ब्रिटेन में होनेवाले पाकिस्तानी लष्कर के आलोचकों को खत्म करने की आईएसआई की साजिश – ब्रिटेन की सुरक्षा यंत्रणा की चेतावनी

लंडन/इस्लामाबाद – पाकिस्तानी लष्कर की आलोचना करनेवाले और विदेश में वास्तव में करनेवाले पत्रकार तथा कार्यकर्ताओं की ‘हिट लिस्ट’ बनाई गई होने की खबर सामने आई है। ब्रिटेन के ‘द गार्डियन’ इस अखबार ने ब्रिटिश सुरक्षा यंत्रणाओं के हवाले से यह जानकारी प्रकाशित की है। पाकिस्तान में इम्रान खान सरकार सत्ता में आने के बाद यह योजना बनाई गई होकर, लष्कर की आलोचना करनेवालों के साथ, बलोचिस्तान और पश्तू आंदोलन के कार्यकर्ताओं को भी लक्ष्य किया जा रहा है। ब्रिटेन के पाकिस्तान में नियुक्त पूर्व उपायुक्त होनेवाले मार्क ग्रँट ने, यह बहुत ही गंभीर बात होने का दावा किया होकर, ब्रिटेन सरकार इसमें फौरन ध्यान दें, ऐसी माँग की है।

पाकिस्तानी लष्करदो महीने पहले लंदन में एक ब्रिटीश-पाकिस्तानी युवा को गिरफ्तार किया गया था। यह युवा नेदरलैंड्स से ब्रिटेन में आया था। नेदरलैंड्स में रहने वाले अहमद गोराया नमक पाकिस्तानी वंश के कार्यकर्ता की हत्या की योजना इस युवा ने बनाई थी, ऐसा तहकिक़ात में सामने आया । इस घटना के बाद ब्रिटेन तथा युरोप में होनेवाले पाकिस्तानी वंश के कार्यकर्ता, पत्रकार तथा लष्कर की आलोचना करनेवाले, इनकी सुरक्षा का मुद्दा चर्चा में आया है। इससे पहले पाकिस्तानी लष्कर और गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’, पाकिस्तान में वास्तव्य करनेवाली आलोचक तथा पत्रकारों की हत्या करवा रहे हैं, यह बात सामने आई थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में विदेश स्थित पाकिस्तानी वंश की आलोचकों को भी लक्ष्य किया जा रहा है, ऐसा सामने आया है।

मई २०२० में स्वीडन में रहनेवाले साजिद हुसेन इस बलोच पत्रकार की हत्या की गई की। उसके कुछ महीने बाद कनाडा में करिमा बलोच इस बलोच महिला कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। स्वीडन तथा कनाडा की यंत्रणाओं ने इस हत्या के पीछे कोई साज़िश होने की बात नकारी थी। लेकिन पाकिस्तानी वंश के आलोचकों में इससे खौफ पैदा हुआ है। लंदन पुलिस के आतंकवाद विरोधी पथक ने यह कबूली दी है कि पाकिस्तानी वंश के पत्रकार और कार्यकर्ताओं की जान को खतरा है। आयेशा सिद्दीका को इस पथक द्वारा ही ‘वॉर्निंग’ दी गई, सामने आया है।

पाकिस्तानी लष्करसिद्दीका के अलावा गुल बुखारी इस पाकिस्तान की पत्रकार महिला को भी ख़तरा होने की बात सामने आई है। पाकिस्तान में रहते बुखारी का अपहरण भी हुआ था। उसके बाद सन २०१८ में वे ब्रिटेन में स्थायिक हुईं। बुखारी अपने घर का पता दूसरे किसी को भी ना दें, ऐसा उन्हें पुलिस द्वारा बताया गया है। ब्रिटेन के साथ ही फ्रान्स तथा जर्मनी में वास्तव में करनेवाले पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को खतरा होने की बात भी सामने आ रही है। ‘कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स’ इस गुट ने भी, पाकिस्तानी वंश के पत्रकारों को मिलनेवालीं धमकियों की दखल ली होकर, यह बात बहुत ही गंभीर है ऐसा कहा है।

पिछले साल पाकिस्तानी सरकार ने एक मेमो जारी करके, युरोप और अमरीका स्थित पाकिस्तानी वंश के पत्रकार, विदेशी प्रसार माध्यमों के ज़रिए सरकार विरोधी मुहिम चला रहे होने का आरोप किया था। उसके बाद लष्कर तथा आईएसआई के एजेंटों द्वारा धमकियाँ मिलनी शुरू हुईं, ऐसा युरोप स्थित एक पत्रकार ने स्पष्ट किया। ‘ब्रिटेन के पत्रकारों पर अगर गैरकानूनी माध्यम से दबाव लाया जा रहा है, तो ब्रिटेन सरकार और सुरक्षा यंत्रणाओं द्वारा इस बात को गंभीरता से लेने की और कार्रवाई करने की ज़रूरत है। अगर आईएसआई द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को धमकाया जा रहा है, तो यह बात नज़रअंदाज करने जैसी नहीं है ’, ऐसा ब्रिटेन के पाकिस्तान में नियुक्त पूर्व उपायुक्त होनेवाले मार्क ग्रँट ने जताया है।

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