प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए ‘बजेट’ इस्तेमाल करने की समझदारी

६ मई को ब्रिटेन के राजा चार्ल्स का राज्याभिषेक समारोह हुआ। इसके लिए कॉमनवेल्थ सदस्य ऑस्ट्रेलिया में जगह जगह पर सजावटी रोशनाई की गई थी। लेकिन, सिडने के प्रख्यात ऑपेरा हाऊस में फिर भी रोशनाई दिखाई नहीं दी थी। ‘बजेट’ की कमी ही इसकी वजह बताई गई ती। करदाताओं के पैसें ऐसी रोशनाई पर किस लिए जाया करने हैं, ऐसा सवाल न्यू साउथ वेल्स के प्रधानमंत्री ख्रिस मिन्स ने किया था। इसके कारण उनकी कई लोगों ने आलोचना भी की थी। लेकिन, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए ऑपेरा हाऊस पर भारतीय तिरंगा रोशनाई से जगमगाया था। इस रोशनाई पर ऑस्ट्रेलियन करदाताओं का पैसा जाया करना कैसे चलता है, ऐसा सवाल एक ने किया। इसपर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने ही जवाब दिया। 

‘बजेट’ऐसा क्यों किया गया, इसके लिए १.४ अरब वजह बताना मुमकिन हैं। भारत विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या का देश है। इनमें से ६६ प्रतिशत से अधिक लोग ३५ वर्ष से भी कम उम्र के हैं। ऐसे देश के साथ ऑस्ट्रेलिया को सहयोग विकसित करना हैं, वह ऑस्ट्रेलिया पधारे और यहां डॉलर्स लाकर नौकरियों का निर्माण करें, यहां के पर्यटन क्षेत्र को गतिमान करें, यह हमारी उम्मीद हैं, इसी वजह से प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम पर हुआ यह खर्च यानी फिजूल खर्च नहीं है, ऐसा बयान प्रधानमंत्री अल्बानीज ने किया। बल्कि न्यू साउथ वेल्स के प्रधानमंत्री ख्रिस मिन्स ने करदाताओं का पैसा समझदारी से खर्च करने का यह बेहतर उदाहरण है, ऐसी फटकार लगाई। 

भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में मौजूद भारतीय समुदाय १२ घंटे प्रतिक्षा कर रहा था। यहां का पूरा माहौल उत्साह से भरा था। इस तरह का स्वागत लोकप्रियता के शिखर पर खड़े किसी भी रॉकस्टार को प्राप्त नहीं होता। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के लिए २१ हज़ार से भी अधिक लोग जल्लोष कर रहे थे, ऐसा प्रधानमंत्री अल्बानीज ने एक ऑस्ट्रेलियन समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा हैं। साथ ही इस कार्यक्रम के लिए भारतीय समुदाय ने काफी पहले से तैयारी शुरू की थी, यह जानकारी ऑस्ट्रेलिया में स्थित भारतीय दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए भारत से यहां कलाकारों को बुलाया नहीं गया था। बल्कि ऑस्ट्रेलिया के भारतीय नागरिकों ने अपने आप पहल करके यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए, ऐसी जानकारी मेलबर्न में स्थित वैशाली मेहता ने साझा की। इसका ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एवं अन्य नेता और माध्यमों पर भी काफी बड़ा प्रभाव बनता दिख रहा था।

प्रधानमंत्री मोदी यानी ‘बॉस’ हैं, यह दावा सिडनी में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान अल्बानीज ने किया। इसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही हैं। अंतरराष्ट्रीय माध्यमों को भी इसका संज्ञान लेना ही पड़ा। इसके साथ ही भारत की लगातार निंदा करते रहे पाकिस्तानी माध्यमों ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया बयान की है। एक ओर पाकिस्तान में अराजकता फैली है। वहीं दूसरी ओर भारत के प्रधानमंत्री का दुनियाभर में बड़े जल्लोष से स्वागत होता दिख रहा है, ऐसा अफसोस पाकिस्तानी माध्यम व्यक्त कर रहे हैं। 

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