कॅटालोनिया की समस्या बढ़ गई तो यूरोप में गृहयुद्ध भडकेगा- यूरोपीय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

ब्रुसेल्स: स्पेन के कॅटालोनिया प्रान्त की स्थिति बहुत ही अस्वस्थ करने वाली है, जिससे गृहयुद्ध भड़केगा, ऐसा इशारा यूरोपीय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी गुंथर ओटिन्गर ने दिया है। यूरोपीय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी ने कॅटालोनिया के मुद्दे पर पहली बार ऐसा आक्रामक वक्तव्य किया है। १ अक्टूबर को कॅटालोनिया में पूरे हुए जनमत के बाद इस प्रान्त की परिस्थिति ख़राब होती जा रही है और प्रान्त के अध्यक्ष कार्ल्स पिगडेमोंट ने जल्द ही आजादी की घोषणा करने का इशारा दिया है।

गुंथर ओटिन्गर ‘यूरोपियन कमिशनर फॉर बजेट एंड ह्यूमन रिसोर्स’ के पद पर हैं और जर्मनी की चांसलर अंजेला मर्केल के कट्टर समर्थक हैं। ‘कॅटालोनिया के जनमत के बाद निर्माण हुई स्थिति बहुत ही अस्वस्थ करने वाली है। ऐसी स्थिति में यूरोप में गृहयुद्ध भडकने की सम्भावना है’, ऐसा इशारा ओटिन्गर ने दिया है। स्पेन सरकार और कॅटालोनिया के बिच चर्चा शुरू हो जाए, ऐसी आशा रखने के अलावा दूसरा कोई भी पर्याय नहीं है, ऐसा भी ओटिन्गर ने कहा है। इस मुद्दे पर पूछा गया तो ही महासंघ हस्तक्षेप करेगा, यह बात भी उन्होंने स्पष्ट कीया है।

यूरोपीय महासंघ के वरिष्ठ अधिकारी ने ‘कॅटालोनिया’ के मुद्दे को लेकर सीधे ‘गृहयुद्ध’ भडकने का इशारा देना, ध्यान आकर्षित करने वाली बात है। कॅटालोनिया में जनमत की तैयारी शूरू थी तब यूरोपीय महासंघ ने यह स्पेन का अंतर्गत मुद्दा है कहकर इस में हस्तक्षेप करने के लिए इन्कार किया था। उसी समय महासंघ स्पेन की एकजुट के पक्ष में खड़ा रहेगा, ऐसा आश्वासन भी दिया था। लेकिन अब स्पेन सरकार ने कॅटालोनिया के जनमत का मुद्दा योग्य रूप से न संभालने की टीका की है।

यूरोप के विविध विश्लेषकों ने कॅटालोनिया का मुद्दा स्पेन तक सिमित नहीं है, बल्कि यूरोपीय महासंघ के अस्तित्व के साथ जुड़ गया है, ऐसा इशारा देना शुरू किया है। इसलिए महासंघ कॅटालोनिया की गंभीर दखल लेने पर मजबूर हुआ है और ओटिन्गर का विधान इस बात की पुष्टि करता है। कॅटालोनिया के जनमत के बाद यूरोप के इटली, बेल्जियम, ब्रिटन जैसे देशों में फिर एक बार विघटनवादी आन्दोलन बढ़ सकता है, ऐसा डर भी व्यक्त किया जा रहा है।

स्पेन में स्वतंत्र भाषा और संस्कृति वाले सबसे समृद्ध प्रान्त के तौर पर कॅटालोनिया प्रान्त पहचाना जाता है। स्पेन में सन १९७० में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना होने के बाद इस क्षेत्र में हमेशा प्रान्तिक राजनितिक समूहों का वर्चस्व रहा है। स्पेन सरकार ने सन १९७९ और २००६ में विविध क़ानूनी प्रावधानों के माध्यम से कॅटालोनिया को राजनितिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक स्वराज्य प्रधान किया था। लेकिन आर्थिक और अन्य क्षेत्र में स्पेन सरकार का वर्चस्व कायम रहेगा, इस बात का ख्याल रखा गया था।

इस वजह से, स्पेन की राजवट हमारे साथ अप्रधान बर्ताव कर रही है, ऐसा कॅटालोनिया की जनता का दावा है। स्कॉटलैंड में हुए जनमत और ब्रेक्झिट निर्णय के बाद कातालोन समूहों ने अपनी आजादी की मांग को अधिक तीव्र किया है और जनमत के माध्यम से स्पेन सरकार के वर्चस्व को प्रत्युत्तर दिया गया है, ऐसा माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.