इस्रायल में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन

– प्रधानमंत्री के परिजनों को गुप्तचर विभाग के मुख्यालय ले जाया गया

– सरकार के खिलाफ होने से रक्षा मंत्री गैलंट को पद से हटाया गया

जेरूसलम – इस्रायल की न्याय व्यवस्था में सुधार प्रस्तावित करने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू के खिलाफ प्रदर्शन रविवार को अधिक तीव्र हुए। कुल छह लाख से अधिक लोग सरकार विरोधी इन प्रदर्शनों में सड़क पर उतर आए थे। इसके बाद इस्रायल के सियासी दायरे में बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हुई। इस्रायल की न्याय व्यवस्था को सुधारने के लिए रक्षा मंत्री योएव गैलंट ने सरकार विरोधी भूमिका अपनाई है। इसके बाद प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने उन्हें पद से हटाया। इससे नेत्यान्याहू विरोधी इन प्रदर्शनों की तीव्रता अधिक बढ़ी। अमरीका में स्थित इस्रायली दूतावास के वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारी ने भी गैलंट के इस्तीफे के निषेध में अपने पद का भी इस्तीफा दिया है।

तीव्र प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के परिजनों को शासकीय निवास से शीघ्रता से ‘शिन बेन’ के तहत गुप्तचर यंत्रणा के मुख्यालय ले जाया गया है। इन तीव्र प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू न्यायव्यवस्था के सुधार का विधेयक पीछे ले रहे हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। साथ ही इस्रायल में यह उथल-पुथल अपने शत्रुदेशों के लिए सहायक होने की चिंता इस्रायल के कुछ विश्लेषक एवं वृत्तसंस्थाएं व्यक्त कर रही हैं।

इस्रायल के न्यायव्यवस्था में न्यायाधीशों की नियुक्ति के सारे अधिकार सरकार के पास होंगे। साथ ही देश की सुरक्षा को चुनौती देनेवाले कानून में बदलाव करने का अधिकार सरकार के पास होगा, ऐसे कुछ सुधार प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने इस साल की शुरूआत में प्रस्तावित किए थे। इससे न्यायपालिका में उदारतवादियों का हस्तक्षेप बंद होगा, ऐसा दावा नेत्यान्याहू की सरकार ने किया था। लेकिन, यह सुधार प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू के अधिकारों में बढ़ोतरी है, ऐसा आरोप विपक्ष ने लगाया था।

इसके बाद पिछले तीन महीनों से नेत्यान्याहू के सियासी विरोधियों ने इस्रायल के विभिन्न शहरों में प्रदर्शनों का आयोजन किया था। लेकिन, इस बदलाव के सामने झुकने के बजाय इन सुधारों का कार्यान्वयन करने पर नेत्यान्याहू कायम थे। लेकिन, रविवार को रक्षा मंत्री गैलंट ने यकायक अपनी सरकार के खिलाफ न्यायपालिका के सुधार का विरोध किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने गैलंट को पद से हटा दिया। इसी बीच इस्रायल के विभिन्न शहरों में लगभग छह से सात लाख लोगों ने नेत्यान्याहू सरकार के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन किए।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने काफी बड़ी मात्रा में आगजनी की। शिक्षक, छात्र एवं कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठन भी इन प्रदर्शनों में शामिल हुए हैं। स्थिति बेकाबू न हो जाए इसके लिए इस्रायली सुरक्षा यंत्रणाओं की तैनाती की गई है। साथ ही इस्रायल के हवाई अड्डों पर अगली सूचना मिलने तक सभी उड़ानों को रोका गया है। ऐसे में यह भी दावा किया जा रहा है कि, इस्रायली पुलिस और सेना के बीच दरार पडी है। गौरतलब है कि, इस्रायल के दूतावासों का काम भी बाधित हुआ है। इस्रायल के नेत्यान्याहू की सरकार का तख्ता पलटने के लिए शत्रुदेश यहां अस्थिरता फैला रहे हैं, ऐसा दावा इस्रायल के कुछ विश्लेषक और वृत्तसंस्थाएं कर रही हैं।

इस बीच, अगले हफ्ते प्रधानमंत्री वर्णित सुधार को लेकर अहम ऐलान करने की तैयारी में थे। लेकिन, पिछले चौबीस घंटों की गतिविधियों के बाद प्रधानमंत्री सोमवार देर समय इस पर अहम निर्णय घोषित करेंगे, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। इसकी वजह से इस्रायल की इन गतिविधियों पर पूरे विश्व की नज़रे लगी हुई हैं।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.