उइगरवंशियों के मानवाधिकारों का मुद्दा रखनेवाले – ब्रिटीश सांसद तथा अभ्यासगुटों पर चीन के प्रतिबंध

लंडन/बीजिंग – झिंजिआंग में उइगरवंशियों के वंशसंहार के बारे में आवाज उठाने वाले ब्रिटिश सांसदों समेत अभ्यासगुटों पर प्रतिबंधों की घोषणा चीन ने की है। चीन के इन प्रतिबंधों पर ब्रिटेन से आक्रामक प्रतिक्रिया आई होकर, प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने, उन्हें ब्रिटिश सांसदों पर गर्व होने का प्रत्युत्तर दिया है। मानवाधिकारों पर बोलनेवाले लोगों के विरोध में चीन द्वारा जारी दमनतंत्र का ब्रिटेन तीव्र निषेध करता है, ऐसा विदेश मंत्री डॉमिनिक राब नी डटकर कहा।

uk-chinaकुछ दिन पहले अमरीका, युरोपीय महासंघ और ऑस्ट्रेलिया समेत ब्रिटेन ने उइगरवंशियों के मुद्दे पर, चीन के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा की थी। अमरीका और मित्रदेशों ने एकत्रित रूप में की इस कार्रवाई से चीन के सत्ताधारियों को जबरदस्त झटका लगा था। बौखलाए हुए चीन ने अब जवाब के रूप में ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया इन जैसे देशों को लक्ष्य करने की शुरुआत की होकर, ब्रिटेन के सांसद और अभ्यासगुटों पर लगाए प्रतिबंध, उसी का भाग लगता है।

‘ब्रिटेन में कुछ लोग और गुट विद्वेष के कारण चीन के बारे में सुखी और गलत जानकारी फैला रहे हैं। यह बात अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों से जुड़े नियमों का उल्लंघन है’, ऐसा आरोप करके चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रतिबंधों की घोषणा की है। उसी समय, ब्रिटेन ने झूठी जानकारी पर आधारित प्रतिबंध लगाने के कारण, बचाव के लिए चीन को कार्रवाई करनी पड़ी, ऐसा दावा भी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने किया है।

चीन ने प्रतिबंध लगाए हुए लोगों की सूची में, ब्रिटेन के सांसद सर इयान डंकन स्मिथ, टॉम ट्युगेंडहॅट, नील ओब्रायन, टिम लॉटन और नुसरत गनी इनका संभावित है। इसके अलावा लॉर्ड डेव्हिड ऍल्टन, बॅरोनेस हेलेना केनेडी, जो स्मिथ फिन्ले तथा वरिष्ठ कानून विशेषज्ञ सर जॉफ्रि नाईस को भी प्रतिबंधों का लक्ष्य बनाया गया है। इन नौं लोगों के अलावा ‘चायना रिसर्च ग्रुप’ यह अभ्यासगुट तथा ‘कॉन्झर्व्हेटिव्ह पार्टी ह्युमन राईट्स कमिशन’, ‘उइगर ट्रिब्युनल’ और ‘इसेक्स कोर्ट चेंबर्स’ इन पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

flagसर इयान डंकन स्मिथ ने, चीन ने लगाए प्रतिबंधों का वे सम्मानचिन्ह के रूप में गौरवपूर्वक प्रदर्शन करेंगे, ऐसी जोरदार फटकार लगाई है। वहीं, नुसरत गनी ने डटकर कहा है कि वे किसी भी दबाव के सामने नहीं झुकेंगी और उनकी आवाज़ को कोई भी दबा नहीं सकता। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने, चीन के प्रतिबंधों पर आक्रामक प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए, वे सभी सांसदों के साथ दृढ़तापूर्वक खड़े हैं, यह जताया। उइगरों के विरोध में जारी मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे पर बोलनेवाले ब्रिटेन के सांसद और अन्य लोग ये ‘शायनिंग लाईट’ होने की सराहना भी प्रधानमंत्री जॉन्सन ने की।

चीन ने लगाई इन निर्बंधों से यही संकेत मिल रहे हैं कि ब्रिटेन और चीन के बीच का तनाव बहुत ही बिगड़ा है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने पिछले साल भर में लगातार चीन की हरकतों के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाई होकर, उसमें हॉंगकॉंग, साऊथ चायना सी में चल रही हरकतें, ताइवान, ५जी, सायबरयुद्ध इन जैसे मुद्दों का समावेश है। चीन की सत्ताधारी हुकूमत ने इस मुद्दे पर हालाँकि बार-बार ब्रिटेन को धमकाया है, फिर भी उसके बाद भी ब्रिटेन ने अपनी भूमिका नहीं बदली है।

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