कोलोनिअल सायबर हमले में रशिया का हाथ नहीं है – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का दावा

वॉशिंग्टन/मॉस्को- अमरीका की सबसे बड़ी र्इंधन पाइपलाइन ‘कोलोनिअल पाइपलाइन’ पर हुए सायबर हमले के पीछे ‘डार्कसाईड’ नामक संगठन होने की जानकारी अमरिकी जाँच यंत्रणा ने सार्वजनिक की है। सायबर सुरक्षा कंपनियों एवं विशेषज्ञों के अनुसार ‘डार्कसाईड’ संगठन रशिया से ताल्लुकात रखनेवाला अपराध करनेवाला संगठन है। इसके बावजूद ‘कोलोनिअल पाइपलाइन’ पर हुए सायबर हमले में रशिया का हाथ ना होने का दावा करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सबको चौंका दिया है।

सोमवार के दिन व्हाईट हाउस में आयोजित वार्ता परिषद में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कोलोनिअल पाइपलाइन पर हुए सायबर हमले से संबंधित भूमिका स्पष्ट की। ‘कोलोनिअल’ पर हुआ सायबर हमला ‘रैन्समवेअर’ प्रकार का हमला होने की जानकारी ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ (एफबीआय) ने प्रदान की है। यह हमला एक अपराधिक कृत्य है। ‘एफबीआय’ और न्याय विभाग अगली कारवाई कर रहा है और गुनाहगारों को उचित सज़ा मिलेगी। हमले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के गुनाहगारों का हाथ है और इनके विरोध में अमरीका ने विश्व स्तर पर कोशिश शुरू की है’, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने कहा।

इस दौरान बायडेन से यह सवाल किया गया था कि, क्या इस हमले में रशिया का हाथ है? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस हमले में रशिया का हाथ होने की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है, ऐसा कहा। लेकिन, साथ ही रैन्समवेअर का निर्माण रशियन होने की बात स्पष्ट हुई है और इस वजह से रशिया को कुछ मात्रा में जिम्मेदारी स्वीकारनी ही पड़ेगी, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने आगे कहा। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ होनेवाली बैठक में हम यह मुद्दा उठाएँगे, यह दावा भी बायडेन ने इस दौरान किया।

‘एफबीआय’ ने ‘डार्कसाईड’ का हाथ होने का निवेदन जारी करने के बाद बायडेन का ऐसा बयान चौकानेवाला साबित हुआ है। सायबर सुरक्षा क्षेत्र की कंपनियाँ एवं विशेषज्ञों के दावों के अनुसार ‘डार्कसाईड’ गुट रशिया से संबंधित है। इस गुट ने अब तक किए हमलों में रशियन कंपनियों को लक्ष्य किया नहीं गया है। यह गुट रशिया के करीबी देश से चलाया जा रहा है और इसे रशिया बढ़ावा दे रही है, ऐसी आशंका भी है।

बीते वर्ष से अमरीका की सरकारी यंत्रणा एवं निजी कंपनियों पर बड़े सायबर हमले होने की बात स्पष्ट हुई थी। इन हमलों के पीछे रशिया एवं चीन का हाथ होने की जानकारी अमरिकी प्रशासन ने प्रदान की थी। इसके जवाब में रशियान यंत्रणाओं पर हमले करने के आदेश भी जारी किए गए थे। इसी बीच बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद रशिया के खिलाफ आक्रामक नीति अपनाने के संकेत देकर इसके समर्थन में कुछ निर्णय भी किए थे। इस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर बायडेन ने रशिया का हाथ ना होने का बयान करनेवाली घटना सवाल निर्माण करनेवाली साबित हुई है।

पूर्व अमरीका में न्यू जर्सी से टेक्सास तक पहुँची ‘कोलोनिअल पाइपलाइन’ पर शुक्रवार के दिन सायबर हमला होने की बात सामने आयी थी। इस हमले के बाद सावधानी के तौर पर कंपनी ने अपना पाइपलाइन का पूरा नेटवर्क बंद किया था। लगभग नौं हज़ार किलोमीटर की इस पाइपलाइन से अमरीका में रोज़ाना करीबन २३ लाख बैरल र्इंधन की सप्लाई होती है। ‘कोलोनिअल’ पर हुआ सायबर हमला अमरिकी र्इंधन क्षेत्र पर हुआ अब तक का सबसे बड़ा सायबर हमला साबित हो रहा है।

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