प्रतिबंधों समेत अमेरीका ईरान का तेल निर्यात शून्य पर लाएगा – अमेरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

लंडन – ‘ईरान में तख्तापलट करना ये अमेरीका का उद्दीष्ट नहीं| लेकिन कठोर प्रतिबंध डालते हुए अमेरीका ईरान का तेल निर्यात शून्य पर लाकर रखेगा| अगर ऐसा होता है तो ईरान के हुकूमत की नीति में चाहिए वो बदलाव होगा’, ऐसा दावा अमेरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने किया| दौरान, अमेरीका ने ईरान पर डाले हुए प्रतिबंधों का परीणाम दिखने लगे है| फ्रान्स की विख्यात तेल कंपनी ‘टोटल’ ईरान के सहयोग से पिछे हटे है| वहीं आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरान के तेल का निर्यात प्रति दिन पाच लाख अधिक बॅरेल्स से गिरने की जानकारी सामने आयी है|

अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दो सप्ताह पहले ईरान पर आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की थी| अमेरीका ने ईरान पर डाले हुए ये अब तक के कठोर प्रतिबंध है, जिनसे अन्य देशों का ईरान से डॉलर्स का लेन-देन ठप्प हो चुका है| लेकिन अमेरीका इन प्रतिबंधों का इस्तेमाल करते हुए ईरान की हुकूमत पलटने की तैयारी होने का आरोप ईरान के नेताओं ने किया था| मात्र अमेरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने ईरान का ये आरोप खारीज किया|

तेल निर्यात, प्रतिबंध, जॉन बोल्टन, शून्य, सुरक्षा सलाहकार, सहयोग, ईरान, अमेरीका, दक्षिण कोरीया

बोल्टन ने माध्यमों से कहा कि, अमेरीका की नीति ईरान में तख्तापलट करना ये नहीं, बल्कि अमेरीका को ईरान की हुकूमत की नीति में बडा बदलाव अपेक्षित है| ‘ईरान की हुकूमत पर दबाव डालने के लिए अमेरीका अलग कोशिश करेगा’, ऐसा अमेरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलहाकार ने कहा| इसके लिए अमेरीका ने ईरान पर डाले हुए प्रतिबंध एक विकल्प हो सकता है| इन प्रतिबंधों से आंतर्राष्ट्रीय बझार में ईरान का तेल निर्यात सीधा शून्य पर ले जाएंगे, ऐसा दावा बोल्टन ने किया|

अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प मई महीने में ईरान के परमाणू समझौते से पिछे हटे थे| इसके बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के बारे में आक्रामक नीति अपनाने की साथही ईरान पर प्रतिबंध बढ़ाने की घोषणा की थी| अमेरीका के ईरान विरोधी नीति में सैनिकी कार्रवाई का विकल्प सबसे आखिर है, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प तथा रक्षा मंत्री मॅटिस ने कहा था| उसी समय अमेरीका ने ईरान पर डाले हुए प्रतिबंधों के परीणाम दिखने लगे है|

आंतर्राष्ट्रीय बझार में तेल आयात-निर्यात तथा बझार की जानकारी देने वाली उर्जा कंपनी ने दी जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ सप्ताहों से ईरान के तेल निर्यात में गिरावट हो रही है| इसके लिए अमेरीका के प्रतिबंधों का डर जिम्मेदार होने का दावा इस कंपनी ने किया| अमेरीका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाने से पहले ही, जुलाई महीने में ईरान का तेल निर्यात प्रति दिन छह लाख बॅरेल्स से गिरा था| अगस्त महीने के पहले दो सप्ताहों में ईरान ने प्रति दिन १७ लाख बॅरेल्स तेल का निर्यात किया है| तेल निर्यात करने वाले देशों की सूची में छठे स्थान पर होने वाले ईरान के तेल निर्यात में हुई ये गिरावट डरावनी होने का दावा इस कंपनी ने किया|

चीन ने अमेरीका के प्रतिबंधों की घोषणा के बावजूद ईरान से इंधन सहयोग शुरू रखने की घोषणा की है| वहीं भारत एवं जापान जैसे देश भी ईरान से तेल आयात शुरू रखने पर अडीग है| लेकिन दक्षिण कोरीया जैसे देश इस सहयोग से पिछे हटे है| इसका नतीजा ईरान का तेल निर्यात साथही अर्थ व्यवस्था पर हो रहा है|

दौरान, ईरान का तेल निर्यात शून्य पर पहुँचता है तो आंतर्राष्ट्रीय बझार में तेल सप्लाय में चार प्रतिशत की गिरावट होगी| ऐसा होता है तो आंतर्राष्ट्रीय बझार में तेल की किमते भडक उठेंगी, ऐसी चेतावनी यूरोप में विशेषज्ञ और मिडिया दे रहे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.