बजट २०२०-२१

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने शनिवार के दिन वर्ष २०२०२१ का बजट संसद में पेश किया| सालाना ५ से १५ लाख आय प्राप्त करनेवाले गुट को आयकर में प्रदान की हुई सहुलियत इस बजट की सबसे अहम बात होने का दावा हो रहा है| पर, इस सहुलियत का लाभ उठानेवाले करदाता को अन्य सहुलियत का लाभ छोडना होगा, इस ओर ध्यान आकर्षित करके संबंधित प्रावधान से करदाता को इस प्रावधान से खास लाभ नही होगा, यह दावे भी हो रहे है| पर, केंद्रीय वित्तमंत्रि ने यह दावे ठुकराए है| साथ ही बजट में कृषि, उत्पाद, बुनियादी सुविधा के विकास को सबसे अधिक अहमियत दी गई है और इसके जरिए विकास की प्रक्रिया गतिमान करने की कोशिश की गई है|

इस बजट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव और भी मजबूत होगी, यह विश्‍वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया है| मध्यम वर्ग के हातों में अधिक पैसे पडते है तो उनकी खर्च करने की क्षमता बढेगी और इससे मांग में बढोतरी होगी, यह कहकर वित्तमंत्रि सीतारामन ने आयकर में प्रदान की गई सहुलियत का ऐलान किया| इसके अनुसार करदाता के पाच वर्ग तैयार किए गए है| इसमें ५ से १५ लाख सालाना आय होनेवाले गुट को बडी सहुलियत प्रदान की गई है| पर, यह सहुलियत प्राप्त करने के लिए करदाता को पहले से उपलब्ध कराई सहुलियत के लाभ छोडने होंगे, इस ओर विशेषज्ञ ध्यान आकर्षित कर रहे है| इस वजह से करदाता को ज्यादा लाभ नही होगा, यह भी विशेषज्ञों का कहना है| पर, निर्मला सीतारामन ने यह दावा ठुकराया है और कुछ सहुलियत बरकरार होने की बात कही|

इस विषय पर बने संभ्रम की पृष्ठभूमि पर बजट का ऐलान होने के बाद शेअर बाजार में बडी गिरावट देखी गई| पर, ज्यादा उम्मीद रखने से निवेशक नाराज हुए और इसी कारण बजट आने के बाद शेअर बाजर में गिरावट होने का दावा आर्थिक विशेषज्ञ कर रहे है|

देश की उम्मीद, सभीयों का आर्थिक विकास और कल्याणकारी समाज, ऐसे तीन घटक सामने रखकर यह बजट तैयार किया गया है, ऐसा निर्मला सीतारामन ने कहा है| वर्ष २०२२ तक देश के किसानों की आय दोगुनी करने का उद्देश्य सामने रखकर इस बजट में करीबन ६.११ करोड किसानों पर ध्यान दिया गया है| इसके अनुसार किसानों की आय बढाने के लिए खेती से संबंधित अतिरिक्त कारोबार का विकास करने पर जोर देने की बात केंद्रीय वित्तमंत्रि ने कही|

खास तौर पर कृषि सामान की यातायात करने के लिए और सामान का भंडार करने के लिए ज्यादा कोशिश करने की बात सीतारामन ने स्पष्ट की| इस बजट में किसानों के लिए करीबन १५ लाख करोड रुपयों का कृषिकर्ज उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है|

बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए करीबन १.०७ लाख करोड रुपयों का प्रावधान बजट में है| इससे अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होगा| जल्द ही इस विषय पर सरकार नैशनल लॉजिस्टिकनीति का ऐलान करेगी| साथ ही गृहनिर्माण को गति देने के लिए अहम निर्णय घोषित किए गए है और छह नई स्मार्ट सिटीज् विकसित करने का ऐलान बजट में किया गया है|

वही रक्षा क्षेत्र के लिए करीबन ३.३७ लाख करोड रुपयों का बजट में प्रावधान है| इनमें से १.१३ लाख करोड रुपये नए हथियार और रक्षा सामान की खरेदी के लिए रहेंगे| सेना दल का वेतन और रक्षा सामान के रखरखाव समेत अन्य जरूरतों के लिए २.०९ लाख करोड रुपये खर्च होंगे|

इस बजट में कुछ साहसी निर्णय और रचनात्मक सुधार की उम्मीद थी| उस दिशा में सरकार ने कदम नही बढाए है, ऐसी आलोचना कुछ आर्थिक विशेषज्ञ कर रहे थे| तभी, कुछ लोगों ने प्राप्त स्थिति में पेश किया गया यह बजट बिल्कुल सही होने का दावा किया है| बजट से हर बार ज्यादा उम्मीद नही रख सकते| विकसित देशों में बजट से भी अधिक आर्थिक नीति को अब अहमियत देना शुरू हुआ है, इस ओर भी विश्‍लेषक ध्यान दे रहे है|

करों के माध्यम से प्राप्त हो रहे महसूल में बडी गिरावट होने से सरकार के सामने काफी कम विकल्प थे| इस वजह से वित्तीय तूट करीबन ०.५ प्रतिशत बढाकर सरकार ने विकास को गति देने का निर्णय किया है| अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किया यह निर्णय सही साबित होगा| पर, अगले दौर में केंद्र सरकार को वित्तीय तूट नियंत्रण में रखने के लिए कोशिश करनी ही होगी, यह इशारा भी विशेषज्ञ दे रहे है| तभी, वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने अगले दौर में जीएसटी के जरिए प्राप्त होनेवाले महसूल में मोटी बढोतरी होने की उम्मीद जताई है और यह नीधि अर्थव्यवस्था और गतिमान करने के लिए इस्तेमाल होगा, यह ऐलान भी किया|

विदेश मंत्रालय के लिए बजट में करीबन १७,३०० करोड रुपयों का प्रावधान है| इसमें ईरान के छाबहार बंदरगाह के विकास के लिए करीबन १०० करोड रुपयों का प्रावधान रहेगा| यह बंदरगाह भारत को ईरान के रास्ते अफगानिस्तान तक माल की यातायात करने के लिए काफी अहम भूमिका निभाएगा और इस वजह से भारतअफगानिस्तान व्यापार में बना पाकिस्तान का अडंगा दूर होगा|

साथ ही भारत से अन्य देशों को दिए जा रहे अनुदान एवं सहुलियत में करीबन ५६ करोड रुपयों की कटौती की गई है| पर, म्यानमार की सहायता के लिए अधिक प्रावधान किया गया है| साथ ही म्यानमार की सहायता के लिए अतिरिक्त १७० करोड रुपये प्रदान करने के लिए भी बजट में प्रावधान रखा गया है|

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