यूरोप चीन और रशिया ईरान को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे – जर्मन अखबार का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

बर्लिन – अमरिका ने जारी किए कठोर प्रतिबंधों से ईरान की रिहाई के लिए यूरोप चीन और रशिया ने ईरान को वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रयत्न शुरू किये है। आनेवाले हफ्ते में व्हिएन्ना में होनेवाले बैठक में इस बारे में निर्णय लिया जाएगा ऐसा, दावा जर्मनी के एक अखबार ने किया है। अमरिका के इन प्रतिबंधों को आवाहन देने के लिए यूरोपीय महासंघ ने इसके पहले ही ईरान के साथ यूरोप में व्यवहार करने के संकेत दिए हैं।

पिछले हफ्ते में राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनके नेतृत्व में अमरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंध की घोषणा की है। इन प्रतिबंधों की वजह से ईरान से साथ व्यापार करने वाले यूरोपीय देशों को जबरदस्त झटका लगा है। इन प्रतिबंधों के चंगुल से बाहर निकलने के लिए यूरोपीय देशों ने अलग-अलग स्तर पर प्रयत्न शुरू किए हैं।

वित्तीय सहायता

इसके लिए यूरोपीय देशों ने ईरान से खरीदारी किए जानेवाले ईंधन के लिए डॉलर्स में व्यवहार न करते हुए यूरो में करने की बात ठानी है। अमरिका के प्रतिबंधों से चुकने के लिए ईरान के केंद्रीय बैंक से सीधे व्यवहार करने का यूरोपियन कमीशन ने सुझाया है। इसकी वजह से अमरिका के प्रतिबंधों का ईरान तथा यूरोपीय कंपनियों पर परिणाम न होने का दावा यूरोपियन कमीशन ने किया है।

पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइलों का निर्माण और खाड़ी क्षेत्र में ईरान का हस्तक्षेप रोकने के लिए यूरोप, रशिया और चीन ने ईरान को वित्तीय सहायता प्रदान करने की तैयारी शुरू की है। इसके लिए पाश्चात्य देश ईरान के साथ में करार भी कर सकते हैं, ऐसा दावा जर्मनी के अखबार ने किया है। जर्मनी, फ्रान्स, ब्रिटेन, रशिया, चीन और यूरोपीय महासंघ इसके बारे में चर्चा करने के लिए आनेवाले कई दिनों में व्हिएन्ना में मुलाकात करनेवाले हैं। ऐसा होने पर अमरिका के ईरान पर लगे प्रतिबंधों को यूरोप रशिया और चीन से नई चुनौतियां मिल सकती है।

दौरान ईरान के साथ परमाणु करार बरकरार रखने की चुनौती भी यूरोपीय देशों के सामने हैं। इसके लिए ईरान ने यूरोपीय देशों को ४५ से ६० दिनों की अवधि दी है। सन २०१५ में हुए परमाणु करार टिकाने के लिए यूरोपीय देशों से प्रयत्न किए जा रहे हैं, ऐसा विश्वास यूरोपीय देशों ने व्यक्त किया है। यूरोपीय देश परमाणु करार जीवित रखने में असफल हुए और परमाणु करार से वापसी की तो आनेवाली दिनों में २० फ़ीसदी यूरेनियम का संवर्धन करेगा, ऐसी चेतावनी इरान ने दी है।

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