वजीरिस्तान में हुए हमले में पाकिस्तान के पाँच जवानों की मृत्यु

वजीरिस्तानइस्लामाबाद – ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ के साथ पाकिस्तान की सरकार चर्चा कर रही है, यह जानकारी उजागर करके प्रधानमंत्री इम्रान खान ने पूरे पाकिस्तान को झटका दिया था। उसके कुछ ही घंटों में, तहरीक ने पाकिस्तानी लष्कर के पाँच जवानों को मार दिया। पाकिस्तान के वजीरिस्तान में लष्कर के गश्तीवाहन पर आतंकवादियों ने किए हमले में ये पाँच जवान मारे गए। हालाँकि अभी भी सार्वजनिक रूप में कबुली नहीं दी गई है, फिर भी इस हमले के पीछे तेहरीक का ही हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं। इसका हवाला देकर पाकिस्तान के पत्रकारों ने, आतंकवादियों के साथ चर्चा करनेवाले प्रधानमंत्री इम्रान खान और उनकी सरकार की आलोचना करने की शुरुआत की है।

शनिवार को अफगानिस्तान की सीमा के नजदीक उत्तरी वजीरिस्तान के स्पिनवाम इलाके में आतंकवादियों ने यह विस्फोट करवाया। लष्कर ने ही इस विस्फोट की जानकारी सार्वजनिक की। वहीं, पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने इस आतंकवादी हमले का निषेध किया। लेकिन फवाद चौधरी अथवा पाकिस्तान के लष्कर ने, इस हमले के लिए किसी भी आतंकवादी संगठन पर शक ज़ाहिर करना टाला। कुछ घंटे पहले इन्हीं फवाद चौधरी ने, आतंकवादियों को मुख्य धारा में लाने की आवश्यकता जताकर, तहरीक के साथ शुरू चर्चा का समर्थन किया था।

वजीरिस्तानलेकिन शनिवार के विस्फोट के बाद पाकिस्तान की जनता और माध्यमों का एक गुट, प्रधानमंत्री इम्रान, उनकी सरकार और पाकिस्तानी लष्कर की आलोचना कर रहा है। तालिबान ने इससे पहले ही, पाकिस्तान और तेहरीक के विवाद में वह नहीं पड़ेगा, यह स्पष्ट किया है। वहीं, तेहरीक-ए-तालिबान के नेता, पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की चर्चा संभव नहीं है यह बता कर, अफगानिस्तान की तरह पाकिस्तान में भी अपनी हुकूमत लाने की धमकियाँ दे रहे हैं।

इसके बावजूद भी प्रधानमंत्री इम्रान खान ने तेहरीक के साथ चर्चा करने की बात घोषित करने के बाद, पाकिस्तान में गुस्से की लहर उमड़ी। सन २०१४ में पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए हमले में १३२ बच्चों की जान लेनेवाले और पाकिस्तानी जवानों के सिर फुटबॉल की तरह लताड़नेवाले भयंकर आतंकवादी संगठन के साथ इम्रान खान की सरकार चर्चा कैसे कर सकती है? ऐसे तीखे सवाल पाकिस्तान की जनता, विपक्षी नेता और माध्यमों के कुछ गुट पूछ रहे हैं।

इसी बीच, तालिबान ने काबुल की बागडोर हाथ में लेने के बाद अफगान सीमा के नजदीक, उत्तरी और दक्षिणी वजीरिस्तान, कुर्राम तथा बलोचिस्तान इन पाकिस्तान के प्रांतों में आतंकवादी हमले बढ़े हैं। १ जुलाई से १५ सितंबर इस कालावधी में पाकिस्तानी लष्कर पर हुए तेहरीक के हमलों में भारी मात्रा में वृद्धि होने की जानकारी ‘पाकिस्तान इन्स्टिट्युट ऑफ पीस स्टडिज्’ इस पाकिस्तानी अभ्यास गुट ने ही दी, इस पर भी पाकिस्तानी माध्यम गौर फरमा रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने हालाँकि घोषणा की है, फिर भी तेहरीक ने चर्चा का दावा ठुकरा दिया है। इम्रान सरकार के साथ चर्चा अथवा संघर्ष विराम नहीं हुआ है, ऐसा तेहरीक ने घोषित किया है।

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