ईंधन और सोने के दामों में हुई उथल-पुथल से जागतिक अर्थव्यवस्था को झटके

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

रियाध/लंदन/न्यूयॉर्क – ईंधन और सोने के दामों में पीछले चार दिनों में हुई उथलपुथल के कारण जागतिक अर्थव्यवस्था को नए झटके लगना शुरू हुआ है| पीछले हफ्ते में ईंधन उत्पादक देशों का समझौता टुटने के कारण क्रुड के दामों में बडी गिरावट हुई है| इसके साथ ही निवेशकों ने अपना रुख सोने की ओर मोड दिया है| ऐसे में सोने के दामों में विक्रमी उछाल दिखाई दिया| इन सभी घटनाओं की गुंज अंतरराष्ट्रीय शेअर बाजारों में सुनाई पडी है और अमरिकीडो जोन्ससमेत यूरोप और एशियाई शेअर बाजार से १० प्रतिशत गिरावट का सामना करते दिखाई दिए|

चीन से फैलीकोरोना व्हायरसकी महामारी के कारण पर्यटन, हवाई यात्रा, यातायात एवं उत्पादन क्षेत्र को बडा नुकसान होने की बात पीछले दो महीनों से सामने रही है| अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष समेत दुनिया की प्रमुख वित्तसंस्थाओं नेकोरोना व्हायरससे जागतिक अर्थव्यवस्था का भी नुकसान होगा, यह अंदाजा एवं रपट जारी करना शुरू किया था| इसी पृष्ठभूमि पर पीछले हफ्ते में दुनिया के प्रमुख ईंधन उत्पादक देशों की बैठक हुई| इसमें ईर्धन उत्पाद देशों की प्रमुखओपेकसंगठन समेत रशिया एवं अन्य देश शामिल हुए थे|  

 

ओपेक प्लसनाम से जाने जा रहे इस गुट ने पीछले वर्ष क्रुड का उत्पाद कम करने के लिए अहम समझौता किया था| इस समझौते के लिए तय किए गए समय में बढोतरी करके यह समय मार्च २०२० किया गया था| इसके आगे ईंधन उत्पाद में कटौती बरकरार रखने के मुद्दे पर हुई बैठक असफल होने की बात शुक्रवार के दिन स्पष्ट हुई| यह बैठक असफल होने का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार पर हुआ और इसी दौरान क्रुड का दाम प्रति बैरल ५० डॉलर्स से भी कम हुआ था|

सोमवार के दिन ईंधन बाजार में अधिक कडी प्रतिक्रिया देखी गई और ईंधन का दाम करीबन ३० प्रतिशत टुट गया| अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रुड का दाम प्रति बैरल ३१.०२ डॉलर्स हुआ| अमरिका में क्रुड का दाम ३० डॉलर्स से भी कम रहा| मात्र एक दिन में क्रुड के दामों में ३० प्रतिशत की हुई गिरावट वर्ष १९९१ में हुएगल्फ वॉरके बाद सबसे बडी गिरावट साबित हुई| मंगलवार के दिन ईंधन बाजार में कुछ मात्रा में सुधार दिखाई दिया| पर, इसका गहरा असर जागतिक अर्थव्यवस्था पर होता दिख रहा है

ईंधन के दामों में गिरावट हो रही थी तभी अस्थिरता में सुरक्षित निवेश के तौर पर देखे जा रहे सोने के दामों में ऐतिहासिक उछाल दिखाई दिया| इस दौरान सोने का दाम प्रति औंस ,७०० डॉलर्स तक जा पहुंचा| सोने का दाम प्रति औंस ,७०४.३० डॉलर्स तक जाना दिसंबर २०१२ के बाद सबसे उच्चतम साबित हुआ| मंगलवार के दिन इसमें गिरावट होकर यह दाम ,७०० डॉलर्स के निचें गए| फिर भी अगले कुछ दिनों में सोने का दामों में नया उछाल दिखाई देगा, यह अंदाजा विश्लेषक व्यक्त कर रहे है| ‘यूबीएस ग्रुपने वर्ष २०२१ में सोने का दाम बढकर प्रति औंस २००० डॉलर्स से भी अधिक रहेगा, यह दावा किया|

ईंधन और सोने के दामों में देखी गई इस उथल पुथल का असर अंतरराष्ट्रीय शेअर बाजार पर होता दिखाई दिया| अमरिका का प्रमुख डो जोन्स निदेशांक सोमवार के दिन दो हजार अंकों की गिरावट का सामना करता दिखाई दिया| पीछले दशक की जागतिक मंदी के बाद डो के लिए यह सबसे बडी गिरावट साबित हुई| डो जोन्स के साथ ही अमरिका के अन्य निदेशांकों की गिरावट यूरोप?एवं एशियाई शेअर बाजारों को अरबों डॉलर्स का नुकसान देनेवाली साबित हुई| मंगलवार के दिन शेअर बाजार में सुधार होना शुरू हुआ, फिर भी पीछले कुछ दिनों में हुए नुकसान से उभर ने के लिए काफी समय लगेगा, यह अंदाजा आर्थिक विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.