हमास की वजह से इस्रायल और रशिया के मतभेद तीव्र

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

तेल अवीव – सीरिया में रशिया का निगरानी कर रहा विमान गिराने के बाद रशिया एवं इस्रायल में निर्माण हुए तनाव में अब और बढोतरी हुई है| रशियन सरकार ने गाझापट्टी के हमास के नेताओं को रशिया आने के लिए निमंत्रित किया है| इसपर इस्रायल ने कडी आपत्ति जताई है| लेकिन इसको लेकर इस्रायल ने दर्ख्वाश्त पर विचार नही करेंगे, यह ऐलान रशिया ने किया है|

पिछले हफ्ते रशिया के विदेश मंत्रालय ने गाझा के हमास के नेताओं को चर्चा के लिए रशिया आने का निमंत्रण दिया था| पैलस्टाइन के दोनो राजनीतिक गुटों के साथ चर्चा करने के लिए रशियाने गाझाप्पटी के हमास के पूर्व प्रधानमंत्री इस्माईल हनिया इन्हें निमंत्रित किया था| हमास ने भी रशिया का यह निमंत्रण स्वीकार करके दिसंबर महीने के आखली हफ्तें में हनिया रशिया की यात्रा करेंगे, यह घोषित किया था|

रशिया ने हमास के नेता को दिए निमंत्रण पर इस्रायल ने आपत्ति जताई| इस्रायल के विदेश मंत्रालय ने तेल अवीव में रशियन दूतावास में इस संबंधी नाराजगी दर्ज की है| रशिया हमास इस आतंकी संगठन के साथ चर्चा ना करे, यह गुजारिश इस्रायल ने की है| रशिया में इस्रायली राजदूत ‘गैरी कोरेन’ इन्होंने रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह इनकी भेंट करके इस संबंधी इस्रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इनकी भेंट करने के लिए उत्सुक है, यह स्पष्ट किया है|

इस्रायल के इस प्रस्ताव पर रशियन विदेश मंत्री ने क्या प्रतिक्रिया दी, यह स्पष्ट हो नही पाया| लेकिन रशियन विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने हमास के नेता के साथ भेंट को लेकर इस्रायल की आपत्ति स्पष्ट शब्दों में ठुकराई| इस्रायल भी इजिप्ट या संयुक्त राष्ट्रसंघ की मध्यस्थता की सहायता से हमास के नेताओं से चर्चा करता रहा है, इस ओर रशियन विदेश मंत्रालय ने ध्यान आकर्षित किया है| इस वजह से रशिया और हमास के नेताओं की बातचीत पर इस्रायल आपत्ति ना करे, ऐसी फटकार रशिया ने लगाई है|

पिछले कुछ महीनों से इस्रायल और रशिया के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ है| सितंबर महीने में इस्रायली लडाकू विमानों की घुसपैठ को प्रत्युत्तर देते समय सीरियन लष्कर की हमले में रशिया का गश्ती विमान गिरा था| सीरियन लष्कर ने यह हमला किया था, फिर भी इसके लिए इस्रायल जिम्मेदार है, यह आरोप करके रशिया के लष्कर ने इस्रायल के हमले को जल्द ही प्रत्युत्तर देने की चेतावनी दी थी| उसके बाद रशिया ने सीरिया में ‘एस-४००’ यह हवाई सुरक्षा यंत्रणा भी तैनात की थी|

उसके बाद रशिया के साथ संबंधों में सुधार करने के लिए इस्रायल ने अपने लष्करी और राजनीतिक प्रतिनिधि रशिया रवाना किए थे| प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इन्होंने भी फोन के जरिये रशियन राष्ट्राध्यक्ष के साथ चर्चा की थी| उसके बाद भी रशिया के साथ बना तनाव कम नही हो सका है| उसी में सोमवार के दिन हुई संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में युक्रेन की सरहद के निकट रशिया ने किए सैन्यीकरण के विरोध में रखे प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया?था| वही दो हफ्तें पहले रशिया ने भी हमास को आतंकी संगठन करार करने के लिए रखे प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया था| इस वजह से इस्रायल और रशिया के बीच इस प्रश्‍न को लेकर बने मतभेद तीव्र होते दिखाई दे रहे है|

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