‘ब्रेक्झिट’ पर नकारात्मक भूमिका अपनायी, तो डेन्मार्क भी महासंघ से बाहर हो जायेगा : युरोपीय संसद सदस्यों की चेतावनी

स्टॉकहोम, दि. २८: ‘युरोपीय महासंघ से बाहर जाने का फ़ैसला किया इसलिए ब्रिटन पर यदि निरंतर आलोचना होती रहेगी, तो महासंघ हमेशा ब्रेक्झिट की परछाईं में और पीछे रह जायेगा, इसका एहसास रखना होगा| युरोपीय महासंघ को ज़रूरत है कि वह ब्रिटन के उद्देश्यों के बारे में सकारात्मक विचार करते हुए अगली नीति बनायें| वैसा यदि नहीं हुआ, तो युरोपीय जनता के बढ़ते असंतोष एवं नाराज़गी की फटकार लगने का डर है और डेन्मार्क जैसा देश भी महासंघ से बाहर हो सकता है’, ऐसी चेतावनी युरोपीयन सांसद के वरिष्ठ संसद सदस्य अँडर्स व्हिस्टिसेन ने दी|

डेन्मार्क

व्हिस्टिसेन ये ‘डॅनिश पीपल्स पार्टी’ के लीडर होकर, युरोपीय संसद की ‘फॉरेन अफेअर्स कमिटी’ के उपाध्यक्ष हैं| महासंघ और ब्रिटन के बीच अगले कुछ दिनों में ‘ब्रेक्झिट’ संदर्भ में बातचीत शुरू होने की संभावना जतायी गयी है| इस मुद्दे पर ब्रिटन सरकार और युरोपीय महासंघ दोनों पक्षों द्वारा आक्रामक भूमिका प्रदर्शित की जा रही है| महासंघ के कुछ सदस्यदेश, ब्रिटन को ‘सबक’ मिलें इस तरह ‘ब्रेक्झिट’ की बातचीत के दौरान भूमिका अपनायें, ऐसा आग्रह कर रहे हैं| वहीं, इस बातचीत के दौरान दबाव डाला, तो उसकी तीव्र प्रतिक्रिया उठेगी, ऐसी चेतावनी ब्रिटन ने दी है|

महासंघ की ओर से ‘ब्रेक्झिट’ के बारे में बातचीत करने के लिए नियुक्त किये गये प्रमुख सदस्य गाय व्हरव्हॉफस्टॅट ने, ‘यह प्रकिया और नया समझौता सन २०१९ तक पूरा होना असंभव है’ ऐसे कहा है| वहीं, युरोपीय कमिशन के प्रमुख, ब्रिटन से ६० अरब युरो के बक़ाया ऋण की वसूली करने का आग्रह कर रहे हैं| महासंघ के बाकी नेताओं द्वारा, ब्रिटन की माँगें स्वीकार न की जायें, ऐसी चेतावनी दी गयी है| इस पृष्ठभूमि पर, युरोपीय संसद के सदस्यों द्वारा दी गई उपरोक्त चेतावनी ग़ौरतलब है|

ब्रिटनबरोबर चांगला व योग्य करार करण्यात महासंघ नक्कीच प्रयत्न करेल, अशी अपेक्षाही डॅनिश संसद सदस्यांनी व्यक्त केली. चांगला व्यापारी करार केवळ ब्रिटनच्याच नाही तर महासंघातील इतर सदस्य देशांच्याही हिताचा असेल, असा सल्लाही त्यांनी दिला. महासंघाला आवडो अथवा नाही ब्रिटन हा पुढील काळातही युरोपचा हिस्सा असणार आहे आणि त्यामुळे त्यांच्याबरोबरील लष्करी, आर्थिक किंवा ऐतिहासिक संबंध तोडण्याने दोघांचेही नुकसानच आहे, असेही अँडर्स व्हिस्टिसेन यांनी बजावले.

व्हिस्टिसेन यांनी यावेळी ब्रिटन व डेन्मार्कमधील व्यापारी संबंध चांगले असून ब्रिटन महत्त्वाचा सहकारी देश असल्याचेही स्पष्ट केले.

अँडर्स व्हिस्टिसेन ने महासंघ को, वास्तविक परिस्थिति का अहसास रखने की सलाह दी है| ‘इस समय कई देश ब्रिटन के साथ व्यापारी समझौतें करने के लिए लाईन में खड़े हैं| आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यदि पीछे न रहें ऐसा लगता है, तो महासंघ ने ब्रेक्झिट के संदर्भ में नकारात्मक और बचावात्मक बयान जारी करना टालना चाहिए | अब अड़ियलता को बाजू में रखते हुए वास्तविकता का सामना करने का समय आ गया है| हमे चाहिए वैसी ही परिस्थिति हो, ऐसा नहीं हो सकता, यह ध्यान में रखें’, इन शब्दों में व्हिस्टिसेन ने महासंघ को खरी खरी सुनायी|

ब्रिटन के साथ अच्छा और सही समझौता करने की महासंघ ज़रूर कोशिश करेगा, ऐसी उम्मीद भी इन डॅनिश संसद सदस्य ने जतायी| अच्छा व्यापारी समझौता सिर्फ़ ब्रिटन के ही नहीं, बल्कि महासंघ के अन्य सदस्यदेशों के भी हित में होना चाहिए, ऐसी सलाह उन्होंने दी| महासंघ को पसंद आये या ना आये, ब्रिटन यह भविष्य में भी युरोप का हिस्सा होगा और इसी कारण उसके साथ रहनेवाले सैनिकी, आर्थिक और ऐतिहासिक संबंध तोड़ने से दोनों का भी नुकसान ही है, ऐसी फ़टकार अँडर्स व्हिस्टिसेन ने लगायी|

व्हिस्टिसेन ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिटन और डेन्मार्क के बीच व्यापारी संबंध अच्छे हैं और ब्रिटन यह महत्त्वपूर्ण सहकारी देश है|

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