नासा ने ‘प्लैनेटरी डिफेन्स मिशन’ के तहत अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित किया

nasa-dartवॉशिंग्टन – पृथ्वी की दिशा में बढ़ रहे लघुग्रह का मार्ग बदलने की तकनीक का परीक्षण करने के लिए नासा ने बुधवार के दिन ‘डार्ट’ (डबल एस्ट्रॉईड रिडायरेक्शन टेस्ट) अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया| यह अंतरिक्ष यान नासा की ‘प्लैनेटरी डिफेन्स मिशन’ का हिस्सा है| इस उपक्रम के तहत पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करके नुकसान पहुंचाने की क्षमता वाले घटकों के खिलाफ सुरक्षा व्यवस्था तैयार करने की तैयारी जारी है| ‘डार्ट’ का यह प्रक्षेपण ‘प्लैनेटरी डिफेन्स मिशन’ के तहत चलाया जानेवाला पहला अभियान है|

dart-spacecraftबुधवार की सुबह तकरीबन ६.१५ बजे ‘स्पेसेक्स’ कंपनी के ‘फाल्कन ९ रॉकेट’ की सहायता से ‘डार्ट’ का सफल परीक्षण किया गया| यह यान ६८ लाख मील यात्रा करके ‘डिमॉर्फोस’ नामक लघु ग्रह से टकराएगा| इस लघुग्रह से पृथ्वी को सीधे खतरा नहीं है| लेकिन इस टक्कर का असर भविष्य में पृथ्वी की सुरक्षाव्यवस्था के लिए अहम साबित होगी, ऐसा नासा ने कहा है| ‘डार्ट’ का यह अभियान १० महीनों तक चलेगा और अगले वर्ष सितंबर में यह यान लघुग्रह से टकराएगा, यह जानकारी साझा की गई है|

‘डार्ट’ यान ‘डिमॉर्फोस’ की कक्षा में कुछ मात्रा में बदलाव करेगा| लेकिन, यही बात अहमियत रखती है| लघुग्रह से संबंधित पहले इशारा प्राप्त होने के बाद यही जानकारी अहम साबित होगी’, ऐसा नासा की वरिष्ठ अधिकारी केली फास्ट ने स्पष्ट की| ‘डिमॉर्फोस’ १६० मीटर व्यास का लघुग्रह है और इसके साथ ‘डिडिमॉस’ नामक बड़ा लघुग्रह भी होगा, ऐसा कहा जा रहा है|

अंतरिक्ष में फिलहाल २७ हज़ार से अधिक लघुग्रह एवं अन्य घटक घूम रहे हैं और करीबी दिनों में वे पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है| लेकिन, भविष्य में किसी खतरनाक लघुग्रह की खोज होने पर इसे रोकने के लिए ‘डार्ट’ से प्राप्त जानकारी के अनुमान उपयुक्त साबित हो सकते हैं, यह दावा नासा के वैज्ञानिकों ने किया है| ‘डार्ट’ अभियान के दौरान ‘कायनेटिक इम्पैक्ट’ तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है और यह यान प्रति सेकंड छह किलोमीटर गति से लक्ष्य पर टकराएगा|

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