आश्रय पाने में असफल रहे शरणार्थी और शरणार्थियों की टोली के साथ दाखिल हुए घुसपैठ का समावेश होने की बात स्पष्ट हुई है। इस पृष्ठभूमि पर, पोलिश मंत्रियों ने आतंकी हमलों के पीछे इस्लामधर्मियों की युरोप में बढ़ती संख्या ही कारण होने का आरोप किया है।

संस्कृतियों का संघर्षयुरोप खंड में विभिन्न संस्कृति का संघर्ष शुरू है और हमें उसका मुकाबला करना है, यह एहसास युरोपियन नेतृत्व को होना चाहिए’ यह पोलंड के अंतर्गत रक्षामंत्री मारिस्झ ब्लास्झझैक ने कहा। ‘मैंने पोलंड की सुरक्षा यंत्रणा को आतंकवादी हमलों के विरोध में कौन-कौन सी उपाय योजना की जा रही है, इस संदर्भ में पूछताछ की। उससे मिली जानकारी अनुसार पोलंड यह सुरक्षित देश होने की बात सामने आयी है। पोलंड ने इस्लामधर्मियों के लिए ‘सुरक्षित क्षेत्र’ तैयार करने पर रोक लगाने से पोलंड सुरक्षित रहा है। यह ‘सुरक्षित क्षेत्र’ मतलब इस्लामी आतंकवादियों को सहायता करने वाले अड्डे हैं, इन शब्दों में पोलिश मंत्री ने खुलेआम युरोप में इस्लाम धर्मियों को आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

एक के पीछे एक, आतंकवादी हमले होने के बाद युरोप इन हमलों को रोकने की क्षमता खो बैठने का आरोप मारिस्झ ब्लास्झझैकने किया। युरोपीय महासंघ ने शरणार्थियों के लिए शुरू की योजना और आतंकवादी हमलों के उससे सीधे संबंध बताकर युरोप को इसके भयंकर परिणाम झेलने होंगे, यह दावा उन्होंने किया है। पोलंड ने इससे पहले लगातार युरोप में दाखिल होनेवाले शरणार्थियों की टोलियों के विरोध में आक्रामक भूमिका ली थी। युरोप में पिछले २ साल में दाखिल हुए खाड़ी एवं अफ्रीकी शरणार्थियों को स्वीकारने के लिए पोलंड ने स्पष्ट इंकार बताया था जिससे यह मुद्दा पोलंड एवं महासंघ के बीच तनाव का मुख्य कारण बना था।

पोलंड के साथ पूर्व युरोप के हंगेरी, झेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया एवं रोमानिया इन देशों ने शरणार्थियों को स्वीकारने के लिए स्पष्ट इन्कार किया है। इसलिए शरणार्थियों के मुद्दे पर युरोप में पूर्व विरुद्ध पश्चिम यह परस्पर विरोधी गट होकर उनके मतभेद युरोप की एकता में बड़ी बाधा होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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