चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियाँ रोकने के लिए अमरीका का नया ‘प्लैन’

वॉशिंग्टन – चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अपनी वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाएँ पूरी करने के लिए नई जागतिक व्यवस्था खड़ी करनी है, यह आरोप करके अमरीका ने कम्युनिस्ट पार्टी की गतिविधियाँ रोकने के लिए नया प्लैन घोषित किया है। अमरिकी विदेश विभाग ने इससे संबंधित जारी की रिपोर्ट में, चीन की हरकतों पर लगाम कसने के लिए लंबी कोशिशों की आवश्यकता होने की चेतावनी दी गयी है। अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने कुछ दिन पहले ही, चीन के खिलाफ जारी आक्रामक मुहिम अभी ख़त्म नहीं हुई है, यह चेताया था। विदेश विभाग की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करनेवाला साबित हो रहा है।

US-chinaअमरिकी विदेश विभाग ने ‘द एलिमेंटस्‌ ऑफ द चायना चैलेंज’ नाम से ७४ पन्नोवाली रिपोर्ट पेश की है। इसमें चीन की चुनौतियों पर प्रत्युत्तर देने के लिए १० बातें निर्णायक साबित होंगी, यह दावा किया गया है। इसमें विश्‍व की सबसे ताकतवर सेना तैयार रखना, दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद उभरी खुली एवं नियमों पर आधारित जागतिक व्यवस्था बरकरार रखना एवं आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बनें मित्रदेशों के गठबंधन की दोबारा रचना करना जैसें मुद्दों का समावेश है। इसके साथ ही, अमरिकी जनता को चीन से बनें खतरों से अवगत कराना और स्वतंत्रता के तत्त्वों का पुरस्कार करके, उसे प्राथमिकता देने के लिए आवश्‍यक मेहनत को सबसे अधिक अहमियत देने की आवश्‍यकता जताई गई है।

इस रिपोर्ट के शुरू में ही, अमरीका समेत विश्‍व के अलग अलग देशों को, चीन से बढ़ रहें खतरों का अहसास होना शुरू हुआ था, इस बात का भी ज़िक्र किया गया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हरकतों की वजह से विश्‍व में सत्ता की तीव्र होड़ भड़की है, यह आरोप रखकर, इसे रोकने की आवश्‍यकता अमरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट की है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को ऐसी जागतिक व्यवस्था निर्माण करनी है, जिसके केंद्रस्थान में सिर्फ चीन ही हों; और इससे एकाधिकारशाही चलाना एवं वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षा पूरी करना, ये उद्देश्‍य होने की ओर ग़ौर फ़रमाया गया है।

US-chinaचीन की कम्युनिस्ट पार्टी की जारी गतिविधियाँ और उसकी महत्वाकांक्षा के पीछे ‘मार्क्स-लेनिन’ विचारधारा और चीनी राष्ट्रवाद की तीव्र कल्पना होने का दावा इस रिपोर्ट में किया गया है। यदि इसे रोकना है, तो अमरीका को अपने बुनियादी तत्त्वों की ओर लौटकर दोबारा आज़ादी प्राप्त करनी होगी, ऐसी सिफारीश विदेश विभाग ने की है। अमरीका को अपनी शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने होंगे एवं अमरिकी प्रशासन और अन्य विभाग के विशेषज्ञों को चीनी भाषा, इतिहास, संस्कृति की उचित जानकारी प्राप्त करनी होगी, यह इशारा भी विदेश विभाग ने दिया है।

कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के खिलाफ़ आक्रामकता के साथ राजनीतिक संघर्ष शुरू किया था। हाँगकाँग, उइगरवंशी, तिब्बत, व्यापारी लूट जैसें कई मुद्दों पर चीन के खिलाफ आक्रामक निर्णय किए गए थे। ट्रम्प प्रशासन द्वारा शुरू की गयी यह मुहिम जारी रखने के लिए अगली सरकार भी मजबूर होगी, ऐसें संकेत अमरिकी अधिकारी एवं विश्‍लेषकों ने दिए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.