चीन पर नज़र रखकर भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए अमरिकी नौसेना के नए ‘फ्लीट’ का ऐलान

वॉशिंग्टन – चीन की घातक गतिविधियों पर नज़र रखकर इसे रोकने के लिए सिर्फ भारत के साथ जारी सहयोग पर ध्यान देनेवाला नौसेना का दल अमरिका स्थापित कर रही है। अमरीका के ‘नेवल सेक्रेटरी केनेथ ब्रेथवेट’ ने यह ऐलान किया। भारत की यात्रा पर आने से पहले ब्रेथवेट ने किए इस ऐलान की बड़ी सामरिक अहमियत बनी है। इस वजह से भारत और अमरीका का सहयोग अधिक मज़बूत होगा और चीन की महत्वाकांक्षा पर लगाम कसने का काम दोनों देशों के लिए अधिक आसान हो सकेगा।

india-china-usपैसिफिक क्षेत्र में जारी चीन की गतिविधियों पर नज़र रखने की ज़िम्मेदारी जापान में तैनात अमरिकी नौसेना की ‘सेवन्थ फ्लीट’ पर है। लेकिन, अगले दिनों में इस काम के लिए अमरिकी सेना को मात्र ‘सेवन्थ फ्लीट’ पर निर्भर रहना संभव नहीं होगा, ऐसे संकेत देकर अमरीका के ‘नेवल सेक्रेटरी केनेथ ब्रेथवेट’ ने नई ‘फ्लीट’ का ऐलान किया है। इसके साथ ही अमरिकी नौसेना को भारत और सिंगापुर जैसे मित्रदेशों के साथ जारी सहयोग अधिक व्यापक करना होगा, यह बयान भी ब्रेथवेट ने किया है।

भारत एवं सिंगापुर जैसे सहयोगी देशों के साथ बना अमरिकी नौसेना का सामरिक सहयोग इस क्षेत्र में ज़रूरी संतुलन बनाएगा, ऐसे चुनिंदा शब्दों में ब्रेथवेट ने अमरीका की भूमिका रखी। चीन की आक्रामकता की वजह से ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र का संतुलन बिगड़ा है, यह आरोप अमरीका लगातार कर रही है। इस पृष्ठभूमि पर भारत और अमरीका का सामरिक सहयोग इंडो-पैसिफिक में सत्ता का संतुलन एवं स्थिरता बरकरार रखनेवाली शक्ति बनेगा, यह विश्‍वास भी अमरीका लगातार व्यक्त कर रही है। ब्रेथवेट ने भी यही भूमिका रखी है और इसके लिए हम अगली भारत यात्रा की ओर बड़े विश्‍वास के साथ देख रहे हैं, यह बयान ब्रेथवेट ने किया है।

india-china-usचीन की वर्चस्ववाद का मुकाबला करने के लिए अकेली अमरीका पर्याप्त नहीं होगी। इसके लिए अमरीका को विश्‍वासार्ह मित्रदेशों के सहयोग की आवश्‍यकता रहेगी। इसके लिए अमरीका कोशिश कर रही है, ऐसा सूचक बयान ब्रेथवेट ने किया है। अपनी भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के सामने खड़ी सुरक्षा संबंधित चुनौतियों पर गहराई से चर्चा होगी एवं दोनों देशों की नौसेनाएं एक-दूसरे के साथ कैसे सहयोग कर सकेंगी, इस पर भी अहम चर्चा होगी, ऐसा ब्रेथवेट ने स्पष्ट किया है।

इसी बीच सिंगापुर में मौजूद नौसेना अड्डे का विकास करके अमरिकी नौसेना का नया ‘फ्लीट’ वहां पर स्थापित करने की तैयारी में अमरीका जुटी होने की बात दिख रही है। खास तौर पर भारतीय नौसेना के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए अमरीका का यह ‘फ्लीट’ सबसे अधिक प्राथमिकता देगा और यह बात भारत के लिए भी बड़ी अहम साबित होगी।

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