जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अमरिका के साथ अब ब्रिटेन और फ्रान्स भी भारत के समर्थन में

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर संबंधी भारत ने किए निर्णय पर किसी भी देश ने विरोध किया नही है, फिर भी किसी भी देश ने भारत के पक्ष में समर्थन नही दिया है, यह कहकर पाकिस्तान के विश्‍लेषक अपने आप को संतोष दिला रहे थे| लेकिन, सिर्फ दो दिनों में इनकी दावों में से हवां निकल जाती दिखाई दे रही है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के साथ ब्रिटेन, फ्रान्स और बांगलादेश ने भी कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को झटका दिया है| कश्मीर यह द्विपक्षीय मसला है और पाकिस्तान इस पर हल निकालने के लिए भारत से बातचीत करें, यही भूमिका इन देशों ने रखी है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने कश्मीर मसला काफी जटील होने की बात कहकर इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान सीधे बातचीत करें, यह सुझाव रखा है| अलग शब्दों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह प्रश्‍न उपस्थित करने के लिए पाकिस्तान ने शुरू कि हुई कोशिशों के लिए लाभ नही होगा, यह इशारा ट्रम्प ने दिया है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन के साथ की हुई बातचीत के दौरान भी प्रधानमंत्री जॉन्सन ने भारत के पक्ष में भूमिका रखकर कश्मीर संबंधी भारत ने किया निर्णय भारत का अंदरूनी मामला होने की बात कही थी|

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर लंदन में भारतीय दूतावास पर पाकिस्तानी वंश के लोगों ने किए प्रदर्शनों का मुद्दा प्रधानमंत्री जॉन्सन से की हुई बातचीत के दौरान उपस्थित किया| प्रधानमंत्री जॉन्सन ने भी इस विषय पर चिंता व्यक्त करके भारतीय दूतावास की सुरक्षा की गारंटी दी और फिर से ऐसा होने नही देंगे, यह वादा भी किया| वही, फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन वायेस लीद्रियान ने भी कश्मीर यह भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है, यह कहकर पाकिस्तान को इस समस्या का हल निकालने के लिए बातचीत करने की सलाह दी|

पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने फ्रान्स के विदेशमंत्री के साथ फोनपर बातचीत की थी| इस दौरान विदेशमंत्री द्रियान ने पाकिस्तान को यह सूचित किया और अपने देश की भूमिका अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग ना होने की चेतावनी दी| बांगलादेश ने भी जम्मू-कश्मीर संबंधी भारत ने किया निर्णय यह भारत का अंदरुनी मामला होने की बात कही है| इस वजह से कश्मीर समस्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करके भारत के विरोध में स्थिति बनाने की पाकिस्तान की कोशिश शुरू होने से पहले ही हवां होती दिखाई दी है|

चीन समेत कोई भी देश खुलेआम भारत के विरोध में भूूमिका स्वीकार ने के लिए तैयार नही है, ऐसे में पाकिस्तान ने अब यह मसला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उपस्थित करने की तैयारी की है| हम कश्मीर मसले पर हर एक कानूनी मुद्दो की जांच कर रहे है, ऐसा पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने कहा है| ऐसे में संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजदूत सयद अकबरुद्दी ने यह कहा है की, कश्मीर के मुद्दे पर भारत किसी भी व्यासपीठ पर पाकिस्तान से दो हात करने के लिए तैयार है|

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