अफगानिस्तान से सेना वापसी के बाद भी अमरीका लष्करी अड्डों का कब्ज़ा नहीं छोड़ेगी – अमरीका के रक्षादल प्रमुख जनरल मार्क मिले

वॉशिंग्टन/काबुल – अफगानिस्तान के पाकतिया प्रांत में आतंकियों ने कराये आत्मघाती हमले में अफगानी गुप्तचर यंत्रणा के तीन अधिकारी मारे गये हैं। कतार में अफगान सरकार और तालिबान में जारी चर्चा को सफलता मिल रही होने की ख़बर प्रकाशित होने के बाद अफगानिस्तान में यह विस्फोट हुआ। इसी बीच, हालाँकि अमरीका अफगानिस्तान से सेनावापसी कर रही है, फिर भी यहाँ के दो बड़े लष्करी अड्डें छोड़नेवाली नहीं होने की घोषणा अमरीका के रक्षादलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने की।

afghan-us-militaryअफगानिस्तान में अमरीका के कम से कम ४५०० सैनिक तैनात होने का दावा किया जाता है। इनमें से २५०० सैनिक अमरीका वापस बुलाने की घोषणा अमरीका द्वारा की गयी है। यह सेनावापसी १५ जनवरी २०२१ तक पूरी होगी, ऐसा अमरीका के रक्षादलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने स्पष्ट किया। लेकिन यह सेनावापसी करने के बाद भी अफगानिस्तान में दो बड़े अड्डें अमरिकी लष्कर के कब्ज़े में ही रहेंगे, ऐसा अमरीका के रक्षादलप्रमुख ने घोषित किया। इन दो लष्करी अड्डों के साथ अफगानिस्तान में कुछ ‘सॅटेलाईट बेस’ यानी लड़ाक़ू विमानों से सुसज्जित होनेवाले लष्करी प्रशिक्षण अड्डें भी अमरिकी लष्कर के नियंत्रण में रहेंगे, ऐसी जानकारी रक्षादलप्रमुख ने दी।

१५ जनवरी के बाद अफगानिस्तान में अमरीका की सेनातैनाती में हालाँकि कटौती होनेवाली है, लेकिन फिर भी इससे अमरीका की दो मुख्य मुहिमों पर कोई भी परिणाम होनेवाला नहीं, ऐसा जनरल मिले ने कहा। अफगानी जवानों को लष्करी प्रशिक्षण देना और अल कायदा तथा ‘आयएस’ आतंकियों के ख़िलाफ़ जारी कार्रवाई में कतई फ़र्क़ पड़नेवाला नहीं, ऐसा जनरल मिले ने कहा। रक्षादलप्रमुख जनरल मिले ने की यह घोषणा यानी अमरीका की अफगानिस्तान से सेनावापसी के कारण खुश हुए आतंकवादी गुटों के लिए चेतावनी होने का दावा किया जाता है।

afghan-us-militaryअफगानिस्तान में कौनसे अड्डे अमरीका के कब्ज़े में रहेंगे अथवा किन अड्डों का कब्ज़ा अमरीका छोड़ेगी, इसका विवरण देना जनरल मिले ने टाला। साथ ही, अफगानिस्तान से यह सेना वापसी और संबंधित निर्णय अमरीका में सत्ताबदलाव होने तक ही क़ायम रहेंगे, ऐसे संकेत जनरल मिले ने दिये। ज्यो बायडेन ने अमरीका के सत्ता की बाग़ड़ोर सँभालने के बाद वे अफगाणिस्तान से सेनावापसी के बारे में क्या फ़ैसला करेंगे, इसके बारे में मैं बात नहीं कर सकता, ऐसा जनरल मिले ने कहा है। इससे यही संकेत मिल रहे हैं कि बायडेन के कार्यकाल में अमरीका की अफगानिस्तान विषयक भूमिका में बदलाव अपेक्षित हैं।

इसी बीच, कतार में अफगान सरकार और तालिबान में जारी चर्चा को सफलता मिल रही होने का दावा दोनों गुटों ने किया है। दोनों गुटों में चल रही बातचीत के मुद्दों पर जल्द ही चर्चा होगी, ऐसा अफगान सरकार तथा तालिबान की ओर से घोषित किया गया। इससे पहले भी इस प्रकार की ख़बरें प्रकाशित हुईं थीं। उसके बाद भी अफगानिस्तान में हिंसाचार कम नहीं हुआ था।

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