‘ओपेक’ की बैठक में हुए सौदी-युएई विवाद के बाद इंधन की दरों में उछाल

opec-saudi-uae-fuel-2रियाध/दुबई – इंधन उत्पादक देशों के ‘ओपेक’ इस संगठन की बैठक में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (युएई) के बीच विवाद चरम सीमा पर पहुँचा होने की खबर सामने आई है। इस विवाद के कारण ओपेक और ‘ओपेक प्लस’ सदस्य देशों के बीच की बैठक, बिना किसी भी ठोस समझौते के ही समाप्त कर दी गई है। ओपेक के इस विवाद की गूँजें अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में सुनाई दे रहीं होकर, क्रूड ऑयल के दाम ७५ डॉलर्स प्रति बॅरल पर जा पहुँचे हैं।

कोरोना महामारी की कालावधि में इंधन की माँग घटने के कारण ‘ओपेक’ और ‘ओपेक प्लस’ सदस्य देशों ने इंधन के उत्पादन में गिरावट करने का फैसला किया था। लेकिन अब इंधन की माँग फिर से बढ़ रही होने के कारण, इंधन उत्पादक देशों ने उत्पादन में वृद्धि करने की गतिविधियाँ शुरू कीं थीं। उसी के एक भाग के रूप में पिछले हफ्ते में ‘ओपेक’ की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में इंधन उत्पादन बढ़ाने के संदर्भ में चर्चा हुई। प्रतिदिन चार लाख बॅरल्स इस रफ्तार से, ५८ लाख बॅरल्स तक उत्पादन बढ़ाने का प्रस्ताव सऊदी ने रखा।

opec-saudi-uae-fuel-1लेकिन सऊदी अरब ने उत्पादन बढ़ाने के संदर्भ में रखे प्रस्ताव का ‘युएई’ ने विरोध किया। उत्पादन में बढ़ोतरी हालाँकि आवश्यक है, फिर भी युएई को कोटा बढ़ाकर देने की आग्रही भूमिका युएई ने रखी। लेकिन युएई की माँग से सऊदी तथा अन्य देशों ने इन्कार किया। अब तक ओपेक की बैठक में सऊदी अरब और युएई के बीच इस तरह के मतभेद होने का उदाहरण नहीं है। इस कारण इस बार की बैठक में खाड़ी क्षेत्र के दो निकटतम मित्र देशों में हुआ यह विवाद अभूतपूर्व साबित होता है।

कोरोना की महामारी हालाँकि खत्म नहीं हुई है, फिर भी इंधन की माँग फिर से बढ़ने की शुरुआत हुई है। उसी समय इंधन की दरें भी पिछले छः महीनों में ४० प्रतिशत से अधिक बढ़ी हैं। इस पृष्ठभूमि पर इंधन का उत्पादन और निर्यात बढ़ाकर, अधिक से अधिक फायदा उठाने की नीति युएई द्वारा अपनाई जानेवाली है। लेकिन ओपेक ने इन्कार करने के कारण युएई के इरादों को झटका लगा है। उसी समय, ओपेक ने अब तक हालाँकि इंधन के उत्पादन में गिरावट करने के संदर्भ में समझौते किए हैं, फिर भी रशिया जैसे देश ने कभी भी उनका पालन नहीं किया है, ऐसा युएई का दावा है।

opec-saudi-uae-fuel-3इस पृष्ठभूमि पर युएई ने अपनी भूमिका अधिक आक्रामक की होकर, किसी भी हालत में पीछे ना हटने की चेतावनी दी है। वहीं, सऊदी अरब ने भी ओपेक अपना प्रस्ताव नहीं बदलेगा यह स्पष्ट किया है। अब तक ओपेक ने किए अधिकांश फैसलों में सऊदी और युएई की एकजुट दिखाई दी थी। लेकिन इस समय पहली ही बार दोनों देशों के मतभेद सामने आए होकर, यह बात ‘ओपेक’ में दरार पड़ने के संकेत साबित हो सकती है, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है। ओपेक ने हालांकि इससे पहले भी अंतर्गत संघर्ष का अनुभव किया है , फिर भी उन सारे मामलों में सऊदी और युएई एक साथ थे। ओपेक अब तक एक साथ रहा, उसके पीछे सऊदी और युएई की एकजुट यह अहम घटक साबित हुआ था। लेकिन अब उनके बीच का चरम सीमा पर पहुँचा हुआ विवाद ओपेक के लिए निर्णायक पड़ाव साबित हो सकता है, ऐसा कहा जा रहा है।

इसी बीच, सऊदी और युएई के बीच का विवाद चर्चा से मिटें इसलिए अमरीका ने कोशिशें शुरू की होने की खबर सामने आ रही है। ओपेक में सामने आए विवाद की गूँजें अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में भी सुनाई दे रहीं होकर, बुधवार को कच्चे तेल के दामों ने ७५ डॉलर्स प्रति बॅरल पर छलांग लगाई। तेल के दाम उछाल ले रहे हैं, ऐसे में सऊदी अरब ने एशियाई मार्केट के लिए दरें ‘बेंचमार्क प्राईस’ से २.७० डॉलर्स ने बढ़ाने की बात भी सामने आई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.