भारत में आयोजित ‘क्वाड’ बैठक से चीन बेचैन – आलोचना करते हुए कहा, ‘एशियन नाटो’ असफल होगी

बीजिंग – मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को ‘क्वाड’ देशों का समर्थन हमेशा रहेगा। साथ ही किसी भी तरह से वहां की मौजूदा स्थिति बदलने की एकतरफा कोशिशों को ‘क्वाड’ विरोध करेगा, ऐसा ऐलान पिछले हफ्ते नई दिल्ली में आयोजित ‘क्वाड’ की बैठक में किया गया था। इसकी वजह से बेचैन हुए चीन ने अमरीका को फटकार लगाई है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों की ‘एशियन नाटो’ खड़ी करके चीन को घेरने की अमरीका की जानेवाले कोशिश असफल होगी, ऐसी आलोचना चीन के विदेश मंत्री किन गैन्ग ने की। लेकिन, ‘क्वाड’ की बैठक को लक्ष्य करते हुए चीन के विदेश मंत्री भारत के खिलाफ बयान करने से और इसके सवाल का जवाब देने से भी जानबूझकर दूर रहे। 

‘क्वाड’ बैठकपिछले हफ्ते नई दिल्ली में ‘जी २०’ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक में अमरीका, रशिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन समेत चीन के विदेश मंत्री भी शामिल थे। दो दिनों की इस बैठक के बाद भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इन क्वाड देशों की बैठक भी हुई। इस दौरान ‘स्वतंत्रता, नियमों का पालन, संप्रभुता और क्षेत्रिय एकात्मता एवं ताकत का इस्तेमाल करने की धमकियां दिए बिना विवाद का समझदारी से हल निकालने की कोशिश एवं इस क्षेत्र में समुद्री एवं हवाई यातायात की स्वतंत्रता’ का क्वाड देश पुरस्कार करते हैं, यह संयुक्त निवेदन में घोषित किया गया।

सीधे ज़िक्र किए बिना इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जारी चीन की वर्चस्ववादी गतिविधियों को ‘क्वाड’ के इस संयुक्त निवेदन में लक्ष्य किया गया था। इस दौरान चीन ने गिनेचुने शब्दों में इस बैठक के प्रति अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी। लेकिन, मंगलवार को चीन के विदेश मंत्री किन गैन्ग ने अपनी पहली वार्ता परिषद में क्वाड की बैठक पर जवाब देते हुए अमरीका की तीव्र आलोचना की। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मुक्त और खुले यातायात का मुद्दा उठाने वाली अमरीका इस क्षेत्र के देशों को उकसा रही है, ऐसा आरोप चीन के विदेश मंत्री ने लगाया। यूरोपिय देशों की नाटो की तरह अमरीका ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों को साथ लेकर एशियन नाटो का निर्माण कर रही है, ऐसा आरोप गैन्ग ने लगाया। लेकिन, चीन को घेरने के लिए अमरीका की कोशिशें सफल नहीं होंगीं, यह दावा चीन के विदेश मंत्री ने किया।

अपनी पहली वार्ता परिषद में ही किन गैन्ग ने रशिया के ताल्लुकात एवं अमरीका-ताइवान, यूरोपिय महासंघ और जापान के मुद्दों पर सभी देशों की आलोचना की। आसियान देशों का मुद्दा उठाते हुए चीन के विदेश मंत्री ने अमरीका को लक्ष्य किया। लेकिन, इस पूरी वार्ता परिषद में चीन के विदेश मंत्री ने भारत से संबंधित सवाल का जवाब नहीं दिया।

इसी बीच, भारत में आयोजित ‘जी २०’ के विदेश मंत्रियों की बैठक को सफलता मिलने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में अगले कुछ ही दिनों में जापान के प्रधानमंत्री भारत के दौरे पर आ रहे हैं। जापान, फिलहाल ‘जी ७’ बैठक का आयोजन कर रहा है। भारत इस बैठक में शामिल हो, ऐसा आवाहन जापान के प्रधानमंत्री करेंगे, ऐसी संभावना भी है। इसके अलावा इसी हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भी भारत आ रहे हैं। जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के यह भारत दौरे चीन को व्यथित करते हैं, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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