अमरिका के साथ हो रही संभावित ‘ट्रेड डील’ की पृष्ठभूमि पर चीन की अर्थव्यवस्था के सामने बनी मुश्किलों में बढोतरी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

बीजिंग/वॉशिंग्टन – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग और शासक कम्युनिस्ट हुकूमत अमरिका के साथ ‘ट्रेड डील’ करने की कोशिश कर रही है और ऐसे में चीन की अर्थव्यवस्था के सामने खडी मुश्किलों में बढोतरी होेने की बात सामने आ रही है| पिछले कुछ महीनों में चीन के ‘युआन’ चलन की मांग और व्यवहारों में कमी देखी गई है और शेअर बाजार में भी गिरावट हुई है| ऐसे में चीन सरकार का उपक्रम होनेवाली प्रमुख कंपनियां कर्ज का भुगतान कर नही सकी है और इस वजह से दिवालिया घोषित होने के काफी नजदिक होने की बात कही जा रही है| चीन की अर्थव्यवस्था की मुश्किलें बढ रही है और ऐसे में अमरिकी अर्थव्यवस्था उम्मीद से भी ज्यादा अच्छी सफलता प्राप्त कर रही है| इसका मतलब व्यापारयुद्ध में अमरिका की जीत हो रही है, यह दावा विश्‍लेषक कर रहे है|

चीन ने कुछ दिन पहले ही ‘फायनान्शिअल स्टेबिलिटी रिपोर्ट’ सार्वजनिक किया| इसमें चीन की सेंट्रल बैंक ने देश के चार हजार से भी अधिक बैंकों में से करीबन ६०० बैंकों की स्थिति काफी गंभीर (हाय रिस्क) होने की बात दर्ज की है| पिछले वर्ष की तुलना में इस समस्या में बढोतरी होने की बात भी चीन की सेंट्रल बैंक ने कही है| साथ ही चीन पर प्रतिव्यक्ति कर्ज का भार आय की तुलना में सीधे ९९ प्रतिशत तक जा पहुंचा है, यह इशारा भी दिया गया है| प्रतिव्यक्ति कर्ज का भार बढने के अलावा ‘कार्पोरेट क्षेत्र का कर्ज भी वर्ष २०१८ के तुलना में ‘जीडीपी’ से १६५ प्रतिशत होने की बात की ओर भी ध्यान आकर्षित किया गया है|

यह रपट प्रसिद्ध हो रहा है, तभी दुनिया के ‘फॉर्च्युन ५००’ गुटों में शामिल ‘टीवू ग्रुप’ इस शीर्ष कंपनी ने विदेश में कर्ज का भुगतान करने में असमर्थता दिखाने से सनसनी फैली है| अबतक चीन की हुकूमत ने सरकारी उपक्रमों को विदेश के बाजार में नाकामयाब होने नही दिया है| पर, लगभग ३८ अरब डॉलर्स की संपत्ति रखनेवाली सरकारी उपक्रम के विषय में चीन सरकार ने किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नही किया है| यह कंपनी कर्ज का भुगतान करने में असफल हो रही थी तभी चीन ने चार बैंकों को आर्थिक सहायता एवं अन्य सहुलियत देकर बचाया है|

इसी बिच चीन के शेअर बाजार में भी ज्यादा उत्साह नही दिख रहा और अमरिका एवं अन्य विदेशी शेअर बाजारों की तुलना में निदेशांक की बढोतरी काफी कम रहने की बात सामने आयी है| अमरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि पर निवेषकों का चीन के शेअर बाजार पर होनेवाला भरौसा कम हुआ है, यह दावा विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे है| शेअर बाजार में हो रहे निवेष के अलावा युआन के इस्तेमाल और मांग में भी कमी आने की बात स्पष्ट हुई है|

चीन की अर्थव्यवस्था की समस्या एक के बाद एक सामने आ रही है और ऐसे में अमरिकी अर्थव्यवस्था काफी तेजी में प्रगति करती दिख रही है| अर्थव्यवस्था का विकास दर भी सकारात्मक रहा है और शेअर बाजार नए विक्रम दर्ज कर रहा है| चलन बाजार में भी अमरिकी डॉलर्स की मांग भी स्थिर है औड़ चनल का मुल्य मजबूत स्थिति में होने की बात विशेषज्ञ कर रहे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.