ईरान पर अमरिका ने लगाए प्रतिबन्ध उम्मीद से अधिक प्रभावी साबित होंगे – अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

जेरुसलेम – ‘अमरिका ने ईरान पर लगाए कठोर आर्थिक प्रतिबन्ध उम्मीद से अधिक प्रभावी साबित हो रहे हैं। ईरान की अर्थव्यवस्था पर इन प्रतिबंधों का परिणाम दिखाई दे रहा है और ईरान में इस पर प्रतिक्रिया आ रही है’, ऐसा अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा है। ईरान पर लगाए गए इन प्रतिबंधों का दबाव बढाने के लिए यूरोपीय देशों ने भी सहायता करनी चाहिए, ऐसा आवाहन बोल्टन और इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने किया है।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ने दो दिनों पहले इस्राइल का दौरा किया था। दो हफ़्तों पहले अमरिका ने ईरान पर लगाए प्रतिबन्ध और सीरिया में ईरान की सैन्य तैनाती इन दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर नेत्यान्याहू के साथ चर्चा किए जाने की खबर अमरिका और इस्राइल ने प्रसिद्ध की थी। उसके अनुसार बोल्टन और नेत्यान्याहू के बीच हुई चर्चा का तपशील सामने आने लगा है। बोल्टन ने एक अंतर्राष्ट्रीय वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार में यह महत्वपूर्ण जानकारी दी।

प्रतिबंधों की लगाम कसने से ईरान की अर्थव्यवस्था पर दबाव आया है, यह बात बोल्टन ने दर्शायी है। अमरिका के प्रतिबंधों का ईरान की अर्थव्यवस्था पर इतना परिणाम होगा, ऐसी अपेक्षा नहीं थी, ऐसा बोल्टन ने कहा है। इन प्रतिबंधों का ईरान की अर्थव्यवस्था पर भले ही परिणाम हो रहा हो, लेकिन सीरिया और इराक में ईरान की गतिविधियाँ रुकी नहीं हैं, ऐसा भी बोल्टन ने स्पष्ट किया है।

सीरिया और इराक के संघर्ष में ईरान की सेना का सहभाग, लेबेनॉन में हिजबुल्लाह और येमेन के हौथी बागियों से हाथ मिलाकर अस्थिरता निर्माण करने की ईरान की चाल छीपी नहीं है, ऐसी बोल्टन ने आलोचना की है। उसीके साथ हो होर्मुझ की खाड़ी बंद करने की ईरान की धमकियाँ और कोशिशों पर भी अमरिका की कड़ी नजर है, ऐसा बोल्टन ने कहा है। लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए ईरान को परमाणु सज्ज नहीं होने देंगे ऐसा बोल्टन ने निश्चय व्यक्त किया है।

दौरान, अमरिका के इन प्रतिबंधों की वजह से ईरान में अनाज के दम बढ़ गए हैं और बेरोजगारी, मुद्रा बढ़ोत्तरी जैसी समस्याएँ ईरान की अर्थव्यवस्था के लिए सरदर्द साबित हो रही हैं। ऐसे में ईरान की राष्ट्रीय मुद्रा ‘रियाल’ का विक्रमी अवमूल्यन होने की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था पर बड़े पैमाने पर तनाव बढ़ रहा है। इसीके साथ ही ईरान की जनता में राष्ट्राध्यक्ष रोहानी की सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है और प्रदर्शनों में सत्ता बदलाव की घोषणाएं भी दी जा रही हैं।

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