जम्मू-कश्मीर में सेना की कार्रवाई में ‘लश्कर’ का ‘मोस्ट वांटेड’ अबू दुजाना ख़त्म

पुलवामा: भारतीय सेना और सुरक्षा यंत्रणाओं ने सोमवार रात को की कार्रवाई में, ‘लश्कर-ए-तोएबा’ का कश्मीर इलाके का मुख्य और ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकवादी अबू दुजाना ख़त्म हो गया। अबू दुजाना के साथ उसका सहकारी आरिफ लिहारी भी मारे जाने की जानकारी सेना ने दी। आतंकवादियों पर की कार्रवाई के बाद पुलावा में फुटिरों ने सुरक्षा दलों पर पत्थर फेंके। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में एक पत्थरबाज मारा गया और कई जख्मी हुए हैं। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर की मोबाइल इन्टरनेट सेवा स्थगित की गई।

अबू दुजानाभारतीय सुरक्षा दलों को कई बार चकमा देने वाले साथ ही कश्मीर की आतंकवादी कार्रवाईयों का मुख्य सूत्रधार की तौज पर पहचाने जाने वाले अबू दुजाना को ख़त्म करके, भारतीय सेना ने बहुत बड़ी जीत हासिल की है, ऐसा माना जा रहा है। सोमवार रात को पुलवामा जिले के हाक्रिपुरा इलाके में दुजाना अपने सहकारियों के साथ छिपकर बैठने की जानकारी सेना को मिली थी। उसके बाद ‘स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप’, ‘विक्टोर फ़ोर्स’, पुलवामा डिस्ट्रिक्ट पुलिस और ‘सीआरपीएफ’ के पथकों ने पुरे गाँव को घेर लिया।

अबू दुजाना और उसके सहकारी गहरी बस्ती में एक घर में छिपकर बैठे थे, इस लिए इस इलाके के सारे घरों को एक के बाद एक खाली किया गया। आतंकवादियों को कार्रवाई होने वाली है पता चलने के बाद, सुरक्षा दलों पर जोरदार फायरिंग शुरू की। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा दलों ने दो आतंकवादियों का खत्म किया।

‘लश्कर’ का कश्मीर का मुख्य अबू दुजाना के मारे जाने की खबर आते ही, पास के स्थानीय लोगों ने सुरक्षा दलों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इसकी जवाबी कार्रवाई में एक के मारे जाने की और कई घायल होने की जानकारी सुरक्षा दलों ने दी। इस हिंसक निदर्शन के बाद कश्मीर की मोबाइल इन्टरनेट सेवा बंद की गई।

अबू दुजाना मूल रूप से पाकिस्तानी होने की बात बताई जा रही है और पिछले कई सालों से कश्मीर में हुई आतंकवादी कार्रवाइयों का मुख्य सूत्रधार के तौर पर जाना जाता है। ‘लश्कर’ ने जम्मू-कश्मीर में किए कई आतंकवादी हमलों में दुजाना का हाथ था।

वह ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकवादियों में से एक है। जिसके सर पर १० लाख का इनाम घोषित किया गया था।
पिछले सालभर से भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक मुहीम हाथों में ली है, जिस में महत्वपूर्ण आतंकवादियों को ख़त्म करने में सेना को सफलता प्राप्त हुई है। सेना और पुलिस दल संयुक्त रूप से चला रहे इस मुहीम की वजह से आतंकवादी संगठनों को बहुत बड़ा झटका लगा है, ऐसा दिख रहा है।

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