जेरूसलेम के बाद अमरिका गोलान को भी मंजूरी दे – इस्राइली गुप्तचर मंत्री की मांग

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जेरूसलेम – जेरूसलेम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर घोषित करने के बाद अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प गोलान पहाड़ियों पर इस्राइल के अधिकार को भी मंजूरी दे, ऐसी मांग इस्राइल के गुप्तचर विभाग के मंत्री इस्राइल कात्झने की है। ऐसा हुआ तो खाड़ी क्षेत्र में ईरान के बढ़ती आक्रामकता रोक सकेंगे, ऐसा दावा कात्झ ने किया है। इस बारे में पहले से अमरिका और इस्राइल के नेताओं में चर्चा शुरू होने की जानकारी कात्झ ने दी है।

इस्राइल की सुरक्षा विषय कैबिनेट में प्रमुख सदस्य होनेवाले गुप्तचर मंत्री कात्झ ने एक अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था को दिए मुलाकात में गोलान के बारे में खुलासा किया है। सीरिया के सीमारेखा से जुड़े हुए गोलान पहाड़ियों पर इस्राइल का सर्वभौम अधिकार है और वह प्राप्त करने के लिए इस्राइल अधिक गंभीरता से अमरिका से चर्चा कर रही है, ऐसी जानकारी कात्झ ने दी है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू और राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनकी चर्चा में यह प्रमुख मुद्दा होने की बात इस्राइल के गुप्तचर मंत्री ने कही है।

गोलान

पिछले वर्ष फरवरी महीने में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने अमरिका का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से मुलाकात की थी। इस भेंट में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने जेरूसलेम के साथ गोलान पहाड़ियों का अधिकार का मुद्दा उपस्थित किया था, ऐसी जानकारी कात्झ ने दी है। ईरान की खाड़ी क्षेत्र में विस्तारवादी एवं आक्रामक गतिविधियों को रोकने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। गोलान पहाड़ियों पर इस्राइल के कब्जे को मंजूरी मिली तो ईरान की गतिविधियों को रोका जा सकेगा ऐसा दावा कात्झ ने किया है।

गोलान पर इस्राइल के कब्जे को मंजूरी देने का यह योग्य समय है। गोलान पर इस्राइल का सार्वभौम सिद्ध हुआ तो इस्राइल के विनाश की घोषणा करनेवाले इरान को बहुत बड़ा झटका लगेगा, ऐसा कात्झ ने कहा है। साथ ही अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प गोलान पर इस्राइल के अधिकार के बारे में यकीनन निर्णय लेंगे। आने वाले कई महीनों में यह निर्णय हो सकता है, ऐसा विश्वास कात्झ ने व्यक्त किया है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने पिछले वर्ष ६ दिसंबर के रोज जेरूसलेम को इस्राइल की राजधानी घोषित की थी। तथा तेल अवीव में स्थित अमरिका का दूतावास जेरूसलेम में स्थानांतरित करने की घोषणा की थी। दो हफ्तों पहले जेरूसलेम में अमरिका का दूतावास कार्यान्वित हुआ था। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के दोनों निर्णय पर दुनिया भर से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही थी। अमरिका और इस्राइल के बीच होनेवाली यूरोपीय देशों ने भी इस निर्णय से दूर गए थे।

ऐसी परिस्थिति में ट्रम्प प्रशासन ने गोलान पहाड़ियों पर इस्राइल की कब्जे को मंजूरी दी तो इस क्षेत्र में अधिक तनाव बढ़ेगा ऐसी चिंता अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक जता रहे हैं।

दौरान इस्राइल के उत्तरी भाग में होनेवाले गोलान पहाड़ियों पर इस्राइल का वर्चस्व है। तथा गोलान के कई भागों पर सीरिया का वर्चस्व है। ५ दशकों पहले अरब देशों के साथ हुए युद्ध में इस्राइल ने गोलान पहाड़ियों पर कब्जा प्राप्त किया था। उसके बाद इस्राइल ने इस भाग में लष्कर तैनात किया था। सीरिया में गृहयुद्ध होने के बाद गोलान का मुद्दा फिर से निकल आया है। सीरिया से इस्राइल के दौरान पहाड़ियों पर हमले किए जा रहे हैं और इस्राइली लष्कर से इन हमलो को जोरदार प्रतिउत्तर दिया जा रहा है।

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