क्वाड में सहभाग के मुद्दे पर चीन की बांग्लादेश को धमकी

ढाका, दि. ११ (पीटीआय) – भारत-अमरीका-जापान-ऑस्ट्रेलिया के ‘क्वाड’ में सहभागी होने का फैसला किया, तो बांग्लादेश को बहुत बड़ा नुकसान सेंड करना पड़ेगा। इससे चीन- बांग्लादेश संबंध बिगड़ेंगे, ऐसी धमकी चीन ने दी है। चीन की यह चेतावनी आक्रामक होने का दोषारोपण करके, यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है, ऐसा बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने चीन को जताया है।

quad-china-bangladesh-1बांग्लादेश में नियुक्त चीन के राजदूत ली जिमिंग ने क्वाड के मुद्दे पर बांग्लादेश को चेतावनी दी। क्वाड जैसे गुट में सहभागी होना यह बांग्लादेश के लिए अच्छी बात नहीं साबित होगी। क्योंकि इससे चीन-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंध बिगड़ जायेंगे, ऐसा राजदूत जिमिंग ने जताया है। क्वाड आर्थिक और सुरक्षाविषयक संगठन होने का दावा हालांकि किया जा रहा है, फिर भी वह सच नहीं है । यह चीन के विरोध में की गई व्यूहरचना है, ऐसा आरोप जिमिंग ने माध्यमों में किया। ऐसे गुट में सहभागी होकर बांग्लादेश के हाथ कुछ नहीं लगने वाला है । उल्टा इससे बांग्लादेश का अधिक नुकसान होने की गहरी संभावना है, ऐसा जिमिंग ने आगे कहा।

इससे पहले २७ अप्रैल को चीन के रक्षा मंत्री जनरल वुई फेंघे ने बांग्लादेश का दौरा किया था। क्वाड के मुद्दे पर चेतावनी देने के लिए ही उन्होंने बांग्लादेश की भेंट की होने की चर्चा माध्यमों में हो रही थी। चीन के रक्षा मंत्री ने बांग्लादेश के बाद श्रीलंका का भी दौरा किया। उसके पीछे भी यही कारण होने का दावा किया जाता है। लेकिन इन दोनों देशों से उन्हें कुछ खास प्रतिसाद नहीं मिला है। इस कारण चीन ने चेतावनियों से भी आगे जाकर धमकियाँ देने का सत्र शुरू किया दिख रहा है। चीन के राजदूत ली जिमिंग की कठोर और आक्रामक भाषा इसी की गवाही दे रही है।

लेकिन चीन की धमकी का बांग्लादेश पर असर नहीं होगा, ऐसा बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने दर्ज की प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है। चीन की भाषा आक्रामक है और चीन के राजनीतिक अधिकारियों से इससे पहले ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया था। यह बात बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे बांग्लादेश के दिल को ठेस पहुंची है, ऐसा विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमेन ने कहा है।

इसी के साथ, बांग्लादेश स्वतंत्र और सार्वभौम देश है और अपनी विदेश नीति बांग्लादेश खुद ही निर्धारित करता है, ऐसा विदेश मंत्री मोमेन ने चीन से डटकर कहा। साथ ही, बांग्लादेश की विदेश नीति गुटनिरपेक्ष और संतुलन रखनेवाली है और इस नीति से सुसंगत होनेवाले फैसले करने के लिए अपना देश स्वतंत्र होगा, ऐसा भी विदेश मंत्री मोमेन ने स्पष्ट किया। वहीं, क्वाड में सहभागी होने का प्रस्ताव अब तक हमारे सामने आया ही नहीं है, ऐसी जानकारी बांग्लादेश की विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने माध्यमों को दी।

चीन को रोकने के लिए ही क्वाड की स्थापना हुई, लेकिन भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इनका यह गुट चीन का कुछ भी बिगाड़ नहीं सकेगा, ऐसे दावे चीन ने ठोके थे। लेकिन पिछले महीने में अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने पहल करके, क्वाड के वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन किया। उसके बाद क्वाड का विस्तार करने के संदर्भ में चर्चा शुरू हुई। क्वाड देशों की नौसेनाओं के साथ फ्रान्स की नौसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास बंगाल की खाड़ी में संपन्न हुआ था। फ्रान्स, ब्रिटेन ये देश क्वाड में सहभागी होने के लिए उत्सुक होने के संकेत मिल रहे हैं। साथ ही, कैनेडा, दक्षिण कोरिया इन देशों का भी समावेश क्वाड में किया जा सकता है। बांग्लादेश को भी क्वाड में सहभागी करने की चर्चा शुरू हुई थी।

लेकिन शुरू शुरू में क्वाड का मज़ाक उड़ानेवाला चीन अब खुद को असुरक्षित मान रहा दिखाई देता है। बांग्लादेश को दी धमकी में से चीन की यह असुरक्षितता स्पष्ट रूप में दुनिया के सामने आ रही है। इस प्रकार धमकियाँ देकर चीन ने बांग्लादेश को खुद से अधिक ही दूर किया दिख रहा है। राजनीतिक स्तर पर की हुई यह गलती चीन को अधिक ही महँगी पड़ सकती है। पहले ही ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध का निर्माण करके चीन ने भारत समेत बांग्लादेश की चिंताएँ बढ़ाईं हैं। क्योंकि तिब्बत में उद्गमित होनेवाली इस नदी की धारा भारत और बांग्लादेश में होकर बहती है। यदि इस नदी का पानी कम हुआ, तो उसका बहुत बड़ा झटका बांग्लादेश को भी लगेगा। इसी कारण इस बांध का इस्तेमाल चीन भारत और बांग्लादेश के खिलाफ हथियार जैसा कर सकता है। इसी कारण इस मसले पर भारत और बांग्लादेश ने सहयोग बढ़ाया है।

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