ईरान पर हमले के लिए अमरिका से अरब नाटो के लिए गतिविधियां शुरू

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वॉशिंग्टन – अमरिका इराक पर हमला करने की तैयारी में होने की खबरें प्रसिद्ध हो रही है। यह खबरें प्रसिद्ध होते समय अमरिका ने ईरान पर हमले के लिए अरब नाटो का उपयोग करने की तैयारी करने के संदेश दिए जा रहे हैं। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले वर्ष नाटो के पृष्ठभूमि पर अरब देशों की लष्करी संघटना निर्माण करने की प्रयत्न शुरू किए थे। उसका उपयोग ईरान के विरोध में किया जाएगा यह भी ट्रम्प ने स्पष्ट किया था।

पिछले वर्ष जुलाई महीने में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सऊदी अरेबिया का दौरा करके अरब इस्लामी देशों की बैठक की थी। उस बैठक में आतंकवाद विरोधी संघर्ष के लिए अरब इस्लामी देशों की संयुक्त संघटना निर्माण करने की बात राष्ट्राध्यक्ष ने घोषित की थी। इस दौरे पर होते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने गल्फ़ को-ऑपरेशन काउंसिल के सदस्य देशों के साथ इजिप्त एवं जॉर्डन के नेताओं की बैठक करते हुए नाटो के पृष्ठभूमि पर अरब मित्र देशों के लष्करी संघटना के विषय में चर्चा की थी।

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आतंकवाद विरोधी संघर्ष के साथ हवाई सुरक्षा यंत्रणा निर्माण करना एवं अरब मित्र देशों में लष्कर सहयोग बढ़ाना यह संघटना के निर्माण का उद्देश्य था, ऐसा माध्यमों ने प्रसिद्ध किया है। इसके लिए प्रस्तावित किए कराए को ‘मिडिल ईस्ट स्ट्रेटेजिक एलाइंस’ ऐसा नाम दिया गया था। अरब मित्र देशों की मेंसा यह संघटना ईरान की आक्रामकता आतंकवाद कट्टरवाद के विरोध में काम करेगी और इस क्षेत्र में स्थिरता प्रस्थापित करेगी ऐसा दावा अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के प्रवक्ता ने किया था।

अरब देशों की इस लष्करी संघटना के आगे चलकर धारणाओं पर चर्चा करने के लिए आने वाले १२ एवं १३ अक्टूबर के रोज वॉशिंग्टन में विशेष बैठक का आयोजन होने की जानकारी अमरिकी तथा अरब अधिकारियों ने दी है। इस बैठक में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे या नहीं यह बात अब तक स्पष्ट नहीं हुई है। पर इस बैठक के बाद ईरान के विरोध में गतिविधियां बढ़ेगी ऐसा दावा अमरीकी विश्लेषक कर रहे हैं।

इससे पहले अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने भी नाटो के पृष्ठभूमि पर अरब देशों की लष्करी संघटना निर्माण करने का प्रयत्न किया था। पर इन प्रयत्नों को सफलता नहीं मिली थी। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अमरिका के सूत्र हाथ लेने के बाद इन प्रयत्नों की तीव्रता बढ़ाने का दावा अरब अधिकारी कर रहे हैं।

ईरान के विरोध में अरब देशों का स्तर निर्माण करने में अमरिका को सफलता मिली है। तथा इरान का सामना करना आसान हो सकता है। ट्रम्प ने इससे पहले भी इसकी पूर्व तैयारी करके सऊदी अरेबिया को इस संगठन का नेतृत्व किया जाएगा, ऐसे संकेत दिए थे। सऊदी ने भी इसके लिए अपना प्रभाव इस्तेमाल करने की शुरुआत की है और येमेन, सीरिया तथा इराक में सऊदी की गतिविधियां तीव्र होती दिखाई दे रही है। इस पृष्ठभूमि पर मेसा के बारे में प्रसिद्ध हुई यह जानकारी ईरान के लिए चेतावनी मानी जा रही है।

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