भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बनेगा – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वास

नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था का हाथी अब दौड़ने लगा है, ऐसा दावा अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने अपनी रिपोर्ट में किया था। इसका प्रमाण देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह पिछले चार सालों में सरकार ने हाथों में लिए रचनात्मक कार्यक्रमों का फल है, ऐसा कहा है। देश के ७२ वे स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश की आर्थिक प्रदर्शन पर समाधान व्यक्त किया। उसी समय देश के सामने खड़ी आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का आत्मविश्वास से सामना करने का इरादा प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है।

भारत, वैश्विक अर्थव्यवस्था, विकास, इंजन, नरेंद्र मोदी, विश्वास, नई दिल्ली, केंद्र सरकारभारत देश के छठे नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया है। अगले तीन दशकों में भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था का इंजन बनेगा, ऐसा सब लोग मान्य करने लगे हैं, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने सिर्फ केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने ही नहीं, बल्कि जनता ने भी देश निर्माण में योगदान देना चाहिए, ऐसा संदेश दिया है। साथ ही करदाता और कर वसूली में पिछले चार सालों में दोगुना बढ़ोत्तरी हुई है, ऐसा कहकर करदाता देश निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं, ऐसा कहा है। साथ ही प्रधानमंत्री ने ‘आयुष्यमान भारत’ इस जनसामान्य लोगों के लिए योजना की घोषणा की।

गरीबों के साथ साथ निम्न मध्यमवर्ग और मध्यमवर्ग और उच्चमध्यमवर्ग को भी इसका लाभ मिलने वाला है। लगभग १० करोड़ परिवारवालों को इस वजह से हर साल पाँच लाख रुपयों का स्वास्थ बीमा मिलेगा, ऐसी प्रधानमंत्री ने घोषणा की है। साथ ही मानवी अंतरिक्ष मुहीम के लिए मोदी ने इस्रो के सामने सन २०२२ का लक्ष्य रखा है। महिलाओं को भी पुरुषों की तरह पूरा समय लष्करी सेवा में शामिल करके लेने की घोषणा प्रधानमंत्री ने की है। सबके लिए घर का सपना पूरा करने का ध्येय सन २०२२ तक पूरा करने के लिए योजनाबद्ध कोशिश करने का आश्वासन मोदी ने इस दौरान दिया है।

साथ ही सन २०२२ तक किसानों का उत्पन्न दोगुना करने का इरादा प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए अधिक कठोर कानून बनाने की आवश्यकता प्रधानमंत्री ने व्यक्त की है और इसके लिए कोशिश करने की घोषणा की है। माओवादियों के प्रभाव वाले जिलों की संख्या कम हुई है, ऐसा कहकर इस पर भी मोदीजी ने समाधान व्यक्त किया है।

सुरक्षा यंत्रणाओं की कार्रवाइयां और विकास की प्रक्रिया इस वजह से यह संभव हुआ है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा है। कश्मीर की समस्या बन्दुक की गोली से अथवा गालियों से सुलझने वाली नहीं है। बल्कि बंधुता से गले लगकर सुलझेगी, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री मोदी ने दिया है। इसीके साथ ही पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने कार्यान्वित की योजनाएं और उनका प्रभावी कार्यान्वयन और पारदर्शी व्यवहार की वजह से हजारो करोड़ रुपयों की बचत हुई, इस बात की तरफ भी प्रधानमंत्री ने ध्यान खींचा है।

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