ईरान की तरफ से युद्धपोत पर विमान भेदी यंत्रणा तैनात

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तेहरान – ईरान के गश्त लगाने वाली नौकाओं का बड़ा युद्धाभ्यास और उसके बाद अमरिका के नए प्रतिबन्ध, इस वजह से पर्शियन खाड़ी में तनाव बढ़ गया है। ऐसे में ईरान ने इस तनाव को और भी बढ़ाया है। ईरान ने होर्मुझ की खाड़ी में गश्त लगाने वाली विध्वंसक पर विमान भेदी यंत्रणा तैनात किए जाने की घोषणा की है। इस वजह से दुश्मनों की मिसाइलों को और विमानों को नष्ट करने में सहायता होगी, ऐसी चेतावनी ईरान की नौसेना ने दी है। होर्मुझ की खाड़ी में तैनात ईरान के विध्वंसकों पर यह यंत्रणा तैनात किए जाने की जानकारी की नौसेना ने दी है।

ईरान की नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ‘रिअर एडमिरल हुसेन खानझादी’ ने ईरानी वृत्तसंस्था के साथ बोलते समय स्वदेशी निर्माण की विमानभेदी यंत्रणा की जानकारी दी है। कम दुरी के मिसाइल्स, साथ ही दुश्मनों के विमानों को भेदने के लिए ईरान के शोधकर्ताओं ने ‘कमांड’ नामकी यंत्रणा विकसित की है। ईरान की नौसेना ने जमीन और समुद्री क्षेत्र में इस कमांड का परिक्षण किया है और उसके बाद ही यह यंत्रणा ईरान के विध्वंसक पर तैनात किए जाने की जानकारी खानझादी ने दी है।

कमांड यंत्रणा दो किलोमीटर की दूरी के लक्ष्य को भेद सकती है, ऐसा दावा ईरान के नौसेना अधिकारी ने किया है। दुश्मनों के मिसाइलों और विमानों पर एक मिनट में चार से सात हजार राउंड्स के हमले करने की क्षमता इस कमांड में होने की जानकारी ईरानी वृत्तसंस्था ने दी है। ईरान की यह कमांड यंत्रणा अमरिका की ‘फाल्नैक्स’ इस विमान भेदी यंत्रणा पर आधारित है, ऐसा एडमिरल खानझादी ने कहा है।

दुनिया भर के कुछ चुनिन्दा देश ऐसी यंत्रणा से सज्जित हैं और इसमें ईरान का भी समावेश हुआ है, ऐसा एडमिरल खानझादी ने कहा है। होर्मुझ की खाड़ी में दूर तक गश्त लगाने वाली एक विनाशिका पर यह यंत्रणा तैनात की गई है। जल्द ही ईरान की नौसेना की अन्य विध्वंसक भी कमांड से सज्ज किए जाने की जानकारी ईरान के नौसेना अधिकारी ने दी है।

ईरान के नौसेना की बढती सज्जता यह बचावात्मक है और किसी भी देश अथवा गुट के खिलाफ नहीं है, ऐसा दावा ईरान की नौसेना कर रही है। दो हफ़्तों पहले पर्शियन खाड़ी में सैंकड़ों गश्ती नौकाओं के सहभाग के साथ आयोजित किया गया युद्धाभ्यास भी बचावात्मक हेतु से आयोजित किया गया था, ऐसा ईरानी नौसेना का कहना है।

इस क्षेत्र के देशों की शांति और सुरक्षा बरकरार रहे, इसके लिए यह युद्धाभ्यास आयोजित किया गया है, ऐसा दावा ईरान कर रहा है। लेकिन इस युद्धाभ्यास में ईरान ने दुश्मनों के युद्धपोतों का पीछा करना और उनपर हमले करने का अभ्यास भी किया है। यह जानकारी सामने आ रही है। इसके अलावा ईरान ने इस युद्धाभ्यास की आड़ में बैलेस्टिक मिसाइल्स प्रक्षेपित किए थे, ऐसा आरोप भी लगाया जाता है।

पर्शियन खाड़ी से अमरिका और यूरोपीय देशों को होने वाला इंधन का परिवहन रोकने की चेतावनी देने के लिए ईरान ने इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया था, ऐसा कहा जाता है। अमरिका ने ईरान पर कठोर प्रतिबन्ध लगाने से पहले ईरान ने इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। इस वजह से अमरिका ने ईरान पर दबाव डालने की कोशिश की तो पर्शियन खाड़ी से होने वाले इंधन का परिवहन रोकने की धमकी ईरान ने इस अभ्यास के माध्यम से दी थी। दो हफ़्तों के बाद ईरान ने विध्वंसक पर विमान भेदी यंत्रणा तैनात करके अमरिका और मित्र देशों को और एक धमकी दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.