जम्मू कश्मीर के युवकों पर लगे पत्थरफेंक के मुक़दमे वापस लिए जायेंगे

नई दिल्ली : हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी ढेर होने के बाद जम्मू कश्मीर में पत्थर फेंक करने वाले ४५०० लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे पीछे लेने की तैयारी सरकार ने की है। पहली बार पत्थरफेंक करने वाले युवकों के बारे में यह औदार्य दिखाया जा रहा है और जम्मू कश्मीर के लिए नियुक्त किए मध्यस्थ दिनेश्वर शर्मा जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे ऐसी जानकारी अधिकारियों ने दी है। साथ ही आतंकवाद का मार्ग छोड़ने की तैयारी दिखानेवाले नौजवानों को १४४१ इस क्रमांक पर संपर्क करने का आवाहन सीआरपीएफ ने किया है।

पिछले कई महीनों से लष्कर एवं निमलष्करी दल तथा जम्मू कश्मीर के पुलिस ने आतंकवादियों के विरोध में कठोर कार्यवाही शुरु की है। इस कार्यवाही में १७५ से अधिक आतंकवादी ढेर हुए हैं और उसमे आतंकवादी नेताओं की बड़ी संख्या है। इसकी वजह से आतंकवादी संगठन को झटका लगा है और उन्हें संभलने के लिए आतंकवादी संघटना जमके प्रयत्न कर रहे हैं। साथ ही कश्मीरी विद्रोहियों पर भी जमके कार्रवाई शुरू हुई है और उन्हें पाकिस्तान से मिलने वाले पैसों पर भी जांच शुरु की है। इसकी वजह से आतंकवादी एवं विद्रोही नेता दबाव में होने की वजह से केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में चर्चा को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है।

इसके अनुसार दिनेश्वर शर्मा इनकी मध्यस्थ के तौर पर नियुक्ति की गई है। शर्मा ने हालही में जम्मू कश्मीर को भेंट देकर यहां के राजनीतिक नेता एवं विद्रोहियों से चर्चा करने के लिए प्रयत्न शुरू किए हैं। पिछले वर्ष हिजबुल का कमांडर बुरहान वानी ढेर होने के बाद जम्मू-कश्मीर में बड़ी तादाद में हिंसाचार हुआ था। युवक रास्ते पर उतरकर सुरक्षा दल पर पत्थर फेंक रहे थे। इस पत्थरफेंक में जवान बड़ी तादाद में जख्मी हुए थे। फिर भी संयम रखकर सुरक्षा दल से संतप्त भीड़ पर कार्रवाई हुई थी। फिर भी पॅलेट गन की वजह से कुछ लोग गंभीर जख्मी हुए थे।

लोगों के इन पत्थर फेंक के पीछे जम्मू कश्मीर की जनता होने का दावा विद्रोही नेता तथा कुछ बुद्धिमान कर रहे थे। पर कुछ समय बाद इसके पीछे पाकिस्तान का षड्यंत्र एवं पैसा होने की बात उजागर हुई है। १००० से ५०० रुपयों के बदले में पाकिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा एवं जम्मू कश्मीर के विद्रोही नेता युवकों को पत्थर फेंकने के लिए चेतावनी दे रहे थे। इस की वजह से पहली बार पत्थर फेंक करने के लिए युवक आगे आए थे। इन युवकों को पकड़ लिया गया है और लगभग ११५०० लोगों पर मुकदमा दाखिल किए गए हैं। उनमें से ४५०० पहली बार ऐसे अपराध में फंसे हैं और उनके भविष्य का विचार करके उनपर दर्ज हुए मुकदमें पीछे लेने का विचार शुरू किया है। दिनेश्वर शर्मा जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे, ऐसी जानकारी अधिकारीने दी है।

जम्मू कश्मीर की जनता का मन जीतने के लिए यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है, ऐसा दावा अधिकारी कर रहे हैं। साथ ही बहकावे में आकर आतंकवाद का मार्ग स्वीकारने वाले अगर यह मार्ग छोड़ना चाहते हो, तो उन्हें सहायता करने के लिए मददगार हेल्पलाइन १४४१ इस क्रमांक पर संपर्क करें, ऐसा आवाहन सीआरपीएफ ने किया है। आतंकवाद की तरफ मुड़े अपने रिश्तेदार एवं मित्रों की सहायता करने के लिए इस हेल्पलाइन का उपयोग किया जा सकता है, ऐसा सीआरपीएफ ने कहा है। जून महीने में हेल्पलाइन शुरू की गई है। अबतक ७० हजार लोगों ने संपर्क करने की जानकारी सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर जनरल जुल्फिकार हसन ने दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.