देश की सुरक्षा के सामने ड्रोन हमलों की नई चुनौती – सामरिक विश्लेषकों की चेतावनी

नई दिल्ली – वायुसेना के जम्मू स्थित हवाई अड्डे पर हुए विस्फोट के लिए ड्रोन का किया गया इस्तेमाल यानी देश की सुरक्षा के सामने खड़ी नई चुनौती है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। इससे पहले कुछ आतंकवादी संगठनों ने घातपात के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया सामने आया था। कम वज़न के और कम ऊंचाई से उड़ान भरनेवाले ड्रोन्स रडार यंत्रणा के जरिए ढूंढे नहीं जा सकते। इसका पूरा फायदा आतंकवादी संगठन उठा रहे हैं। भारत ने भी, पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादी संगठनों के ऐसे ड्रोन हमले का मुकाबला करने की तैयारी रखनी चाहिए, ऐसा सामरिक विश्लेषक जता रहे हैं।

Indai-drone-attackड्रोन के जरिए हथियार और विस्फोटक का वहन करना तथा घातपात करवाना कम जोखिमभरा होता है। इस कारण, आनेवाले दौर में आतंकवादी संगठन इसका सर्वाधिक इस्तेमाल कर सकते हैं। पाकिस्तान जैसा देश भारत के विरोध में इस ड्रोन तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा होकर, उसे चीन का साथ मिल रहा है, इस पर विश्लेषकों ने गौर फरमाया। इसी कारण इससे देश की सुरक्षा को गंभीर चुनौती मिल सकती है, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया। जम्मू के हवाई अड्डे पर हुआ हमला यह वार्निंग बेल है। नजदीकी समय में ऐसे हमलों की संख्या और तीव्रता बढ़ती जाएगी, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं।

ड्रोन द्वारा करवाए गए घातपात की ज़िम्मेदारी को झटकना बहुत ही आसान होता है। यह बात भी पाकिस्तान को भारत के विरोध में ड्रोन युद्ध छेड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। फिलहाल आतंकवादी हमले का आरोप ना होने देते हुए, पाकिस्तान को भारत में घातपात करवाना है। ड्रोन द्वारा किए जानेवाले हमलें, यह इसके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। इसी कारण भारत ने जल्द से जल्द ड्रोनभेदी तंत्रज्ञान प्राप्त करना और उसका इस्तेमाल शुरू करना अत्यावश्यक बना स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। इसके लिए भारत ने तैयारी की होकर, इस्रायल तथा दक्षिण कोरिया इन देशों के साथ भारत की चर्चा शुरू होने के दावे किए जाते हैं। लेकिन इसका अधिक विवरण सामने नहीं आया है।

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