उत्तराखंड में चिनी सैनिकों की घुसपैठ

नवी दिल्ली दि. २७ (पीटीआय) – चिनी सैनिकों ने उत्तराखंड में घुसपैठ की होने की बात सामने आ रही है| उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरिश रावत ने भी इस ख़बर की पुष्टि की है| १९ जुलाई को भारत के ‘भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल’ (आयटीबीपी) के जवान और चीन के सैनिक आमने सामने आये थे|

harish-rawatइस घटना का रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजा गया है| लेकिन इस घटना की पूछताछ जारी है और पूछताछ के बाद ही नतीजा निकाला जा सकता है, ऐसा केंद्रीय गृहराज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कहा|

जून महीने में, चीन के सैनिकों ने तीन बार भारत की सीमा में घुसपैठ करने की ख़बर प्रकाशित हुई थी| तभी १९ जुलाई को चिनी सैनिकों का पथक उत्तराखंड के चिमोली जिले में दाखिल हुआ था| उत्तराखंड की लगभग ३५० किलोमीटर की सीमारेखा चीन से सटकर है| यहाँ के चिमोली ज़िले तक घुसपैठ करते हुए चीन के सैनिकों ने भारत को और एक बार उक़साया| लेकिन ‘आयटीबीपी’ के जवानों ने चीन के सैनिकों को समय पर ही रोका| इस घुसपैठ को लेकर दोनों देशों के जवानों के बीच विवाद चला| लेकिन यहाँ पर किसी प्रकार का संघर्ष नहीं हुआ और चिनी जवान लौट गए|

मुख्यमंत्री हरिश रावत ने इसकी जानकारी वृत्तसंस्थाओं के साथ बात करते समय दी| साथ ही, इस संवेदनशील घटना को केंद्र सरकार जरूर गंभीरता से लेगी और सुरक्षा के लिहाज़ से ज़रूरी कदम उठायेगी, ऐसा विश्‍वास रावत ने जताया| ‘आयटीबीपी’ ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपा हुआ होने की जानकारी सामने आ रही है| केंद्रीय गृहराज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने इस घटना पर बात करते समय, ‘पूछताछ अभी जारी है। इसलिए यह घुसपैठ थी या नहीं, यह अबतक स्पष्ट नहीं हो पाया है, ऐसा रिजीजू ने कहा|

इसी दौरान, पिछले कुछ सप्ताहों से चिनी सैनिकों द्वारा भारत में घुसपैठ बढ़ गई है, ऐसी जानकारी सामने आयी है| ९ जून को भी अरुणाचल प्रदेश के किमांग इलाके में २५० चिनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी| यांगसे सेक्टर के शंकरतिकी इलाके तक चिनी सैनिक पहुँच चुके थे| लेकिन यहाँ पर तैनात भारतीय सैनिकों ने चिनी सेना की टुकड़ी को पीछे लौटाया| उसके पश्चात् के समय में, यहाँ का तनाव कम करने के लिए चिनी सैनिकों ने भारतीय जवानों को चॉकलेट्स उपहार स्वरुप दिये, ऐसी खबर भी प्रकाशित हुई थी।

भारत और चीन के बीच सीमारेखा-शांति क़ायम है और यहाँ पर किसी भी प्रकार का संघर्ष नहीं भड़का है, इस बात को भारत और चीन के नेता बारबार दोहराते रहते है| इसके बावजूद, पिछले कुछ सालों से चिनी सैनिक थोड़े थोड़े समय के बाद भारत की सीमा में घुसपैठ करके सीमावाद को बरक़रार रखने की कोशिश करते रहते हैं, ऐसा सामने आया है|

इसी वजह से चीन ने, फिलहाल तनाव बरक़रार रखने के बावजूद भी शांति रखने की नीति अपनाई है, ऐसा दिखाई देता है| भारतीय सेना पर दबाव बनाये रखने के लिए चीन ने अपने भारत से सटे हुए सीमावर्ती इलाकों में सेना की गतिविधियाँ बढ़ाई हैं, यह स्पष्ट हुआ है| यहाँ पर चिनी सेना की तैयारी को देखते हुए, भारत ने चीन से सटे हुए सीमावर्ती इलाकों में, दूर तक हमला कर सकनेवालीं आधुनिक तोपों को तैनात करने का निर्णय लिया है|

भारत के इस निर्णय पर चीन से तीख़ी प्रतिक्रिया आई थी| ‘भारत सीमावर्ती इलाके में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है’ ऐसी आलोचना चीन के सरकारी समाचारपत्रों ने की थी| इससे चीन द्वारा भारत में किये जानेवाले निवेश पर असर होगा, ऐसा चीन के सरकारी मुखपत्र ने भारत से कहा|

पर भारत ने इसको जवाब नहीं दिया है| चीन अधिकृत स्तर पर भारत के साथ अच्छे रिश्ते बनाने के लिए प्रयास कर रहा है; वहीं, मीड़िया के जरिये भारत को चेतावनी देने की कोशिशें भी कर रहा है| उसी समय, चिनी सैनिक भारत की भूमि में घुसपैठ करते समय भी, यहाँ पर किसी प्रकार का संघर्ष ना हो इसके लिए एहतियात बरत रहे हैं|

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