आनेवाले वर्षो मे कच्चे तेलों के दाम २५ फीसदी बढेंगे – ब्रिटन के भूतपूर्व मंत्री एवं वित्त तज्ञो का दावा

वॉशिंगटन / लंडन: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास दर में होने वाली बढ़त एवं उसकी वजह से बढती तेल की मांग और सऊदी अरेबिया की गतिविधियां इस पृष्ठभूमि पर कच्चे तेल के दाम आने वाले वर्ष में २५ फीसदी बढ़ेंगे, ऐसा दावा ब्रिटन के भूतपूर्व मंत्री एवं वित्ततज्ञ जिम ओनील ने किया है। पिछले ५ महीनों में तेल के दामों में लगभग ४० फ़ीसदी बढ़त हुई है और इस पृष्ठभूमि पर ओनिल का यह दावा ध्यान केंद्रित करने वाला है। इस महीने की शुरुआत में कुछ विश्लेषक एवं अर्थतज्ञ ने खाड़ी क्षेत्र के तनाव की पृष्ठभूमि पर तेल के दर प्रति बैरल १०० डॉलर्स जाने की आशंका जताई थी।

कच्चे तेलों के दाम

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास की गति आहिस्ता बढ़ रहा है और इसपर बाजार की बारीकी से नज़र है। आनेवाले समय में अंतरराष्ट्रीय वित्त व्यवस्था की गति ४ प्रतिशत तक बढ़ सकती है। वित्त व्यवस्था की गति बढ़ने से कच्चे तेल की मांग में बढ़त होगी, ऐसा दावा जिम ओनील ने किया है। उसमें तेल के प्रमुख प्रदानकर्ता देश होने वाले सऊदी अरेबिया की गतिविधियों की वजह से व्यापारी चिंतित हैं। सऊदी के अंतर्गत तथा विदेश नीति में क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं। उससे निर्माण होने वाले खतरो का भार निवेशक तेल की दरों पर लाद रहे हैं, ऐसा ओनिल ने कहा है।

कोई भी घटक तेल के कीमत में बढ़त होने के लिए जिम्मेदार ठहर सकते हैं, ऐसा दावा जिम ओनील ने किया है। तेल के बाजार में फिलहाल दिखने वाली दिलचस्पी से दामों में ८० डॉलर्स तक बढ़त हो सकती है, ऐसे संकेत वित्त तज्ञ ओनिल ने दिए है। आने वाले वर्ष के आखिर में तेल के दाम फिर से ६० डॉलर्स तक नीचे आ सकते हैं, ऐसी आशंका भी उन्होंने जताई है।

कच्चे तेलों के दाम

फिलहाल तेल के दाम प्रति बैरल ६३.५० डॉलर ऐसे हैं। यह ध्यान में रखकर आने वाले वर्ष में तेल के दामों में लगभग २५ फीसदी बढ़त होने के बाद दिखाई दे रही है। इस वर्ष जून के बाद ५ महीनों के कालखंड में तेल के दामों में ४० फ़ीसदी बढ़त दर्ज हुई है। इसके पीछे रशिया एवं सऊदी अरेबिया के साथ ओपेक संगठन ने तेल के उत्पादन कम करने के बारे में लिया निर्णय, जिम्मेदार ठहरा है। उसमें अमरिका में एक के पीछे एक हुए तूफान की वजह से अमरिका में तेल उत्पादन को भी झटका लगा था।

इन घटनाओं की पृष्ठभूमि पर नवंबर महीने की शुरुआत में तेल के दाम ६४ डॉलर्स प्रति बैरल तक बढे थे। यह दर पिछले ढाई वर्ष का उच्चांक माना जा रहा है। पिछले कई दिनों में अमरिका के तेल उत्पादन में फिर से एक बार बढ़त होने के संकेत मिलने की वजह से तेल के दामों में थोड़े तादाद में गिरावट दिखाई दे रही है और दूसरी ओर इस हफ्ते में होने वाले रशिया एवं ओपेक सदस्य देशों की बैठक तेल के दामों पर परिणाम करेगी, ऐसा माना जा रहा है।

कुछ विश्लेषकों ने खाड़ी क्षेत्र में होने वाले तनाव तेल के दिन दामों पर परिणाम करेगा, ऐसा सूचित किया है और दाम १०० डॉलर्स तक भड़केगा ऐसा सूचित किया है। रशियन विश्लेषक मिखाइल माशेन्को ने सऊदी एवं इराक में युद्ध होने पर, तेल के दाम लगभग ३०० डॉलर्स प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं, ऐसा इशारा दिया था।

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