‘मलाबार’ युद्धाभ्यास का दूसरा चरण शुरू

नई दिल्ली – अमरीका का ‘युएसएस निमित्ज़’ और भारत का ‘आयएनएस विक्रमादित्य’ इन दो विमान वाहक युद्धपोतों के साथ कुल ७० युद्धपोत और पनडुब्बियों का समावेश होनेवाले, ‘क्वाड’ देशों के ‘मलाबार’ युद्धाभ्यास के दूसरें चरण की मंगलवार के दिन शुरूआत हुई। अमरीका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के इस युद्धाभ्यास से चीन को सीधा संदेशा दिया गया है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। कुछ दिन पहले ही ‘मलाबार’ में ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने पर चीन ने तीखीं प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। खास तौर पर गलवान वैली में हुए संघर्ष के बाद विश्‍व का सबसे घातक और बड़ा युद्धपोत समझा जा रहा ‘युएसएसनिमित्ज़’ दुसरीं बार हिंद महासागर के क्षेत्र में दाखिल हुआ है। बीते महीने में ही ‘युएसएसरोनाल्ड रिगन’ ने भारतीय नौसेना के साथ युद्धाभ्यास किया था।

युद्धाभ्यास

पश्‍चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में ‘मलाबार’ युद्धाभ्यास के दूसरें चरण की मंगलवार के दिन शुरूआत हुई। पहले चरण में बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास किया गया था। ‘मलाबार’ का यह दूसरां चरण पहले चरण से भी अधिक व्यापक और बहुउद्देशीय होने की बात भारतीय नौसेना ने कही है। हवाई सुरक्षा एवं ‘क्रॉस डेक फ्लार्इंग ऑपरेशन्स’ इस युद्धाभ्यास का प्रमुख हिस्सा होंगे। ‘आयएनएस विक्रमादित्य’ पर मौजूद ‘मिग-२९’ विमान और ‘युएसएसनिमित्ज़’ पर तैनात ‘एफ-१८’ और ‘ई२सी हॉक आय’ लड़ाकू विमान इस दौरान शामिल होंगे। साथ ही, पनडुब्बी विरोधी युद्धाभ्यास भी इस चरण का अहम हिस्सा होगा।

भारत के ‘आयएनएस विक्रमादित्य’ के साथ ‘आयएनएस कोलकाता’, ‘आयएनएस चेन्नई’, ‘आयएनएस तलवार’, ‘आयएनएस दीपक’ जैसे विध्वंसक इस युद्धाभ्यास में शामिल हुई हैं। ‘आयएनएस खांदेरी’ यह भारत की स्वदेशी पनडुब्बी और ‘पी-८आय’ गश्‍ती विमान भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं। भारतीय नौसेना के वेस्टर्न फ्लीट के कमांडिंग ऑफिसर रिअर एडमीरल कृष्णा स्वामिनाथन भारतीय दल का नेतृत्व कर रहे हैं।

भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा है और ऐसी स्थिति में हिंद महासागर क्षेत्र में ‘मलाबार’ युद्धाभ्यास के दूसरें चरण की शुरुआत हुई है। भारत और अमरीका ने वर्ष १९९२ में ‘मलाबार’ युद्धाभ्यास की शुरूआत की थी। इसके बाद वर्ष २००९ में जापान इस युद्धाभ्यास में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल हुआ था। लेकिन, इसपर चीन ने उस समय भी तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। इसी कारण जापान और ऑस्ट्रेलिया ने इस युद्धाभ्यास में शामिल होने की तैयारी दिखाने के बावजूद भारत ने इन देशों को ‘मलाबार’ में शामिल कराने से इन्कार किया था।

लेकिन, वर्ष २०१५ में जापान को और अब इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया को मलाबार में शामिल किया गया हैं। ऑस्ट्रेलिया को इस युद्धाभ्यास में शामिल कराने के लिए चीन ने लगातार विरोध किया है। लेकिन चीन के विरोध की परवाह किए बिना, पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ‘मलाबार’ में शामिल किया गया हैं और इससे इस युद्धाभ्यास को ‘क्वाड’ देशों की नौसेना के सहयोग का स्वरूप प्राप्त हुआ है। इससे चीन को उचित संदेश दिया गया हैं, ऐसें दावे किए जा रहे हैं।

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