‘सीओपी26 समिट’ की पृष्ठभूमि पर भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों की द्विपक्षीय चर्चा

ग्लास्गो – ब्रिटेन के ग्लास्गो शहर में सोमवार को शुरू हुए ‘सीओपी26 समिट’ की पृष्ठभूमि पर भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस संदर्भ में जानकारी दी होकर, ग्रीन हाइड्रोजन, क्लीन टेक्नॉलॉजी समेत अर्थव्यवस्था तथा रक्षा सहयोग पर चर्चा होने की बात साजा की। पिछले साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का भारत दौरा दो बार रद्द किया गया था। इस पृष्ठभूमि पर दोनों देशों के नेताओं में प्रत्यक्ष रूप में हुई मुलाकात महत्वपूर्ण साबित होती है।

‘सीओपी26 समिट’भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देर से ब्रिटेन के ग्लास्गो में दाखिल हुए। उसके बाद उन्होंने ब्रिटेन के भारतीय वंश के नागरिकों से संवाद किया। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र संगठन के ‘सीओपी26 समिट’ की शुरुआत होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन के साथ स्वतंत्र मुलाकात की। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का भारत दौरा दो बार रद्द करना पड़ा था। उसके बाद दोनों नेताओं में वर्चुअल परिषद संपन्न हुई थी। लेकिन प्रत्यक्ष रूप में पिछले दो सालों में पहली ही बार यह मुलाकात हुई है।

दो नेताओं के बीच हुई वर्चुअल परिषद में, सन 2030 तक दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी विकसित करने के लिए नियोजनबद्ध आरेखन करने की घोषणा हुई थी। सोमवार को हुई चर्चा में भी ‘रोडमॅप 2030’ का मुद्दा अग्रस्थान पर था। इस समय प्रधानमंत्री मोदी ने, ‘सीओपी26 समिट’ के आयोजन के लिए ब्रिटेन का अभिनंदन किया। उसके बाद दोनों नेताओं के बीच ग्रीन हाइड्रोजन, क्लीन टेक्नॉलॉजी, रिन्युएबल्स इन पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक और रक्षा क्षेत्र में सहयोग, व्यापार को आतंकवाद इन मुद्दों पर भी चर्चा होने की जानकारी भारत की विदेश मंत्रालय ने दी है।

‘सीओपी26 समिट’ में भारत और ब्रिटेन ‘ग्रीन ग्रिड्स इनिशिएटिव्ह’ की घोषणा करेंगे ऐसा बताया जाता है। यह उपक्रम भारत ने पहल किये ‘इंटरनॅशनल सोलर अलायन्स’ का अहम पड़ाव माना जाता है। इसी बीच, ब्रेक्जिट के मुद्दे पर युरोपीय महासंघ और ब्रिटेन के बीच जारी विवाद की पृष्ठभूमि पर, ब्रिटेन भारत को अपने व्यापारिक साझेदार देश के रूप में देख रहा है। इसी कारण पिछले साल के प्रजासत्ताक दिन पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन भारत में मुख्य अतिथि के रूप में दाखिल होनेवाले थे। लेकिन ब्रिटेन में आ धमकी कोरोना की लहर के कारण यह दौरा रद्द करना पड़ा।

अगले समय में भी प्रधानमंत्री जॉन्सन का भारत दौरा रद्द करना पड़ा। लेकिन अब दोनों देशों के सहयोग ने अपेक्षित रफ़्तार पकड़ी है, ऐसे संकेत प्रधानमंत्री मोदी के इस ब्रिटेन दौरे से मिल रहे हैं।

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