परमाणु समझौता बरक़रार रखना है, तो बायडेन ईरान को निर्बंधमुक्त करें – ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ

रोम/वॉशिंग्टन – अगले महीने अमरीका की सत्ता की बाग़ड़ोर हाथ में लेनेवालें ज्यो बायडेन, ईरान पर थोंपे हुए सभी निर्बंध हटाकर अपना सच्चेपन साबित करें। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के खिलाफ़ पुकारा हुआ आर्थिक युद्ध रोकें। उसके बाद ही ईरान परमाणु समझौते की मर्यादाओं का पालन करेगा, ऐसी शर्त ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ ने रखी है। दो दिन पहले बायडेन ने अमरिकी माध्यमों को दिए इंटरव्यू में, परमाणु समझौता बरक़रार रखने के लिए ईरान हमारी माँगें मान्य करें, ऐसा कहा था। उसपर झरिफ ने यह प्रतिक्रिया दी है।

iran-nuclear-dealराष्ट्राध्यक्ष-नियुक्त होनेवाले बायडेन ने अमरिकी माध्यमों को दिए इंटरव्यू में ईरान का परमाणु समझौता, परमाणु वैज्ञानिक की हत्या और खाड़ीक्षेत्र का तनाव इनपर अपनी भूमिका रखी। यदि ईरान को लगता है कि अमरीका परमाणु समझौते में सहभागी हों और निर्बंध शिथिल करें, तो ईरान परमाणु समझौते से संबंधित हमारी नयीं माँगें मान्य करें। परमाणु समझौते के पीछे लष्करी हेतु नहीं है, यह साबित करें, ऐसी माँग बायडेन ने अख़बार को दिये इंटरव्यू में की। वहीं, किसी भी हालत में ईरान को परमाणु बम से लैस ना होने देंगे, ऐसा बायडेन ने न्यूज़ चैनल को दिये इंटरव्यू में स्पष्ट किया।

ईरान के सामने परमाणु समझौते की नयीं शर्तें रखते समय बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प की ईरान संबंधित नीति की आलोचना की थी। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सन २०१८ में इस परमाणु समझौते से पीछे हटने का फ़ैसला करने के बाद भी, ईरान का परमाणु कार्यक्रम रुका नहीं है, बल्कि ईरान परमाणु बम निर्माण के अधिक ही क़रीब पहुँचा होने का आरोप बायडेन ने किया। उसीके साथ, फिर एक बार युरोपिय देशों को एकसाथ लेकर ईरान के साथ परमाणु समझौता करने के लिए कोशिश करेंगे, ऐसा बायडेन ने कहा था। वहीं, पिछले हफ़्ते ईरानी वैज्ञानिक फखरीझादेह की हत्या के कारण ईरान के साथ की चर्चा को ठेस नहीं पहुँचेगी, ऐसी उम्मीद बायडेन ने व्यक्त की।

ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ ने इटली में एक परिषद को संबोधित करते हुए बायडेन ने दिये इस प्रस्ताव पर अपने देश की भूमिका रखी। ‘आंतर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग के लगातार १५ रिपोर्ट्स के माध्यम से ईरान ने इस परमाणुसमझौते में अपनी प्रामाणिकता साबित की है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने परमाणु समझौते से पीछे हटने का फ़ैसला करने के बाद के पाँच रिपोर्ट्स का इनमें समावेश है। अब अमरीका को अपना सच्चापन साबित करने की आवश्यकता है। इसके आगे यदि अमरीका इस परमाणु समझौते को लेकर अपना सच्चापन साबित किया, तो ही ईरान परमाणु समझौते की मर्यादाओं का पालन करेगा’, ऐसा झरिफ ने इस परिषद में स्पष्ट किया।

iran-nuclear-dealवहीं, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान पर थोंपा हुआ आर्थिक युद्ध, निर्बंध पूरी तरह हटायें, ऐसी माँग झरिफ ने की। इन निर्बंधों के कारण ईरान का २५० अरब डॉलर्स का नुकसान हुआ होकर, दवाइयाँ और वैद्यकीय सामग्रियों की ख़रीद भी मुश्किल हुई है, ऐसी आलोचना झरिफ ने की। इसके अलावा, परमाणु समझौते के साथ बँधे हुए होने का दावा करनेवाले युरोपिय देशों की भी झरिफ ने आलोचना की। पाँच सालों के इस परमाणु समझौते के बाद भी युरोप की कंपनियों का ईरान में निवेश नहीं हुआ है, युरोपिय देश ईरान से ईंधन की ख़रीद नहीं करते अथवा युरोपिय बैंकों से ईरान को पैसा भी नहीं मिला है, ऐसी शिक़ायत झरिफ ने की।

साथ ही, पिछले साल पश्चिमी देशों ने खाड़ीक्षेत्र के देशों ने १०० अरब डॉलर्स से अधिक क़ीमत के हथियारों की बिक्री की होने की नाराज़गी ईरान के विदेशमंत्री ने ज़ाहिर की। पश्चिमी देश अपनी ये हरक़तें बंद करें। साथ ही, सौदी अरब तथा युएई ये देश इस्रायल के लिए ईरान के खिलाफ़ युद्ध ना लड़ें, ऐसी चेतावनी भी झरिफ ने दी।

इसी बीच, बायडेन सत्ता सँभालने तक ईरान पर अधिक से अधिक सख़्त निर्बंध थोंपे जायेंगे, ऐसी चेतावनी ट्रम्प प्रशासन ने पहले ही दी है। वहीं, बायडेन सत्ता सँभालने तक ईरान कोई भी अनचाही हरक़त ना करें, ऐसा आवाहन अमरीका में बायडेन के समर्थकों द्वारा किया जा रहा है।

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